गुरुग्राम। कासन गांव के पूर्व सरपंच के घर दिवाली की रात करीब साढ़े आठ बजे छह हथियार बंद युवकों ने हमलाकर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों में एक व्यक्ति हत्या को मामले में आजीवन कैद की सजा हुई थी और इन दिनों जमानत पर बाहर था। बताया जा रहा है कि इसी वारदात की रंजिश में हमला किया गया। आईएमटी थाना पुलिस ने चार लोगों को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कासन गांव में 14 साल पहले एक युवक की हत्या कर दी गई थ। इसकी रंजिश में पूर्व सरपंच गोपाल राघव के घर बृहस्पतिवार रात हथियार बंद युवकों ने हमला कर दिया। उस वक्त परिवार के लोग लक्ष्मी पूजा कर दिवाली मना रहे थे। हमलावरों ने खिड़की से घात लगाकर गोलियां चलाना शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। गोपाल राघव के घर में चीखें गूंजने लगी। वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए।
पुलिस के मुताबिक गोली लगने से हर्ष, सोनू (35), राजेश, विकास, बलराम, प्रवीण (42) व यश (8) पुत्र बलराम गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें उपचार के लिए मेदांता अस्पताल लाया गया, जहां सोनू के मामा के बेटे विकास (32) को मृत घोषित कर दिया, जबकि सोनू की उपचार के दौरान मौत हो गई। सोनू की बुआ के बेटे प्रवीण निवासी साकरोड (भिवानी) की हालत गंभीर बनी हुई है। आईएमटी मानेसर थाना पुलिस ने योगेन्द्र उर्फ रिंकू, दीपक उर्फ भोलू निवासी परोरी(अलीगढ़) मनीष उर्फ राणा निवासी कैरू (भिवानी) अमित उर्फ गांठ निवासी सोनीपत के साथ दो अन्य के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला करने के साथ ही शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
आईएमटी थाना प्रभारी यशवंत के अनुसार पूर्व सरपंच व उनके साले का परिवार आमने-सामने रहता है। बलराम और सोनू ने मिलकर रिंकू के भाई मनोज की 14 साल पहले होली के दिन हत्या की थी। उस मामले में दोनों को उम्र कैद की सजा हुई। फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर थे।
पटाखों के शोर में दब गई चीख-पुकार
गुरुग्राम। चौदह साल पहले मानेसर पर राज करने के लिए सोनू ने अपने साथी के साथ होली के दिन मनोज की हत्या कर दी थी। इसका बदला लेने के लिए उसके छोटे भाई रिंकू ने अपने साथियों के साथ मिलकर बृहस्पतिवार रात दिवाली के दिन खूनी खेल को अंजाम दिया। हमलावर गोलियां चलाते रहे और गोपाल राघव के घर से चीखें गूंजती रही, लेकिन पटाखों के शोर के बीच न तो गोलियों की आवाज कोई सुन पाया और न ही पीड़ित लोगों की चीख। गोलियों की आवाज सुन लोगों ने समझा पटाखे फूट रहे हैं। किसी को पता नहीं चले और वारदात को आसानी से अंजाम दिया जा सके संभवत: इसी कारण हमलावरों ने दिवाली की रात को चुना। सीआईए सहित पांच तीन टीम आरोपियों को दबोचने के लिए जगह-जगह छापामरी कर रही है।
पुलिस के अनुसार किसी जमाने में सोहनपाल उर्फ सोनू व मनोज अच्छे दोस्त हुआ करते थे। उस दौरान मानेसर का विकास शुरू हुआ था। मानेसर पर राज करना व डॉन बनना सोनू का सपना था। यह बात उसके दोस्त मनोज को नागवार लगी। उसने शराब के नशे में सोनू को गाली दे दी। इस दौरान हुए झगड़े में मनोज ने कट्टा निकाल कर सोनू पर तान दिया। इसे देख खोह गांव के वेद ने मनोज को गोली मार दी। इस मामले में मनोज और उसके बड़े भाई बलराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इन दिनों दोनों जेल से बाहर थे।
फिल्मी स्टाइल में चली गोलियां
मौके की छानबीन व मिले कारतूस के खोल से पता चलता है कि वहां पर लगभग 50 गोलियां चलीं। हमलावरों ने खिड़की से अपनी पोजिशन लेकर ताबाड़तोड़ गोलियां दागी। इससे किसी को भागने का मौका नहीं मिला। गोली चलने की आवाज तो आ रही थी मगर पड़ोस के लोगों ने सोचा दिवाले के पटाखे छूट रहे हैं।
मोहल्ले में चर्चा, कुत्ते ने बचाई महिला की जान
