विदेश कमाने का सपना लेकर घर से निकले लोग वहां पांच महीने तक नारकीय जिंदगी बिताकर लौट आए हैं। वतन लौटे चौरीचौरा के धनेश और सहजनवां के वंशु ने कहा कि अब वह कभी विदेश नहीं जाएंगे। अपने ही देश में कमाकर परिवार का भरण पोषण करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, 11 भारतीय सोमालिया में जाकर फंस गए थे। टूरिस्ट वीजा पर इनको भेजा गया था। वहां कंपनी ने बंधक बना लिया। इसकी जानकारी होने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि की पहल पर किसी तरह सभी वतन लौट आए हैं। शुक्रवार को गोरखपुर आने पर दो युवकों का राजेश ने स्वागत भी किया।
चौरीचौरा क्षेत्र के विशंभरपुर निवासी धनेश प्रजापति (26) पुत्र रामबेलास सोमालिया से घर पहुंचे तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सोमालिया में पांच माह तक बंधक रहने वाले धनेश परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने गए थे। लेकिन हुआ कुछ और।
सहजनवां के वंशु भी शुक्रवार को सुबह चार बजे अपने घर पहुंचे। उन्हें देखकर घरवाले खुशी से रो पड़े। पत्नी चंद्रकला ने कहा कि पति के लौटने के बाद यह उम्मीद हो गई है कि उनके दोनों बच्चे और रिश्तेदार भी सही सलामत लौट आएंगे।
चौरीचौरा के धनेश ने कहा कि सोमालिया में फंस जाने के बाद यही लगा था कि अब वतन नहीं लौट पाएंगे। इंटर पास धनेश की रीता देवी से शादी हुई है। तीन साल की एक बच्ची अंजली है। घर की हालत को सुधारने के लिए विदेश गए थे, लेकिन अब कर्जदार हो गए हैं। खुशी सिर्फ इस बात की है कि सही सलामत घर लौट आए हैं।
कुशीनगर के ललित और गोपालगंज के राजेश भी लौटे
कुशीनगर के ललित और गोपालगंज के राजेश सिंह भी शुक्रवार की सुबह लौट आए हैं। दिल्ली से सुबह छह बजे हमसफर से गोरखपुर पहुंचे। यहां पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि ने दोनों का स्वागत किया। ललित और राजेश ने आपबीती सुनाई। जिसके बाद राजेश मणि ने कहा कि जो गुजर गया, उसे बुरा सपना मानकर छोड़ना ही बेहतर है।
विदेश कमाने का सपना लेकर घर से निकले लोग वहां पांच महीने तक नारकीय जिंदगी बिताकर लौट आए हैं। वतन लौटे चौरीचौरा के धनेश और सहजनवां के वंशु ने कहा कि अब वह कभी विदेश नहीं जाएंगे। अपने ही देश में कमाकर परिवार का भरण पोषण करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, 11 भारतीय सोमालिया में जाकर फंस गए थे। टूरिस्ट वीजा पर इनको भेजा गया था। वहां कंपनी ने बंधक बना लिया। इसकी जानकारी होने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि की पहल पर किसी तरह सभी वतन लौट आए हैं। शुक्रवार को गोरखपुर आने पर दो युवकों का राजेश ने स्वागत भी किया।
चौरीचौरा क्षेत्र के विशंभरपुर निवासी धनेश प्रजापति (26) पुत्र रामबेलास सोमालिया से घर पहुंचे तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सोमालिया में पांच माह तक बंधक रहने वाले धनेश परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने गए थे। लेकिन हुआ कुछ और।
सहजनवां के वंशु भी शुक्रवार को सुबह चार बजे अपने घर पहुंचे। उन्हें देखकर घरवाले खुशी से रो पड़े। पत्नी चंद्रकला ने कहा कि पति के लौटने के बाद यह उम्मीद हो गई है कि उनके दोनों बच्चे और रिश्तेदार भी सही सलामत लौट आएंगे।