नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करीब 7000 शिक्षक आठ दिसंबर से हड़ताल पर जाएंगे। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने यह जानकारी दी है।
सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हम कई बार बता चुके हैं कि उत्तरी निगम ने अपने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस तो दूर, वेतन तक नहीं दिया। इन्हें तीन महीने का वेतन नहीं मिला और पांच महीने का डीए, एचआरए बकाया है।
डॉक्टर और नर्स डेंगू के सीजन में हड़ताल पर चले गए थे। 29 नवंबर से करीब 7000 शिक्षकों ने बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेना बंद कर दिया है। अब आठ दिसंबर को भाजपा मुख्यालय पर ये शिक्षक धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।
भारद्वाज ने बताया कि शहरी नगर निगमों को केंद्र सरकार प्रति व्यक्ति 488 रुपये सालाना देती है। यह स्कीम 2004 से लागू है। दिल्ली की आबादी करीब 1.5 करोड़ है, 488 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से केंद्र पर दिल्ली के निगमों का एक साल का 732 करोड़ रुपये बकाया बनता है। 17 सालों का करीब 12,444 करोड़ रुपये बकाया है। निगम उनसे पैसा नहीं मांग रहा है।
दक्षिणी निगम उत्तरी निगम की बिल्डिंग में किराए पर ऑफिस चलाता है। सिविक सेंटर उत्तरी निगम का है और दक्षिणी निगम को उसका किराया देना है। इसका किराया 2.5 हजार करोड़ रुपये बनता है। डीडीए की जितनी संपत्ति है, उन्हें उत्तरी निगम को प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। उसका करीब 857 करोड़ रुपये बकाया है। ये पैसे उत्तरी निगम वसूलकर अपने कर्मचारियों का वेतन दे सकता है।
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करीब 7000 शिक्षक आठ दिसंबर से हड़ताल पर जाएंगे। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने यह जानकारी दी है।
सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हम कई बार बता चुके हैं कि उत्तरी निगम ने अपने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस तो दूर, वेतन तक नहीं दिया। इन्हें तीन महीने का वेतन नहीं मिला और पांच महीने का डीए, एचआरए बकाया है।
डॉक्टर और नर्स डेंगू के सीजन में हड़ताल पर चले गए थे। 29 नवंबर से करीब 7000 शिक्षकों ने बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेना बंद कर दिया है। अब आठ दिसंबर को भाजपा मुख्यालय पर ये शिक्षक धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।
भारद्वाज ने बताया कि शहरी नगर निगमों को केंद्र सरकार प्रति व्यक्ति 488 रुपये सालाना देती है। यह स्कीम 2004 से लागू है। दिल्ली की आबादी करीब 1.5 करोड़ है, 488 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से केंद्र पर दिल्ली के निगमों का एक साल का 732 करोड़ रुपये बकाया बनता है। 17 सालों का करीब 12,444 करोड़ रुपये बकाया है। निगम उनसे पैसा नहीं मांग रहा है।
दक्षिणी निगम उत्तरी निगम की बिल्डिंग में किराए पर ऑफिस चलाता है। सिविक सेंटर उत्तरी निगम का है और दक्षिणी निगम को उसका किराया देना है। इसका किराया 2.5 हजार करोड़ रुपये बनता है। डीडीए की जितनी संपत्ति है, उन्हें उत्तरी निगम को प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। उसका करीब 857 करोड़ रुपये बकाया है। ये पैसे उत्तरी निगम वसूलकर अपने कर्मचारियों का वेतन दे सकता है।