राजधानी में साहित्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, पत्रकारिता और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख रूप से योगदान देने वाली आठ हस्तियों को पद्म विभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। सम्मान पाने वालों में एमडीएच मसालों के नाम से दुनिया भर में अपनी धाक जमाने वाले महाश्य धर्मपाल गुलाटी और पत्रकारिता में नाम कमाने वाले कुलदीप नैयर भी शामिल है। शनिवार को जारी 112 हस्तियों की सूची में आठ नाम दिल्ली के है।
महाश्य धर्म पाल गुलाटी
पद्म विभूषण के लिए चुने गए महाश्य धर्म पाल गुलाटी को ट्रेड एवं इंडस्ट्री (खाद्य) में विशेष काम करने के लिए यह सम्मान दिया गया है। एमडीएच मसालों के संस्थापक व सीईओ देश-विदेश में एक प्रतिष्ठित चेहरा है।
कुलदीप नैयर
दिवंगत पत्रकार कुलदीप नैयर को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने 60 से ज्यादा समाचार पत्रों में कॉलम लिखे। अगस्त 2018 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
वीके शुंगलू
इसी प्रकार भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक आईएएस वीके शुंगलू को सिविल सर्विस में विशेष योगदान के लिए पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
पद्मश्री के लिए सम्मानित
प्रोफेसर दलीप चक्रवर्ती
वयोवृद्ध पुरातत्वविद् और प्रोफेसर दलीप चक्रवर्ती को पुरातत्व में योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। वे प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व पर छात्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं।
गौतम गंभीर
खेल (क्रिकेट) में विशेष योगदान के लिए गौतम गंभीर को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है। वे पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रहे हैं और गंभीर ने 15 वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया।
संदीप गुलेरिया
स्वास्थ्य सेवा (सर्जरी) में विशेष योगदान के लिए संदीप गुलेरिया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। वे इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में अग्रणी प्रत्यारोपण सर्जन रहे हैं और वर्तमान में एम्स में प्रोफेसर है। वीआईपी का इलाज उनकी देखरेख में ही होता है।
एस.जयशंकर
भारत के पूर्व विदेश सचिव एवं आईएफएस एस.जयशंकर को भी पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है।
मो. हनीफ खान शास्त्री
साहित्य एवं शिक्षा (संस्कृत) में विशेष योगदान के लिए मो. हनीफ खान शास्त्री को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। वे संस्कृत के विद्वान और लेखक है। प्राचीन भारतीय श्लोकों पर आधारित अपनी पुस्तकों और कविताओं के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।
राजधानी में साहित्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, पत्रकारिता और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख रूप से योगदान देने वाली आठ हस्तियों को पद्म विभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। सम्मान पाने वालों में एमडीएच मसालों के नाम से दुनिया भर में अपनी धाक जमाने वाले महाश्य धर्मपाल गुलाटी और पत्रकारिता में नाम कमाने वाले कुलदीप नैयर भी शामिल है। शनिवार को जारी 112 हस्तियों की सूची में आठ नाम दिल्ली के है।
महाश्य धर्म पाल गुलाटी
पद्म विभूषण के लिए चुने गए महाश्य धर्म पाल गुलाटी को ट्रेड एवं इंडस्ट्री (खाद्य) में विशेष काम करने के लिए यह सम्मान दिया गया है। एमडीएच मसालों के संस्थापक व सीईओ देश-विदेश में एक प्रतिष्ठित चेहरा है।
कुलदीप नैयर
दिवंगत पत्रकार कुलदीप नैयर को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने 60 से ज्यादा समाचार पत्रों में कॉलम लिखे। अगस्त 2018 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
वीके शुंगलू
इसी प्रकार भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक आईएएस वीके शुंगलू को सिविल सर्विस में विशेष योगदान के लिए पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
पद्मश्री के लिए सम्मानित
प्रोफेसर दलीप चक्रवर्ती
वयोवृद्ध पुरातत्वविद् और प्रोफेसर दलीप चक्रवर्ती को पुरातत्व में योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। वे प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व पर छात्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं।
गौतम गंभीर
खेल (क्रिकेट) में विशेष योगदान के लिए गौतम गंभीर को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है। वे पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रहे हैं और गंभीर ने 15 वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया।
संदीप गुलेरिया
स्वास्थ्य सेवा (सर्जरी) में विशेष योगदान के लिए संदीप गुलेरिया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। वे इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में अग्रणी प्रत्यारोपण सर्जन रहे हैं और वर्तमान में एम्स में प्रोफेसर है। वीआईपी का इलाज उनकी देखरेख में ही होता है।
एस.जयशंकर
भारत के पूर्व विदेश सचिव एवं आईएफएस एस.जयशंकर को भी पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया है।
मो. हनीफ खान शास्त्री
साहित्य एवं शिक्षा (संस्कृत) में विशेष योगदान के लिए मो. हनीफ खान शास्त्री को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। वे संस्कृत के विद्वान और लेखक है। प्राचीन भारतीय श्लोकों पर आधारित अपनी पुस्तकों और कविताओं के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।