गोरखपुर सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि जिला कोविड से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है लेकिन सतर्कता में कमी हुई तो मुसीबत बढ़ सकती है। त्योहार के समय कोविड नियमों के प्रति सख्त होना पड़ेगा और प्रवासियों के साथ संयमित व्यवहार अपनाना होगा। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि मास्क, दो गज दूरी और हाथों की स्वच्छता का नियम अपनाएं रखें। तय समय पर कोविड टीके की दूसरी डोज अवश्य लगवा लें।
सीएमओ ने बताया कि 25 अक्तूबर तक जिले में कोविड के चार सक्रिय मामले रह गए हैं। कोविड के कुल 59430 पॉजिटिव मरीज पाए जा चुके हैं। इस समय रोजाना 3500 नमूनों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन 2000 आरटीपीसीआर जांच की जा रही हैं, जबकि 1500 एंटीजन जांच हो रहीं हैं।
कोविड के मामले न के बराबर हैं लेकिन त्योहारों में संयमित व्यवहार न अपनाने पर फिर से कोविड का प्रसार होने की आशंका है। उन्होंने अपील की कि अगर किसी को भी सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ सांस फूलने की समस्या है तो आइसोलेट हो जाएं और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से कोविड जांच करवा लें। अगर किसी प्रवासी में यह लक्षण हैं तो आशा कार्यकर्ता को सूचना दें और प्रवासी को प्रेरित करें कि कोविड जांच जरूर करवाएं।
दोनों डोज के बाद भी रहें सतर्क
सीएमओ ने बताया कि कोविड टीके की दोनों डोज लगने के बाद भी कोविड होने की आशंका समाप्त नहीं होती। ऐसे लोगों को भी कोविड हुआ है। टीका लगने के बाद होने वाले कोविड में बीमारी के कारण कठिनाई पैदा नहीं होती है। इसलिए टीका लगवाने के बाद भी कोविड से बचाव का सबसे बड़ा उपाय कोविड प्रोटोकॉल का पालन ही है।
गोरखपु कोरोना टीकाकरण के लिए सोमवार को जिले में सर्वाधिक 323 बूथ बनाए गए। इन बूथों पर 50 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन महज 25 हजार लोग ही टीका लगवाने के लिए आगे आए। इसके बाद से जिले में टीका लगवाने वालों की संख्या 31 लाख 59 हजार से अधिक हो गई है।
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को महाअभियान की तैयारी कर रखी थी। रिकॉर्ड 50 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए शहरी क्षेत्र में 50 से अधिक बूथ बनाए गए थे। जबकि हर ब्लॉक में 12 से 15 बूथ बने थे। इन बूथों पर सुबह से ही लोग टीका लगवाने के लिए लाइन में आ गए थे। लेकिन महज एक से दो घंटों में ही बूथ खाली हो गए।
शहर के जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और संक्रामक रोग विभाग में सुबह 10 बजे के आसपास 30 से 40 लोगों की भीड़ दिखी। लेकिन 12 बजते-बजते यह भीड़ भी गायब हो गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एनके पांडेय ने बताया कि सुबह ही बूथों पर टीका पहुंच गया था। इसकी वजह से कहीं कोई परेशानी नहीं हुई। बताया कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। अब लोग ही बूथों पर कम पहुंच रहे हैं।
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गोरखपुर सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि जिला कोविड से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है लेकिन सतर्कता में कमी हुई तो मुसीबत बढ़ सकती है। त्योहार के समय कोविड नियमों के प्रति सख्त होना पड़ेगा और प्रवासियों के साथ संयमित व्यवहार अपनाना होगा। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि मास्क, दो गज दूरी और हाथों की स्वच्छता का नियम अपनाएं रखें। तय समय पर कोविड टीके की दूसरी डोज अवश्य लगवा लें।
सीएमओ ने बताया कि 25 अक्तूबर तक जिले में कोविड के चार सक्रिय मामले रह गए हैं। कोविड के कुल 59430 पॉजिटिव मरीज पाए जा चुके हैं। इस समय रोजाना 3500 नमूनों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन 2000 आरटीपीसीआर जांच की जा रही हैं, जबकि 1500 एंटीजन जांच हो रहीं हैं।
कोविड के मामले न के बराबर हैं लेकिन त्योहारों में संयमित व्यवहार न अपनाने पर फिर से कोविड का प्रसार होने की आशंका है। उन्होंने अपील की कि अगर किसी को भी सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ सांस फूलने की समस्या है तो आइसोलेट हो जाएं और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से कोविड जांच करवा लें। अगर किसी प्रवासी में यह लक्षण हैं तो आशा कार्यकर्ता को सूचना दें और प्रवासी को प्रेरित करें कि कोविड जांच जरूर करवाएं।
दोनों डोज के बाद भी रहें सतर्क
सीएमओ ने बताया कि कोविड टीके की दोनों डोज लगने के बाद भी कोविड होने की आशंका समाप्त नहीं होती। ऐसे लोगों को भी कोविड हुआ है। टीका लगने के बाद होने वाले कोविड में बीमारी के कारण कठिनाई पैदा नहीं होती है। इसलिए टीका लगवाने के बाद भी कोविड से बचाव का सबसे बड़ा उपाय कोविड प्रोटोकॉल का पालन ही है।