दिल्ली में परिवहन का पहिया एक साथ में नहीं थमा। दस साल बाद सरकार 700 लो फ्लोर बसें खरीदने जा रही हैं। इसी बीच इलेक्ट्रिक वाहन नीति व स्क्रैप नीति भी जारी कर दी गई। मेट्रो के पटरी पर लौटने पर मेट्रो फेस-4 के लिए भी बजट का प्रावधान सरकार ने किया है।
सरकार की ओर से ई-वाहन पॉलिसी लांच करने के बाद प्रदूषण में कटौती के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं। सरकार ने ई- वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए जहां सब्सिडी के साथ साथ रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क भी नए वाहनों पर माफ कर दिया है। वहीं, नए चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के तहत वाहनों की खरीद का लोगों पर कम से कम बोझ पड़े, इसके लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया।
दूसरी तरफ दिल्ली ने स्क्रैप पॉलिसी भी लागू की है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी में शामिल किया गया, जिससे पुराने वाहनों के बदले नए की खरीद पर छूट का लोगों को फायदा मिल सके। इस पॉलिसी के न होने की वजह से पूरी दिल्ली में कबाड़ बन चुके हजारों वाहनों से प्रदूषण हो रहा था। नई नीति से प्रदूषण से राहत मिलने के साथ साथ वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ भी कम होगा।
700 लो फ्लोर एसी बसें होंगी बेड़े में शामिल
बसों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 700 नई लो फ्लोर एसी बसों की खरीद को मंजूरी दी है। दस साल बाद दिल्ली वासियों को डीटीसी की नई बसों में इस साल सफर करने का मौका मिल सकेगा। इसके लिए ऑर्डर किए जा चुके हैं।
एचएसआरपी के लिए बढ़ी सुविधाएं
वाहनों की सुरक्षा के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर (एचएसआरपी) प्लेट के लिए भी पिछले कुछ महीनों के दौरान ऑनलाइन बुकिंग और होम डिलीवरी की सुविधा दी गई। इससे भी वाहन चालकों को अपने वाहनों की चोरी का खतरा कम होगा।
मेट्रो के कार्यों में भी आई तेजी
दिल्ली मेट्रो परियोजना के लिए भी दिल्ली सरकार ने इस साल करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए प्रावधान किया है। इससे रिठाला-बवाना-नरेला कॉरिडोर सहित फेज-4 की अन्य परियोजनाओं पर भी काम में तेजी आएगी। कोरोना काल में सुरक्षा के लिहाज से बरते जाने वाले एहतियातों के लिए भी दिल्ली सरकार की ओर से स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई। मेट्रो सेवाओं के पटरी पर लौटने के बाद परियोजनाओं पर भी तेजी से काम हो रहा है।
दिल्ली में परिवहन का पहिया एक साथ में नहीं थमा। दस साल बाद सरकार 700 लो फ्लोर बसें खरीदने जा रही हैं। इसी बीच इलेक्ट्रिक वाहन नीति व स्क्रैप नीति भी जारी कर दी गई। मेट्रो के पटरी पर लौटने पर मेट्रो फेस-4 के लिए भी बजट का प्रावधान सरकार ने किया है।
सरकार की ओर से ई-वाहन पॉलिसी लांच करने के बाद प्रदूषण में कटौती के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं। सरकार ने ई- वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए जहां सब्सिडी के साथ साथ रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क भी नए वाहनों पर माफ कर दिया है। वहीं, नए चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के तहत वाहनों की खरीद का लोगों पर कम से कम बोझ पड़े, इसके लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया।
दूसरी तरफ दिल्ली ने स्क्रैप पॉलिसी भी लागू की है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी में शामिल किया गया, जिससे पुराने वाहनों के बदले नए की खरीद पर छूट का लोगों को फायदा मिल सके। इस पॉलिसी के न होने की वजह से पूरी दिल्ली में कबाड़ बन चुके हजारों वाहनों से प्रदूषण हो रहा था। नई नीति से प्रदूषण से राहत मिलने के साथ साथ वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ भी कम होगा।
700 लो फ्लोर एसी बसें होंगी बेड़े में शामिल
बसों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 700 नई लो फ्लोर एसी बसों की खरीद को मंजूरी दी है। दस साल बाद दिल्ली वासियों को डीटीसी की नई बसों में इस साल सफर करने का मौका मिल सकेगा। इसके लिए ऑर्डर किए जा चुके हैं।
एचएसआरपी के लिए बढ़ी सुविधाएं
वाहनों की सुरक्षा के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर (एचएसआरपी) प्लेट के लिए भी पिछले कुछ महीनों के दौरान ऑनलाइन बुकिंग और होम डिलीवरी की सुविधा दी गई। इससे भी वाहन चालकों को अपने वाहनों की चोरी का खतरा कम होगा।
मेट्रो के कार्यों में भी आई तेजी
दिल्ली मेट्रो परियोजना के लिए भी दिल्ली सरकार ने इस साल करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए प्रावधान किया है। इससे रिठाला-बवाना-नरेला कॉरिडोर सहित फेज-4 की अन्य परियोजनाओं पर भी काम में तेजी आएगी। कोरोना काल में सुरक्षा के लिहाज से बरते जाने वाले एहतियातों के लिए भी दिल्ली सरकार की ओर से स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई। मेट्रो सेवाओं के पटरी पर लौटने के बाद परियोजनाओं पर भी तेजी से काम हो रहा है।