नई दिल्ली। गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या की साजिश एक महीने पहले मंडोली जेल में रच ली गई थी। गोगी की हत्या पानीपत की अदालत में पेशी के दौरान करने की योजना बनाई गई थी।
13 सितंबर को पानीपत में गोगी को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच पेश किए जाने की वजह से कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद वारदात को रोहिणी अदालत में अंजाम दिया गया। यह दावा दिल्ली पुलिस की ओर से रोहिणी कोर्ट शूटआउट मामले में दायर आरोपपत्र में किया गया है।
17 दिसंबर को दायर आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि गोगी की हत्या की योजना मंडोली जेल में आरोपी टिल्लू और उसके सहयोगियों ने रची थी। पुलिस के अनुसार हत्या की योजना बनाने में टिल्लू ने लॉ ग्रेजुएट उमंग यादव और शूटर का सहयोग लिया। अपराधियों ने मॉल में पहले कपड़े बदले और वकीलों की पोशाक पहनकर रोहिणी कोर्ट पहुंचे। वहां गोलीबारी कर गोगी की हत्या कर दी।
मामले में सात आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र से पता चला है कि गोगी को मारने की योजना अगस्त 2021 में बना ली गई थी। पुलिस ने सुनील बलियान उर्फ टिल्लू, नवीन डबास उर्फ बाली, उमंग यादव, विनय यादव, आशीष कुमार को आरोपी बनाया है। दोनों मृत हमलावरों राहुल और जयदीप के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
विचाराधीन कैदी के जरिये उमंग से हुआ संपर्क
अगस्त 2021 के अंत में कोविड -19 के दूसरे चरण के बाद अदालतों में सुनवाई केे लिए आरोपियों को पेश किया जाने लगा। टिल्लू ने बताया कि उसने अदालत में गोगी को मारने की योजना बनाई थी। रोहिणी जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी के जरिये टिल्लू इस मामले में सह-आरोपी उमंग यादव के संपर्क में आया। यादव ने कानून की पढ़ाई की थी।
वह अदालत और वकीलों के कामकाज से वह परिचित था। टिल्लू ने यादव से गोगी को मारने में मदद करने के लिए कहा। इसके बाद साजिश को अंजाम देने के लिए दो शूटर राहुल और जयदीप को भी शामिल किया गया था।
1.30 बजे मिल गई हत्या की जानकारी
बयान में टिल्लू ने बताया कि उसे एक जानकार ने दोपहर 1:30 बजे फोन कर बताया कि गोगी को रोहिणी कोर्ट में गोली मार दी गई है। इससे वह बहुत खुश हुआ। हालांकि जैसे ही जेल में लगे टीवी में इस बात की जानकारी मिली कि गोगी पर गोली चलाने वाले दोनों हमलावरों को अदालत में गोली मार दी गई, वह दुखी हो गया। उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन और डोंगल अपने एक साथी कैदी आशीष को देते हुए इन्हें नष्ट करने को कहा।
नई दिल्ली। गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या की साजिश एक महीने पहले मंडोली जेल में रच ली गई थी। गोगी की हत्या पानीपत की अदालत में पेशी के दौरान करने की योजना बनाई गई थी।
13 सितंबर को पानीपत में गोगी को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच पेश किए जाने की वजह से कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद वारदात को रोहिणी अदालत में अंजाम दिया गया। यह दावा दिल्ली पुलिस की ओर से रोहिणी कोर्ट शूटआउट मामले में दायर आरोपपत्र में किया गया है।
17 दिसंबर को दायर आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि गोगी की हत्या की योजना मंडोली जेल में आरोपी टिल्लू और उसके सहयोगियों ने रची थी। पुलिस के अनुसार हत्या की योजना बनाने में टिल्लू ने लॉ ग्रेजुएट उमंग यादव और शूटर का सहयोग लिया। अपराधियों ने मॉल में पहले कपड़े बदले और वकीलों की पोशाक पहनकर रोहिणी कोर्ट पहुंचे। वहां गोलीबारी कर गोगी की हत्या कर दी।
मामले में सात आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र से पता चला है कि गोगी को मारने की योजना अगस्त 2021 में बना ली गई थी। पुलिस ने सुनील बलियान उर्फ टिल्लू, नवीन डबास उर्फ बाली, उमंग यादव, विनय यादव, आशीष कुमार को आरोपी बनाया है। दोनों मृत हमलावरों राहुल और जयदीप के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
विचाराधीन कैदी के जरिये उमंग से हुआ संपर्क
अगस्त 2021 के अंत में कोविड -19 के दूसरे चरण के बाद अदालतों में सुनवाई केे लिए आरोपियों को पेश किया जाने लगा। टिल्लू ने बताया कि उसने अदालत में गोगी को मारने की योजना बनाई थी। रोहिणी जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी के जरिये टिल्लू इस मामले में सह-आरोपी उमंग यादव के संपर्क में आया। यादव ने कानून की पढ़ाई की थी।
वह अदालत और वकीलों के कामकाज से वह परिचित था। टिल्लू ने यादव से गोगी को मारने में मदद करने के लिए कहा। इसके बाद साजिश को अंजाम देने के लिए दो शूटर राहुल और जयदीप को भी शामिल किया गया था।
1.30 बजे मिल गई हत्या की जानकारी
बयान में टिल्लू ने बताया कि उसे एक जानकार ने दोपहर 1:30 बजे फोन कर बताया कि गोगी को रोहिणी कोर्ट में गोली मार दी गई है। इससे वह बहुत खुश हुआ। हालांकि जैसे ही जेल में लगे टीवी में इस बात की जानकारी मिली कि गोगी पर गोली चलाने वाले दोनों हमलावरों को अदालत में गोली मार दी गई, वह दुखी हो गया। उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन और डोंगल अपने एक साथी कैदी आशीष को देते हुए इन्हें नष्ट करने को कहा।