उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य देवांगना कलीता को मंगलवार को जमानत दे दी है। देवांगना पर पुलिस ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को सीएए के विरोध में दंगे के लिए भड़काने का आरोप लगाया था। अदालत ने कहा कि देवांगना के जिस भाषण की बात हो रही है उसमें कुछ भी भड़काऊ नहीं हैं।
उन्हें 25000 के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने देवांगना को देश छोड़कर जाने से भी मना किया है। हालांकि उन पर स्पेशल सेल का भी एक केस है जिसके चलते उनकी रिहाई अभी नहीं हो सकी है।
पुलिस नहीं पेश कर पाई थी देवांगना के खिलाफ वीडियो
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में पुलिस से कहा कि वह कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य देवांगना कलीता का लोगों को भड़काते हुए वीडियो पेश करे। हालांकि पुलिस ने कहा कि दंगे के दौरान लोगों को भड़काने का वीडियो नहीं है, लेकिन 24 और 25 फरवरी को हुए दंगे से पहले के ऐसे वीडियो हैं, जिनमें वह भड़काऊ भाषण दे रही हैं।
पुलिस ने कहा था कि उसके पास 22 तथा 23 फरवरी के भी वीडियो हैं जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि कलीता ने लोगों को सीएए के विरोध में भड़काया था।
इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि मुझे उस भाषण का कोई अंश दिखाइए जिसे मीडिया या किसी अन्य ने रिकॉर्ड किया हो, जिसमें कलीता भीड़ को अपराध करने के लिए उकसा रही हों। कोर्ट ने कहा कि उस दौरान हर तरफ मीडिया की मौजूदगी थी और वे रिकार्डिंग कर रहे थे। कोर्ट जानना चाहती है कि कलीता ने क्या कहा जिससे भीड़ भड़की।
वहीं पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि 25 फरवरी को घटना के वक्त कोई मीडिया नहीं था और गवाहों के बयान भीड़ को उकसाने में देवांगना की भूमिका को दर्शाते हैं। इसके बाद पीठ ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित लिया था, जिस पर आज फैसला आया।
उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य देवांगना कलीता को मंगलवार को जमानत दे दी है। देवांगना पर पुलिस ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को सीएए के विरोध में दंगे के लिए भड़काने का आरोप लगाया था। अदालत ने कहा कि देवांगना के जिस भाषण की बात हो रही है उसमें कुछ भी भड़काऊ नहीं हैं।
उन्हें 25000 के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने देवांगना को देश छोड़कर जाने से भी मना किया है। हालांकि उन पर स्पेशल सेल का भी एक केस है जिसके चलते उनकी रिहाई अभी नहीं हो सकी है।
पुलिस नहीं पेश कर पाई थी देवांगना के खिलाफ वीडियो
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में पुलिस से कहा कि वह कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार पिंजरा तोड़ समूह की सदस्य देवांगना कलीता का लोगों को भड़काते हुए वीडियो पेश करे। हालांकि पुलिस ने कहा कि दंगे के दौरान लोगों को भड़काने का वीडियो नहीं है, लेकिन 24 और 25 फरवरी को हुए दंगे से पहले के ऐसे वीडियो हैं, जिनमें वह भड़काऊ भाषण दे रही हैं।
पुलिस ने कहा था कि उसके पास 22 तथा 23 फरवरी के भी वीडियो हैं जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि कलीता ने लोगों को सीएए के विरोध में भड़काया था।
इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि मुझे उस भाषण का कोई अंश दिखाइए जिसे मीडिया या किसी अन्य ने रिकॉर्ड किया हो, जिसमें कलीता भीड़ को अपराध करने के लिए उकसा रही हों। कोर्ट ने कहा कि उस दौरान हर तरफ मीडिया की मौजूदगी थी और वे रिकार्डिंग कर रहे थे। कोर्ट जानना चाहती है कि कलीता ने क्या कहा जिससे भीड़ भड़की।
वहीं पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि 25 फरवरी को घटना के वक्त कोई मीडिया नहीं था और गवाहों के बयान भीड़ को उकसाने में देवांगना की भूमिका को दर्शाते हैं। इसके बाद पीठ ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित लिया था, जिस पर आज फैसला आया।