डिजिटल रिव्यू: महात्मा के उत्सव के 150 साल (सोशल वीडियो)
कलाकार: आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान, कंगना रनौत, आलिया भट्ट, सोनम आहूजा, विकी कौशल और रणबीर कपूर।
संकल्पना व निर्देशक: राज कुमार हिरानी
यूट्यूब चैनल: राज कुमार हिरानी फिल्म्स
काली सी स्लेट पर सफेद लकीरों से उभरते अक्स और खिंचता खाका एक ऐसे इंसान का जिसने पूरी दुनिया को समझाया कि माफ कर देना दुर्बल का नहीं बल्कि वीरों का लक्षण है। उस बंदे ने ही बताया कि खुद को पाना हो तो दूसरों की सेवा में खुद को खो देना ही होता है। यही वो बंदा है जिसके पाठ पढ़कर मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसा मवाली एक शरीफ बनने की सोचता है। वाकई बंदे में था दम, वंदे मातरम!
मोहनदास करमचंद गांधी के महात्मा गांधी बन जाने की बात समझाने के लिए मशहूर निर्देशक राजकुमार हीरानी ने जो सौ सेकंड का वीडियो बनाया है, उसे हर हिंदुस्तानी को देखना ही चाहिए। आम इंसान कोई बात कहे तो दूसरे आम इंसान को समझानी थोड़ी मुश्किल होती है इसीलिए गांधी की आम बातों को राजू ने इस बार जन जन तक पहुंचाने के लिए हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों की मदद ली है। एक ही वीडियो में आमिर, सलमान और शाहरुख को देखना सुखद है।
गांधीजी के विचार दोहराते इन दिग्गजों का ये वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वीडियो में तमाम सितारे बापू के संदेशों को दोहराते नजर आते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर जारी किया गया ये श्वेत श्याम वीडियो बहुत ही सुकून देता है। मोदी के बचपन पर चलो जीते हैं फिल्म बना चुके महावीर जैन की आहुति भी इस गांधी यज्ञ में पड़ी है। वीडियो का उनवान राजू की फिल्म मुन्नाभाई के गाने से ही होता है और यही वो गाना है जिसने नई पीढ़ी को गांधी के बारे में फिर से पढ़ने की प्रेरणा दी है।
डिजिटल रिव्यू: महात्मा के उत्सव के 150 साल (सोशल वीडियो)
कलाकार: आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान, कंगना रनौत, आलिया भट्ट, सोनम आहूजा, विकी कौशल और रणबीर कपूर।
संकल्पना व निर्देशक: राज कुमार हिरानी
यूट्यूब चैनल: राज कुमार हिरानी फिल्म्स
काली सी स्लेट पर सफेद लकीरों से उभरते अक्स और खिंचता खाका एक ऐसे इंसान का जिसने पूरी दुनिया को समझाया कि माफ कर देना दुर्बल का नहीं बल्कि वीरों का लक्षण है। उस बंदे ने ही बताया कि खुद को पाना हो तो दूसरों की सेवा में खुद को खो देना ही होता है। यही वो बंदा है जिसके पाठ पढ़कर मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसा मवाली एक शरीफ बनने की सोचता है। वाकई बंदे में था दम, वंदे मातरम!