वो मां से मिली नई जिंदगी का कर्ज उतारना चाहता था। लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाया। एक साल पहले मां की मौत हो गई और वो दुनियां में अकेला रह गया। उसकी हसरत मन में ही रह गई। इसी के चलते अवसाद में आकर उसने सुइसाइड का प्रयास किया।
बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी में इंजीनियर वरुण मलिक ने सुइसाइड करने से पहले का सारा वाक्या फेसबुक पर अपलोड किया है। वरुण ने मां का महिमा का बखान करते हुए अपनी फेसबुक टाइम लाइन पर लिखा है कि मां तो मां होती है चाहे वह धरती पर हो या स्वर्ग में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसका स्थान कोई नहीं ले सकता।
जानकारों ने बताया कि वरुण मलिक की कुछ समय पहले किन्हीं कारणों के चलते किडनी खराब हो गई थी। अपने बच्चे की जान बचाने के लिए मां ही सबसे पहले आगे आई थीं। मां ने अपने लाडल को किडनी देकर नई जिंदगी दी। यह बात करीब दो साल पहले की है। मां से मिली जिंदगी वरुण के लिए एक नया सवेरा लेकर आई। मां की ममता और उसके समर्पण से वरुण के दिल में मां की अहमियत और बढ़ गई थी।
लेकिन नई जिंदगी देने वाली मां उसका साथ लंबे समय तक नहीं निभा सकी और करीब एक साल पहले ही उनकी मौत हो गई। मां की मौत वरुण के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। उसे एकदम बड़ा झटका लगा था। जिस मां का कर्ज वह सेवा करके उतारना चाहता था, वह उसे छोड़कर चली गई। वरुण को जिंदगी देने वाली मां का जुदा होना उसके लिए काफी दर्द भरा था। तभी से वह काफी परेशान चल रहा था। हालांकि उसके दोस्त मोबाइल और फेसबुक टाइम लाइन पर उसका हौसला बढ़ाते रहते थे।
मां की मौत से परेशान वरुण को लगने लगा था कि अब उसके लिए जीना बेकार है। हताशा में उसने फेसबुक टाइम लाइन पर लिखा भी कि उसके पास जिंदगी खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
मैं हर सांस में बोझ महसूस कर रहा हूं। पर कोई नहीं है। उसकी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न समझा जाए और परेशान न किया जाए। सोशल मीडिया पर आत्महत्या के प्रयास से पहले वरुण मलिक द्वारा पोस्ट किए एक मैसेज में उन्होंने कहा कि मां, मां ही होती है, उसका स्थान कोई नहीं ले सकता। मां जितना करती है, कोई उसका आधा भी नहीं कर सकता। मां से किसी की तुलना नहीं हो सकती। उसने कहा है कि यदि आप मां को प्यार करते हैं तो इस पोस्ट को रिपोस्ट करें।
अखिल भारतीय मनोचिकित्सक सोसायटी के मुख्यालय के कन्वीनर व गुड़गांव के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ब्रह्मदीप सिंधू का कहना है कि किसी से लगाव के कारण उसकी मृत्यु के बाद एक भावात्मक शून्यता हो जाती है, जिसकी वजह से इस तरह का कृत्य करने के लिए लोग आमादा हो जाते हैं। ऐसे समय में अपने आप को सामाजिक तौर पर जोड़ना बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया सामाजिक तौर पर नहीं जोड़ता। लोगों को आपसी तालमेल बनाकर रहना चाहिए।
वो मां से मिली नई जिंदगी का कर्ज उतारना चाहता था। लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाया। एक साल पहले मां की मौत हो गई और वो दुनियां में अकेला रह गया। उसकी हसरत मन में ही रह गई। इसी के चलते अवसाद में आकर उसने सुइसाइड का प्रयास किया।
बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी में इंजीनियर वरुण मलिक ने सुइसाइड करने से पहले का सारा वाक्या फेसबुक पर अपलोड किया है। वरुण ने मां का महिमा का बखान करते हुए अपनी फेसबुक टाइम लाइन पर लिखा है कि मां तो मां होती है चाहे वह धरती पर हो या स्वर्ग में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसका स्थान कोई नहीं ले सकता।
जानकारों ने बताया कि वरुण मलिक की कुछ समय पहले किन्हीं कारणों के चलते किडनी खराब हो गई थी। अपने बच्चे की जान बचाने के लिए मां ही सबसे पहले आगे आई थीं। मां ने अपने लाडल को किडनी देकर नई जिंदगी दी। यह बात करीब दो साल पहले की है। मां से मिली जिंदगी वरुण के लिए एक नया सवेरा लेकर आई। मां की ममता और उसके समर्पण से वरुण के दिल में मां की अहमियत और बढ़ गई थी।
लेकिन नई जिंदगी देने वाली मां उसका साथ लंबे समय तक नहीं निभा सकी और करीब एक साल पहले ही उनकी मौत हो गई। मां की मौत वरुण के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। उसे एकदम बड़ा झटका लगा था। जिस मां का कर्ज वह सेवा करके उतारना चाहता था, वह उसे छोड़कर चली गई। वरुण को जिंदगी देने वाली मां का जुदा होना उसके लिए काफी दर्द भरा था। तभी से वह काफी परेशान चल रहा था। हालांकि उसके दोस्त मोबाइल और फेसबुक टाइम लाइन पर उसका हौसला बढ़ाते रहते थे।