गुरुग्राम के रिटायर्ड तहसीलदार को अपने दोस्त पर ज्यादा भरोसा करना भारी पड़ गया। दोस्त ने रिटायर्ड तहसीलदार के मकान को किराए पर लेकर हड़प लिया। इसका खुलासा उस समय हुआ जब रिटायर्ड तहसीलदार को अदालत से समन मिला। इस पर उसने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत देकर 40 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया है।
मूल रूप से पुन्हाना नूंह निवासी अय्यूब खान ने बताया कि वह बादशाहपुर से तहसीलदार (माल) के पद से रिटायर हुआ है। गांव सकतपुर निवासी शाहिद खान से उनकी अच्छी दोस्ती थी। तहसील के कार्य में व्यस्त होने के कारण उनके सभी निजी कार्य शाहिद खान करता था।
शाहिद खान के कहने पर उन्होंने एक पांच मंजिला मकान खरीदा जिसमें 10 कमरे बने हुए थे। शाहिद ने अपने रिश्तेदार प्रॉपर्टी डीलर अब्बास खान के साथ मिलकर यह मकान 1.60 लाख रुपए में किराए पर ले लिया। अय्यूब खान ने आरोप लगाया कि 3 सितंबर 2019 को शाहिद ने उनके खाते में 40 लाख रुपए जमा कराया। पूछताछ पर शाहिद खान ने यह रुपये गलती से ट्रांसफर होना बताते हुए चेक ले लिया।
कुछ दिन बाद यह चेक गुम होने की बात कहकर दूसरा चेक ले लिया जो बाउंस हो गया। इसके बाद शाहिद खान ने रिटायर्ड तहसीलदार से यह रुपया आरटीजीएस के जरिए वापस ले लिए। इसके बाद उन्हें मकान का किराया देना बंद कर दिया। तहसीलदार ने पुलिस को बताया कि इसके बाद अब्बास खान व शाहिद खान ने उन्हें 10 महीने का किराया 16 लाख रुपए चेक से दे दिए।
आरोप है कि उन्हें 1 जुलाई 2021 को अदालत से समन प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने अपना मकान शाहिद व अब्बास को बेचना दिखाया। जिसमें 40 लाख व 16 लाख रुपए की पेमेंट करना दिखाया गया। इसके बाद उन्होंने शाहिद खान से बात करने के लिए फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। परिजनों को एकत्र करके पंचायत की गई, लेकिन शाहिद नहीं माना। इस पर उन्होंने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कंपनी ने दुकान के नाम पर की ठगी
तावड़ू निवासी भूप सिंह ने बताया कि वह महालक्ष्मी गार्डन राजेंद्रा पार्क में परिवार समेत रहते हैं। उन्होंने साल 2016 में जेमएस बिल्डटेक के सेक्टर-92 प्रोजेक्ट में एक दुकान खरीदने के लिए संपर्क किया था। यहां वह प्रॉपर्टी डीलर प्रभात कुमार के साथ गए थे। जिसके जरिए उन्होंने कंपनी कर्मचारी मयंक को दुकान खरीदने के लिए करीब 13.27 लाख रुपए जमा कराए थे। इसके बाद कंपनी ने उन्हें 11516 रुपए प्रतिमाह किराया देने की बात कही थी। आरोप है कि बिल्डर ने जनवरी 2020 से किराया देना बंद कर दिया। इसके बाद वह कंपनी के कार्यालय गए थे, लेकिन उन्होंने किराया देने से इंकार करते हुए उनसे गाली गलौज करनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं कंपनी कर्मचारियों ने उन्हें यहां दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी दी है। सुशांत लोक थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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गुरुग्राम के रिटायर्ड तहसीलदार को अपने दोस्त पर ज्यादा भरोसा करना भारी पड़ गया। दोस्त ने रिटायर्ड तहसीलदार के मकान को किराए पर लेकर हड़प लिया। इसका खुलासा उस समय हुआ जब रिटायर्ड तहसीलदार को अदालत से समन मिला। इस पर उसने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत देकर 40 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया है।
मूल रूप से पुन्हाना नूंह निवासी अय्यूब खान ने बताया कि वह बादशाहपुर से तहसीलदार (माल) के पद से रिटायर हुआ है। गांव सकतपुर निवासी शाहिद खान से उनकी अच्छी दोस्ती थी। तहसील के कार्य में व्यस्त होने के कारण उनके सभी निजी कार्य शाहिद खान करता था।
शाहिद खान के कहने पर उन्होंने एक पांच मंजिला मकान खरीदा जिसमें 10 कमरे बने हुए थे। शाहिद ने अपने रिश्तेदार प्रॉपर्टी डीलर अब्बास खान के साथ मिलकर यह मकान 1.60 लाख रुपए में किराए पर ले लिया। अय्यूब खान ने आरोप लगाया कि 3 सितंबर 2019 को शाहिद ने उनके खाते में 40 लाख रुपए जमा कराया। पूछताछ पर शाहिद खान ने यह रुपये गलती से ट्रांसफर होना बताते हुए चेक ले लिया।
कुछ दिन बाद यह चेक गुम होने की बात कहकर दूसरा चेक ले लिया जो बाउंस हो गया। इसके बाद शाहिद खान ने रिटायर्ड तहसीलदार से यह रुपया आरटीजीएस के जरिए वापस ले लिए। इसके बाद उन्हें मकान का किराया देना बंद कर दिया। तहसीलदार ने पुलिस को बताया कि इसके बाद अब्बास खान व शाहिद खान ने उन्हें 10 महीने का किराया 16 लाख रुपए चेक से दे दिए।
आरोप है कि उन्हें 1 जुलाई 2021 को अदालत से समन प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने अपना मकान शाहिद व अब्बास को बेचना दिखाया। जिसमें 40 लाख व 16 लाख रुपए की पेमेंट करना दिखाया गया। इसके बाद उन्होंने शाहिद खान से बात करने के लिए फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। परिजनों को एकत्र करके पंचायत की गई, लेकिन शाहिद नहीं माना। इस पर उन्होंने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कंपनी ने दुकान के नाम पर की ठगी
तावड़ू निवासी भूप सिंह ने बताया कि वह महालक्ष्मी गार्डन राजेंद्रा पार्क में परिवार समेत रहते हैं। उन्होंने साल 2016 में जेमएस बिल्डटेक के सेक्टर-92 प्रोजेक्ट में एक दुकान खरीदने के लिए संपर्क किया था। यहां वह प्रॉपर्टी डीलर प्रभात कुमार के साथ गए थे। जिसके जरिए उन्होंने कंपनी कर्मचारी मयंक को दुकान खरीदने के लिए करीब 13.27 लाख रुपए जमा कराए थे। इसके बाद कंपनी ने उन्हें 11516 रुपए प्रतिमाह किराया देने की बात कही थी। आरोप है कि बिल्डर ने जनवरी 2020 से किराया देना बंद कर दिया। इसके बाद वह कंपनी के कार्यालय गए थे, लेकिन उन्होंने किराया देने से इंकार करते हुए उनसे गाली गलौज करनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं कंपनी कर्मचारियों ने उन्हें यहां दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी दी है। सुशांत लोक थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।