निर्भया के दोषी 20 मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। गुनहगार मुकेश सिंह को सात साल बाद मंगलवार को राजस्थान याद आया है। उसने आज हाईकोर्ट में नई याचिका डाली, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।
मुकेश ने अपनी फांसी को टालने के लिए वकील एमएल शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उसमें दावा किया गया था कि वह 17 दिसंबर 2012 को राजस्थान से गिरफ्तार हुआ था। वह तो वारदात वाले स्थल पर घटना के वक्त था भी नहीं। ऐसे में वह इस केस में दोषी नहीं है। हालांकि इस दलील को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इसके साथ ही मुकेश ने अपनी याचिका में ये भी दावा किया था कि तिहाड़ जेल में उसका शोषण हुआ था। उसके साथ जेल में मारपीट की गई।
सोमवार को भी खारिज हो चुकी है मुकेश की एक याचिका
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एक याचिका ठुकरा दी थी जिसमें उसने अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इस याचिका में उसने अपने वकील एमएल शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में फिर से क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने की अनुमति लेने के लिए याचिका दायर की थी।
याचिका में मुकेश ने एमिकस क्यूरी वृंदा ग्रोवर पर कानूनी उपचारों के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया था कि ग्रोवर ने 7 जनवरी को जारी हुए डेथ वारंट के बाद एक सप्ताह के भीतर क्यूरेटिव याचिका दायर करने के लिए मजबूर किया था, जबकि उसे इस बारे में जानकारी नहीं दी गई कि जुलाई 2018 में रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद वह तीन साल के भीतर क्यूरेटिव याचिका दायर कर सकता है।
निर्भया के दोषी 20 मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। गुनहगार मुकेश सिंह को सात साल बाद मंगलवार को राजस्थान याद आया है। उसने आज हाईकोर्ट में नई याचिका डाली, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।
मुकेश ने अपनी फांसी को टालने के लिए वकील एमएल शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उसमें दावा किया गया था कि वह 17 दिसंबर 2012 को राजस्थान से गिरफ्तार हुआ था। वह तो वारदात वाले स्थल पर घटना के वक्त था भी नहीं। ऐसे में वह इस केस में दोषी नहीं है। हालांकि इस दलील को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इसके साथ ही मुकेश ने अपनी याचिका में ये भी दावा किया था कि तिहाड़ जेल में उसका शोषण हुआ था। उसके साथ जेल में मारपीट की गई।
सोमवार को भी खारिज हो चुकी है मुकेश की एक याचिका
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एक याचिका ठुकरा दी थी जिसमें उसने अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इस याचिका में उसने अपने वकील एमएल शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में फिर से क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने की अनुमति लेने के लिए याचिका दायर की थी।
याचिका में मुकेश ने एमिकस क्यूरी वृंदा ग्रोवर पर कानूनी उपचारों के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया था कि ग्रोवर ने 7 जनवरी को जारी हुए डेथ वारंट के बाद एक सप्ताह के भीतर क्यूरेटिव याचिका दायर करने के लिए मजबूर किया था, जबकि उसे इस बारे में जानकारी नहीं दी गई कि जुलाई 2018 में रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद वह तीन साल के भीतर क्यूरेटिव याचिका दायर कर सकता है।