कुत्ते को सबसे वफादार जानवर माना जाता है और पीड़ित परिवार के पेट ने यह साबित भी किया। बताया जा रहा है कि हमलावर घर की एक महिला के सामने आने पर उसे निशाना बनाना चाहते थे। गोलियों की आवाज सुनकर घर का पालतू कुत्ता सतर्क हो गया था। परिवार के लोगों ने बताया कि हमलावर ने ज्योंही गोली चलाई कुत्ते ने महिला को एक साइड में धकेल दिया। उस वक्त वह उसे खाना खिला रही थी। इससे एक गोली उसे छूते हुई निकल गई। यह वाकया पूरे मोहल्ले में चर्चा में है, हालांकि सच्चाई क्या है, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।
भारी सुरक्षा बल तैनात
वारदात के बाद कासन गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बहुत से किरायेदार दिवाली पर गांव गए हुए हैं। रिंकू भी उसी गांव का रहने वाला है। वारदात के बाद और कोई घटना न घटे इसके लिए उसके घर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
प्लानिंग के साथ किया हमला
पुलिस के अनुसार जब सोनू ने मनोज की हत्या की थी तो रिंकू 14 साल का था। होली के दिन उसके भाई को मारा था तो उसने दिवाली के दिन वारदात को अंजाम दिया। सोनू का परिवार खूब सतर्क रहता था। उनको इस बात का अहसास नहीं था कि कोई दिवाली के दिन वारदात को अंजाम दे सकता था। जबकि हमलावरों ने गोलियों की गूंज छुपाने के लिए यह दिन व समय तय किया था।
आखिरी लोकेशन राजस्थान में
पुलिस को छानबीन के दौरान हमलावरों की आखिरी लोकेशन राजस्थान के इलाके में मिली है। उनके मोबाइल बंद आ रहे हैं। आरोपियों की तलाश में एक टीम यूपी के अलीगढ़ व दूसरी टीम राजस्थान के अलवर में छापामारी कर रही है।
सीआईए मानेसर सहित तीन टीमों को जांच के लिए लगाया है। पुलिस ने मौके पर नमूने लेने के साथ ही डॉग स्कवायड के साथ दौरा किया है। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में रंजिश के कारण हत्या हुई है।
वीर सिंह, एसीपी पटौदी
गुरुग्राम। कासन गांव के पूर्व सरपंच के घर दिवाली की रात करीब साढ़े आठ बजे छह हथियार बंद युवकों ने हमलाकर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों में एक व्यक्ति हत्या को मामले में आजीवन कैद की सजा हुई थी और इन दिनों जमानत पर बाहर था। बताया जा रहा है कि इसी वारदात की रंजिश में हमला किया गया। आईएमटी थाना पुलिस ने चार लोगों को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कासन गांव में 14 साल पहले एक युवक की हत्या कर दी गई थ। इसकी रंजिश में पूर्व सरपंच गोपाल राघव के घर बृहस्पतिवार रात हथियार बंद युवकों ने हमला कर दिया। उस वक्त परिवार के लोग लक्ष्मी पूजा कर दिवाली मना रहे थे। हमलावरों ने खिड़की से घात लगाकर गोलियां चलाना शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। गोपाल राघव के घर में चीखें गूंजने लगी। वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए।
पुलिस के मुताबिक गोली लगने से हर्ष, सोनू (35), राजेश, विकास, बलराम, प्रवीण (42) व यश (8) पुत्र बलराम गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें उपचार के लिए मेदांता अस्पताल लाया गया, जहां सोनू के मामा के बेटे विकास (32) को मृत घोषित कर दिया, जबकि सोनू की उपचार के दौरान मौत हो गई। सोनू की बुआ के बेटे प्रवीण निवासी साकरोड (भिवानी) की हालत गंभीर बनी हुई है। आईएमटी मानेसर थाना पुलिस ने योगेन्द्र उर्फ रिंकू, दीपक उर्फ भोलू निवासी परोरी(अलीगढ़) मनीष उर्फ राणा निवासी कैरू (भिवानी) अमित उर्फ गांठ निवासी सोनीपत के साथ दो अन्य के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला करने के साथ ही शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
आईएमटी थाना प्रभारी यशवंत के अनुसार पूर्व सरपंच व उनके साले का परिवार आमने-सामने रहता है। बलराम और सोनू ने मिलकर रिंकू के भाई मनोज की 14 साल पहले होली के दिन हत्या की थी। उस मामले में दोनों को उम्र कैद की सजा हुई। फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर थे।
