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railway pilot cheated after he took irctc number from google to get ticket amount back in delhi
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दिल्ली: टिकट का रिफंड लेने के लिए आईआरसीटीसी के कस्टमर केयर पर करनी थी शिकायत, गूगल से लिया नंबर, डेढ़ लाख रुपये गंवाए
राजीव कुमार, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनुराग सक्सेना
Updated Mon, 04 Oct 2021 04:03 PM IST
सार
लोको पायलट अनुप ने एक टिकट किया था, लेकिन टिकट बुक नहीं हुआ और पैसे भी कट गए। उन्होंने शिकायत करने के लिए आईआरसीटीसी का नंबर गूगल से निकाला, जो किसी ठग ने सेट करके अपना डाल दिया था। उसने अनुप को बातों में फंसाकर उनके खाते से 1.58 लाख रुपये निकाल लिए।
साइबर क्राइम
- फोटो : amar ujala
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गूगल के जरिए आप किसी भी कस्टमर केयर का नंबर लेते हैं तो सावधान हो जाएं। गूगल से आपको नंबर तो मिल जाएगा लेकिन जब तक आपको नंबर के सही या गलत होने का पता चलेगा, ठग आपके बैंक खाते में सेंध लगा चुके होंगे। ऑनलाइन ठगी करने वाले ठग अधिकतर कस्टमर केयर के नंबरों को अपने हिसाब से अपडेट कर लेते हैं और अपना मोबाइल नंबर उसमें डाल देते हैं। अकसर लोगों को आगाह किया जाता है कि कस्टमर केयर में मोबाइल नंबर नहीं होता है। इसके बावजूद लोग जल्दबाजी में इस बात पर गौर नहीं करते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की
ऐसा ही एक मामला रानीबाग इलाके में आया है। यहां के रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी अनूप कुमार भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट हैं। उन्होंने यात्रा के लिए टिकट की थी। टिकट बुक नहीं होने के बावजूद उनके खाते से पैसे कट गए थे। पैसे वापस नहीं आने पर रेलवे कर्मी ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के कस्टमर केयर पर शिकायत करने के लिए गूगल पर सर्च करके नंबर लिया। वह नंबर ठग का था और आरोपी ने रेलवे कर्मचारी से उसकी सारी जानकारी लेकर एक एप डाउनलोड करवाया। इसके बाद उसने रेलवे कर्मी के बैंक खाते से 1.58 लाख रुपये की निकासी कर ली। अब रेलवे कर्मी को ठगे जाने का एहसास हुआ। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस थाने में दी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की पहचान करने में जुट गई है।
मोबाइल नंबर के रूप में था कस्टमर केयर का नंबर
अनूप ने रेलवे टिकट लेने के लिए अपने मोबाइल में आईआरसीटीसी का एप डाउनलोड कर रखा है, जिसके जरिए पिछले महीने उन्होंने रेलवे टिकट बुक कराने की कोशिश की। इस दौरान उनके रुपये कट गए लेकिन टिकट बुक नहीं हुई। करीब 11 दिन बीत जाने के बाद भी जब उनके बैंक खाते में पैसा नहीं वापस नहीं हुए तो उन्होंने शिकायत करने के लिए गूगल से आईआरसीटीसी के कस्टमर केयर का नंबर लिया। वह एक मोबाइल नंबर था। उस नंबर पर बात नहीं हुई।
आरोपी ने एनीडेस्ट एप करवाया डाउनलोड
उन्होंने बताया कि फिर एक नंबर से उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने पूछा कि टिकट के रिफंड के लिए फोन किया था। अनूप के हां कहने पर आरोपी ने उसे एनीडेस्क एप डाउनलोड करने के लिए कहा। एप डाउनलोड करते ही आरोपी ने एसबीआई योनो को खोलने के लिए कहा। उसके खोलते ही आरोपी ने उसके बैंक खाते से 49-49 हजार रुपये निकाल लिए। जब तक पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ आरोपी उसके खाते से 1.58 लाख रुपये निकल चुके थे। पुलिस आरोपी के नंबर और बैंक खाता के जरिए उसकी पहचान करने में जुटी है।
विस्तार
गूगल के जरिए आप किसी भी कस्टमर केयर का नंबर लेते हैं तो सावधान हो जाएं। गूगल से आपको नंबर तो मिल जाएगा लेकिन जब तक आपको नंबर के सही या गलत होने का पता चलेगा, ठग आपके बैंक खाते में सेंध लगा चुके होंगे। ऑनलाइन ठगी करने वाले ठग अधिकतर कस्टमर केयर के नंबरों को अपने हिसाब से अपडेट कर लेते हैं और अपना मोबाइल नंबर उसमें डाल देते हैं। अकसर लोगों को आगाह किया जाता है कि कस्टमर केयर में मोबाइल नंबर नहीं होता है। इसके बावजूद लोग जल्दबाजी में इस बात पर गौर नहीं करते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की
ऐसा ही एक मामला रानीबाग इलाके में आया है। यहां के रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी अनूप कुमार भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट हैं। उन्होंने यात्रा के लिए टिकट की थी। टिकट बुक नहीं होने के बावजूद उनके खाते से पैसे कट गए थे। पैसे वापस नहीं आने पर रेलवे कर्मी ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के कस्टमर केयर पर शिकायत करने के लिए गूगल पर सर्च करके नंबर लिया। वह नंबर ठग का था और आरोपी ने रेलवे कर्मचारी से उसकी सारी जानकारी लेकर एक एप डाउनलोड करवाया। इसके बाद उसने रेलवे कर्मी के बैंक खाते से 1.58 लाख रुपये की निकासी कर ली। अब रेलवे कर्मी को ठगे जाने का एहसास हुआ। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस थाने में दी है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की पहचान करने में जुट गई है।
मोबाइल नंबर के रूप में था कस्टमर केयर का नंबर
अनूप ने रेलवे टिकट लेने के लिए अपने मोबाइल में आईआरसीटीसी का एप डाउनलोड कर रखा है, जिसके जरिए पिछले महीने उन्होंने रेलवे टिकट बुक कराने की कोशिश की। इस दौरान उनके रुपये कट गए लेकिन टिकट बुक नहीं हुई। करीब 11 दिन बीत जाने के बाद भी जब उनके बैंक खाते में पैसा नहीं वापस नहीं हुए तो उन्होंने शिकायत करने के लिए गूगल से आईआरसीटीसी के कस्टमर केयर का नंबर लिया। वह एक मोबाइल नंबर था। उस नंबर पर बात नहीं हुई।
आरोपी ने एनीडेस्ट एप करवाया डाउनलोड
उन्होंने बताया कि फिर एक नंबर से उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने पूछा कि टिकट के रिफंड के लिए फोन किया था। अनूप के हां कहने पर आरोपी ने उसे एनीडेस्क एप डाउनलोड करने के लिए कहा। एप डाउनलोड करते ही आरोपी ने एसबीआई योनो को खोलने के लिए कहा। उसके खोलते ही आरोपी ने उसके बैंक खाते से 49-49 हजार रुपये निकाल लिए। जब तक पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ आरोपी उसके खाते से 1.58 लाख रुपये निकल चुके थे। पुलिस आरोपी के नंबर और बैंक खाता के जरिए उसकी पहचान करने में जुटी है।
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