{"_id":"6128e0458ebc3e79c90174d2","slug":"the-empire-review-in-hindi-by-pankaj-shukla-drishti-dhami-shabana-azmi-mitakshara-kumar-kunal-kapoor","type":"wiki","status":"publish","title_hn":"The Empire Review: भंसाली के शागिर्दों की दिलचस्प रीयूनियन, दृष्टि धामी ने दिखाई अदाकारी की असली दमक","category":{"title":"Movie Reviews","title_hn":"मूवी रिव्यूज","slug":"movie-review"}}
The Empire Review: भंसाली के शागिर्दों की दिलचस्प रीयूनियन, दृष्टि धामी ने दिखाई अदाकारी की असली दमक
एलेक्स रदरफोर्ड की किताब ‘एम्पायर ऑफ द मुगल: रेडर्स फ्रॉम द नॉर्थ’ वैसी ही किताब है, जैसी इन दिनों भारत में आनंद नीलकंठन और अमीश पौराणिक गाथाओं के काल्पनिक क्षेपक निकालकर रच रहे हैं।
कुणाल कपूर
,
राहुल देव
,
दृष्टि धामी
,
शबाना आजमी
और
डीनो मोरिया
लेखक
भवानी अय्यर
और
मिताक्षरा कुमार
निर्देशक
मिताक्षरा कुमार
निर्माता
मोनिषा आडवाणी
और
मधु भोजवानी
ओटीटी
डिज्नी प्लस हॉटस्टार
रेटिंग
3/5
विस्तार
हर शागिर्द को अपने उस्ताद से बेहतर होना ही चाहिए। लेकिन, ऐसा करने के लिए उसे अपने हुनर के अलहदा अंदाज भी दिखाने होते हैं। वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ देखते समय आपको इस बात का एहसास होगा कि इसके कहने का मतलब क्या है? और, ये भी कि क्या संजय लीला भंसाली स्कूल से निकले तमाम तकनीशियन भंसाली प्रोडक्शंस के बाहर फिर से एकजुट होने पर अपने उस्ताद जैसा करिश्मा परदे पर पैदा कर पाए हैं? वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ देश में बनने वाली ओटीटी सामग्री का एक महत्वपूर्ण प्रस्थान बिंदु है लिहाजा इसे देखने का नजरिया भी ऐसा होना जरूरी है जिसमें एक देसी मनोरंजन सामग्री पर इतराने के एहसास को काबू में रखते हुए उसे एक काल्पनिक कहानी के रूप में देखा जाए। एलेक्स रदरफोर्ड की किताब ‘एम्पायर ऑफ द मुगल: रेडर्स फ्रॉम द नॉर्थ’ वैसी ही किताब है, जैसी इन दिनों भारत में आनंद नीलकंठन और अमीश पौराणिक गाथाओं के काल्पनिक क्षेपक निकालकर रच रहे हैं। प्रचलित ऐतिहासिक संदर्भों के बीच कल्पना कथाएं रचना आसान नहीं होता और उन्हें परदे पर रचना भी उतना ही मुश्किल है।
डिनो मोरिया, राहुल देव, द एम्पायर
- फोटो : अमर उजाला मुंबई
के आसिफ की ‘मुगल ए आजम’ में सलीम अनारकली की प्रेम कहानी कोरी कल्पना मानी जाती है। यहां बाबर की जो कहानी वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ में दिखाई जा रही है वह भी काल्पनिक ही है। ये इतिहास का पाठ नहीं है। इतिहास वैसे भी अलग अलग दौर में अलग अलग नजरिये से देखा जाता है। भारत में मुगलों को खलनायक मानने की प्रथा पुरानी है और हाल के दिनों में बही बयार में तो निर्देशक कबीर खान को भी इसके खिलाफ खुलकर आना ही पड़ा। मुगलों ने देश का कितना नुकसान किया, कितने लोगों का धर्म परिवर्तन किया या यहां से क्या क्या लूटकर ले गए, इसकी कहानियां हो सकता है वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ के आने वाले सीजन की कहानियां बनें, लेकिन अभी जो इसके आठ एपीसोड रिलीज हुए हैं, वे बाबर और उसके आसपास के लोगों की कहानियां सुनाते हैं। बाबर के बाद हुमायूं भी सीरीज के आखिर तक आते आते परदे पर आ ही जाता है और अगले सीजन की कुंडी खोल जाता है।
द एम्पायर पोस्टर
- फोटो : अमर उजाला मुंबई
वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ की पटकथा कई जगह हिचकोले खाती है। इसे लिखने वाली लेखकों का इस कहानी को देखने का अपना एक नजरिया है। बाबर की बहन का भी इस कहानी में मजबूत नजरिया है। वह ‘बाबरनामा’ से निकला किरदार नहीं है। वह एक दंपती की छद्मनाम से लिखी कहानियों की कल्पना है। एलेक्स रदरफोर्ड नाम का कोई शख्स नहीं है। डायना प्रेस्टन और उनके पति माइकल प्रेस्टन ने ‘एम्पायर ऑफ द मुगल’ सीरीज की छह किताबें अपने संयुक्त पेन नेम एलेक्स रदरफोर्ड के नाम से लिखी हैं। यहां बाबर की कथा किशोरावस्था से शुरू होती है और वहां तक पहुंचती है जहां 45 का होते होते उसके पैर कब्र में लटके दिखने लगते हैं, उम्र की वजह से नहीं बल्कि जंग की वजह से। वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ में बाबर दो जंग एक साथ लड़ रहा है। एक बाहर मैदान में दुश्मनों से और एक अपने महल के भीतर अपनों से। ये सिंहासन का रणयुद्ध है। इसमें मानसिक और शारीरिक दोनों की मजबूती जरूरी है। लेकिन, बाबर संपूर्ण नहीं है। वह इंसान है। इंसानी कमजोरियों का शिकार है।
एसान दौलत
- फोटो : अमर उजाला, मुंबई
इंसानी कमजोरियों के साथ ही जो दूसरा सबसे दमदार किरदार वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ में इसके लेखकों ने गढ़ा है वह है एसान दौलत का। खानजादा की निगाहों से कैनवस पर खिंचती एक कबीलाई सी कहानी के मोहरे एसान दौलत चलती है। भौहें उसकी आधी हैं और उनको टेढ़ा करके जब वह फैसले लेती है तो एक सिहरन सी महसूस होती है। नए जमाने के इस बाबरनामे में इसकी निर्देशक मिताक्षरा कुमार ने ऐसे कलाकार समेटे हैं जिनको अभिनय में महारत हासिल है। शबाना आजमी अपने अभिनय करियर के 47वें साल में भी अपने प्रशंसकों को हैरतजदा करने में कामयाब हैं। दृष्टि धामी भी लगता है उन्हीं के पदचिन्हों पर हैं। उनका एक एक भाव नोट करने लायक है। वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ में एक नई दृष्टि धामी की खोज हुई है। टेलीविजन की दृष्टि से ये सौ गुना बेहतर है। और, कुणाल कपूर। सीरीज के इस सीजन में में अगर सबसे ज्यादा कसौटी पर कोई कलाकार कसा गया है तो वह कुणाल कपूर ही हैं। किरदार के चोले में ढलने में उनको थोड़ा समय लगता है लेकिन एक बार रौ में आने के बाद वह जम जाते हैं। और, सबसे ज्यादा चौंकाने का काम करते हैं डीनो मोरिया। हालांकि, वह बीच बीच में वह ‘पद्मावत’ के खिलजी की याद दिलाते हैं, लेकिन उनकी मेहनत काबिले तारीफ है।
कुणाल कपूर- द एंपायर
- फोटो : अमर उजाला मुंबई
जैसा कि मैंने शुरू में कहा था वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ भंसाली स्कूल से निकले शागिर्दों का रीयूनियन है। मिताक्षरा ने ‘पद्मावत’ और ‘बाजीराव मस्तानी’ में भंसाली को असिस्ट किया। भवानी अय्यर भी भंसाली के साथ ‘ब्लैक’ और ‘गुजारिश’ लिख चुकी हैं। संवाद और गीत लिखने वाले एएम तुराज का परिचय बिना भंसाली के जिक्र के पूरा नहीं होता और शैल हांडा तो भंसाली की धुनों के साथ कितना करीब से जुड़े रहे हैं, ये भंसाली के संगीत की जानकारी रखने वाला हर शख्स जानता ही है। इन लोगों के साथ दिक्कत ये हुई है कि ये अपने ‘गुरु’ के आभामंडल के बाहर नहीं निकल पाए हैं। वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ में भंसाली के प्रभाव में रहते हुए भी उनके शागिर्दों ने एक अलग उड़ान भरने की कोशिश ठीक की है और इसमें उन्हें सबसे ज्यादा मदद मिली है सीरीज के कला निर्देशक विजय घोडके से। वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ चूल्हे पर चढ़ी बटलोई में पकती दाल की तरह है जिसकी महक पर इसके दूसरे सीजन का अदहन टिका है। एक काल्पनिक कथा के रूप में वेब सीरीज ‘द एम्पायर’ अपना काम कर जाती है, हां, इसे इतिहास के पाठ के रूप में देखने की गलती कतई मत करिएगा।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।