दिल्ली की निर्भया की आठवीं बरसी पर उसकी मां आशा देवी ने कहा है कि बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।
पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानून में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून दूर करे। हाथरस को ही देख लीजिए। हमारा सिस्टम और सरकार जब जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे।
निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे सड़कों पर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है। यह बात निर्भया के पिता ने हादसे की आठवीं बरसी की पूर्व संध्या पर कही। निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि आपने मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। इसी से मुझे जीवनभर जाना जाएगा।
उन्होंने कहा कि आठ साल पहले जब मेरी बेटी मुझसे छीन ली गई तो महिलाओं की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरे और इंसाफ के लिए मेरे परिवार की लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया। मैंने सोचा था यह केस हमारे देश को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन आज भी समाचार देखता हूं तो रोजाना किसी न किसी बेटी से दरिंदगी की खबर होती है। निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है।
दिल्ली की निर्भया की आठवीं बरसी पर उसकी मां आशा देवी ने कहा है कि बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।
पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानून में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून दूर करे। हाथरस को ही देख लीजिए। हमारा सिस्टम और सरकार जब जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे।
निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे सड़कों पर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है। यह बात निर्भया के पिता ने हादसे की आठवीं बरसी की पूर्व संध्या पर कही। निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि आपने मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। इसी से मुझे जीवनभर जाना जाएगा।