राजधानी में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने बीते सात सालों में रिकॉर्ड बना दिया। सफदरजंग समेत विभिन्न मानक केंद्रों पर सात से 10 दिन तक सबसे लंबा सर्द दिन का दौर रिकॉर्ड किया गया है। इससे पहले 2015 में 11 से 13 दिनों तक सर्द दिन का दौर रिकॉर्ड किया गया था। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद सर्दी दोबारा रंग दिखा सकती है, जिससे यह नया रिकॉर्ड भी टूट सकता है। मौसम विभाग का मानना है कि अभी सर्दी से राहत मिलने वाली नहीं है और कोहरे का दौर रहने वाला है। अगले दो दिन में बारिश की संभावना है।
बीते एक सप्ताह से दिल्ली के विभिन्न मानक केंद्रों पर अधिकतम पारा सामान्य से चार से लेकर पांच डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जा रहा है। वहीं, कुछ मानक केंद्रों पर यह सामान्य से छह डिग्री तक लुढ़का है। बीती 14 जनवरी को नरेला में अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जबकि 15 जनवरी को यह लुढ़क कर 10.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
इस प्रकार जफरपुर में भी 15 जनवरी को अधिकतम तापमान 10.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सफदरजंग मानक केंद्रों पर 15.4, पालम में 14.6, लोधी रोड में 15.8 और रिज इलाके में 14.6 अधिकतम तापमान रहा था, जो कि सामान्य से साढ़े चार से लेकर साढ़े पांच डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया गया था।
16 जनवरी को दिल्ली के सफदरजंग मानक केंद्र पर अधिकतम तापमान 14.8, पालम में 12.5, रिज इलाके में 12.7, आया नगर में 13.6, नरेला में 12.8 और जफरपुर में 13.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा था। 17 जनवरी को नरेला में अधिकतम तापमान 13.6 और जफरपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो कि सामान्य से छह डिग्री तक कम था। ऐसे में यहां गंभीर स्तर की ठंड रही थी।
वहीं, 18 जनवरी को नरेला में 13.1 और जफरपुर में 14.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा था। इस दिन भी यहां पर गंभीर स्तर की ठंड दर्ज की गई थी। 19 जनवरी को दिल्ली बाहरी इलाकों में शामिल नरेला में अधिकतम तापमान 12.8 और जफरपुर में 15 डिग्री सेल्सियस रहा था जो कि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम था, जिससे यहां गंभीर स्तर की ठंड दर्ज की गई थी।
आखिर क्यों लुढ़क जाता है इतना अधिक दिन का पारा
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिनभर वातावरण में हवा में नमी का स्तर अधिक होने के साथ कोहरे की चादर छाए रहने से सूरज की किरणें धरती तक नहीं पहुंचती हैं। वहीं, हिमालय की ओर से आने वाली बर्फीली हवाओं की वजह से वातावरण में ठंडक और बढ़ जाती है। इस वजह से कई बार दिन और रात के पारे में बहुत कम अंतर रह जाता है, जिससे कई इलाकों में सर्द दिन से लेकर गंभीर स्तर की ठंड दर्ज की जाती है।
खुला इलाका होने की वजह से दिल्ली के बाहरी इलाकों में दर्ज हो रही गंभीर स्तर की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सफदरजंग और लोधी रोड मानक केंद्र को छोड़कर रिज नरेला, आया नगर, जफरपुर, नरेला और पालम इलाकों में अधिक ठंड दर्ज हो रही है। इसकी प्रमुख वजह इन इलाकों का खुला होना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सफदरजंग और लोधी रोड मानक केंद्र रिहायशी इलाकों के बीच बने हुए हैं, जबकि अन्य केंद्र दिल्ली के बाहरी इलाकों में हैं, जहां खुला इलाका, पानी के स्रोत और हरियाली है।
ऐसे में यहां नमी का स्तर अधिक होने और बर्फीली हवाओं का सीधा असर होने की वजह से पारा अधिक लुढ़क जाता है, जबकि रिहायशी इलाकों की संरचना अलग-अलग होती है। यहां नमी का स्तर अधिक नहीं होने की वजह से ऊष्मा लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे पारे में अधिक अंतर नहीं आता है। गौरतलब है कि दिल्ली के सफदरजंग मानक केंद्र को पूरी दिल्ली का आधिकारिक केंद्र माना जाता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 या इससे कम और अधिकतम तापमान सामान्य से साढ़े चार डिग्री सेल्सियस कम होता है तब सब दिन रिकॉर्ड किया जाता है। इस स्थिति में मौसम विभाग यलो अलर्ट जारी करता है, जिसके मुताबिक सुबह- शाम की ठंड से विशेष रूप से बचने के लिए सलाह जारी की जाती है। साथ ही विभाग द्वारा जारी की जानी वाली चेतावनी पर भी नजर रखनी होती है।
क्या होती है गंभीर स्तर की ठंड
जब न्यूनतम तापमान 10 या इससे कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाता है तब गंभीर स्तर की ठंड दर्ज की जाती है। इस स्थिति में मौसम विभाग ऑरेंज अलर्ट जारी करता है। इसके तहत लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है। साथ ही मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली चेतावनी पर भी नजर रखने के लिए कहा जाता है।
-दिल्ली में 2015 के बाद से इस वर्ष सबसे लंबे दौर के सर्द दिन रिकॉर्ड किए गए हैं। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद सर्दी के फिर से पड़ने पर नया रिकॉर्ड देखने को मिल सकता है।
-राजेंद्र जेनामणि, भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक
विस्तार
राजधानी में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने बीते सात सालों में रिकॉर्ड बना दिया। सफदरजंग समेत विभिन्न मानक केंद्रों पर सात से 10 दिन तक सबसे लंबा सर्द दिन का दौर रिकॉर्ड किया गया है। इससे पहले 2015 में 11 से 13 दिनों तक सर्द दिन का दौर रिकॉर्ड किया गया था। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद सर्दी दोबारा रंग दिखा सकती है, जिससे यह नया रिकॉर्ड भी टूट सकता है। मौसम विभाग का मानना है कि अभी सर्दी से राहत मिलने वाली नहीं है और कोहरे का दौर रहने वाला है। अगले दो दिन में बारिश की संभावना है।
बीते एक सप्ताह से दिल्ली के विभिन्न मानक केंद्रों पर अधिकतम पारा सामान्य से चार से लेकर पांच डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जा रहा है। वहीं, कुछ मानक केंद्रों पर यह सामान्य से छह डिग्री तक लुढ़का है। बीती 14 जनवरी को नरेला में अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जबकि 15 जनवरी को यह लुढ़क कर 10.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
इस प्रकार जफरपुर में भी 15 जनवरी को अधिकतम तापमान 10.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सफदरजंग मानक केंद्रों पर 15.4, पालम में 14.6, लोधी रोड में 15.8 और रिज इलाके में 14.6 अधिकतम तापमान रहा था, जो कि सामान्य से साढ़े चार से लेकर साढ़े पांच डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया गया था।
16 जनवरी को दिल्ली के सफदरजंग मानक केंद्र पर अधिकतम तापमान 14.8, पालम में 12.5, रिज इलाके में 12.7, आया नगर में 13.6, नरेला में 12.8 और जफरपुर में 13.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा था। 17 जनवरी को नरेला में अधिकतम तापमान 13.6 और जफरपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो कि सामान्य से छह डिग्री तक कम था। ऐसे में यहां गंभीर स्तर की ठंड रही थी।