पटाखों के शोर में दब गई चीख-पुकार
गुरुग्राम। चौदह साल पहले मानेसर पर राज करने के लिए सोनू ने अपने साथी के साथ होली के दिन मनोज की हत्या कर दी थी। इसका बदला लेने के लिए उसके छोटे भाई रिंकू ने अपने साथियों के साथ मिलकर बृहस्पतिवार रात दिवाली के दिन खूनी खेल को अंजाम दिया। हमलावर गोलियां चलाते रहे और गोपाल राघव के घर से चीखें गूंजती रही, लेकिन पटाखों के शोर के बीच न तो गोलियों की आवाज कोई सुन पाया और न ही पीड़ित लोगों की चीख। गोलियों की आवाज सुन लोगों ने समझा पटाखे फूट रहे हैं। किसी को पता नहीं चले और वारदात को आसानी से अंजाम दिया जा सके संभवत: इसी कारण हमलावरों ने दिवाली की रात को चुना। सीआईए सहित पांच तीन टीम आरोपियों को दबोचने के लिए जगह-जगह छापामरी कर रही है।
पुलिस के अनुसार किसी जमाने में सोहनपाल उर्फ सोनू व मनोज अच्छे दोस्त हुआ करते थे। उस दौरान मानेसर का विकास शुरू हुआ था। मानेसर पर राज करना व डॉन बनना सोनू का सपना था। यह बात उसके दोस्त मनोज को नागवार लगी। उसने शराब के नशे में सोनू को गाली दे दी। इस दौरान हुए झगड़े में मनोज ने कट्टा निकाल कर सोनू पर तान दिया। इसे देख खोह गांव के वेद ने मनोज को गोली मार दी। इस मामले में मनोज और उसके बड़े भाई बलराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इन दिनों दोनों जेल से बाहर थे।
फिल्मी स्टाइल में चली गोलियां
मौके की छानबीन व मिले कारतूस के खोल से पता चलता है कि वहां पर लगभग 50 गोलियां चलीं। हमलावरों ने खिड़की से अपनी पोजिशन लेकर ताबाड़तोड़ गोलियां दागी। इससे किसी को भागने का मौका नहीं मिला। गोली चलने की आवाज तो आ रही थी मगर पड़ोस के लोगों ने सोचा दिवाले के पटाखे छूट रहे हैं।
मोहल्ले में चर्चा, कुत्ते ने बचाई महिला की जान
कुत्ते को सबसे वफादार जानवर माना जाता है और पीड़ित परिवार के पेट ने यह साबित भी किया। बताया जा रहा है कि हमलावर घर की एक महिला के सामने आने पर उसे निशाना बनाना चाहते थे। गोलियों की आवाज सुनकर घर का पालतू कुत्ता सतर्क हो गया था। परिवार के लोगों ने बताया कि हमलावर ने ज्योंही गोली चलाई कुत्ते ने महिला को एक साइड में धकेल दिया। उस वक्त वह उसे खाना खिला रही थी। इससे एक गोली उसे छूते हुई निकल गई। यह वाकया पूरे मोहल्ले में चर्चा में है, हालांकि सच्चाई क्या है, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।
भारी सुरक्षा बल तैनात
वारदात के बाद कासन गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। बहुत से किरायेदार दिवाली पर गांव गए हुए हैं। रिंकू भी उसी गांव का रहने वाला है। वारदात के बाद और कोई घटना न घटे इसके लिए उसके घर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
प्लानिंग के साथ किया हमला
पुलिस के अनुसार जब सोनू ने मनोज की हत्या की थी तो रिंकू 14 साल का था। होली के दिन उसके भाई को मारा था तो उसने दिवाली के दिन वारदात को अंजाम दिया। सोनू का परिवार खूब सतर्क रहता था। उनको इस बात का अहसास नहीं था कि कोई दिवाली के दिन वारदात को अंजाम दे सकता था। जबकि हमलावरों ने गोलियों की गूंज छुपाने के लिए यह दिन व समय तय किया था।
आखिरी लोकेशन राजस्थान में
पुलिस को छानबीन के दौरान हमलावरों की आखिरी लोकेशन राजस्थान के इलाके में मिली है। उनके मोबाइल बंद आ रहे हैं। आरोपियों की तलाश में एक टीम यूपी के अलीगढ़ व दूसरी टीम राजस्थान के अलवर में छापामारी कर रही है।
सीआईए मानेसर सहित तीन टीमों को जांच के लिए लगाया है। पुलिस ने मौके पर नमूने लेने के साथ ही डॉग स्कवायड के साथ दौरा किया है। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में रंजिश के कारण हत्या हुई है।
वीर सिंह, एसीपी पटौदी