आम आदमी पार्टी ने अब भाजपा शासित दक्षिण दिल्ली नगर निगम पर स्टेडियम बेचने का आरोप लगाया है। आप के मुख्य प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम ने छह स्टेडियम बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है और उसे स्थायी समिति की बैठक में लाया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नगर निगम ने भीमराव अंबेडकर स्टेडियम, मादीपुर स्टेडियम, खाटू श्याम मिनी स्टेडियम, साहिब सिंह वर्मा स्टेडियम ककरौला, झाड़ौदा कलां मिनी स्टेडियम और पंजाबी बाग स्टेडियम को बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है।
नगर निगम ने प्रस्ताव में लिखा है कि स्टेडियम के बाद स्कूलों के प्लेग्राउंड और स्कूलों में उपलब्ध जमीन भी निजी हाथों में बेच दी जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि भाजपा को नगर निगम की सारी संपत्तियों को बेचकर चंपत होने से रोकने के लिए आगामी चुनाव में नगर निगम से बाहर कर उसे सबक सिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि ये स्टेडियम सीधे-सीधे बच्चों की अमानत है, वहीं भाजपा दिल्ली का भविष्य बनने वाले स्थान को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है, जबकि डीडीए से जमीन नहीं मिलने के कारण दिल्ली में अभी भी स्कूलों की भारी कमी है और नगर निगम स्कूल, खेल मैदान, स्टेडियम निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है।
विस्तार
आम आदमी पार्टी ने अब भाजपा शासित दक्षिण दिल्ली नगर निगम पर स्टेडियम बेचने का आरोप लगाया है। आप के मुख्य प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम ने छह स्टेडियम बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है और उसे स्थायी समिति की बैठक में लाया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नगर निगम ने भीमराव अंबेडकर स्टेडियम, मादीपुर स्टेडियम, खाटू श्याम मिनी स्टेडियम, साहिब सिंह वर्मा स्टेडियम ककरौला, झाड़ौदा कलां मिनी स्टेडियम और पंजाबी बाग स्टेडियम को बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है।
नगर निगम ने प्रस्ताव में लिखा है कि स्टेडियम के बाद स्कूलों के प्लेग्राउंड और स्कूलों में उपलब्ध जमीन भी निजी हाथों में बेच दी जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि भाजपा को नगर निगम की सारी संपत्तियों को बेचकर चंपत होने से रोकने के लिए आगामी चुनाव में नगर निगम से बाहर कर उसे सबक सिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि ये स्टेडियम सीधे-सीधे बच्चों की अमानत है, वहीं भाजपा दिल्ली का भविष्य बनने वाले स्थान को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है, जबकि डीडीए से जमीन नहीं मिलने के कारण दिल्ली में अभी भी स्कूलों की भारी कमी है और नगर निगम स्कूल, खेल मैदान, स्टेडियम निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है।