{"_id":"616fea0a91c3040a6f42671d","slug":"shahana-death-case-update-inspector-rajendra-singh-suspended-in-gorakhpur","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"शहाना मौत मामला: जेल गया दरोगा राजेंद्र सिंह निलंबित, विभागीय जांच के आदेश","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
शहाना मौत मामला: जेल गया दरोगा राजेंद्र सिंह निलंबित, विभागीय जांच के आदेश
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 20 Oct 2021 03:36 PM IST
सार
बेलीपार के भीटी गांव की शहाना निशा की कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर में 15 अक्तूबर को किराए के मकान में फंदे से लटकती लाश मिली थी। इस मामले में विभागीय जांच के रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार बर्खास्तगी भी की जा सकती है।
शहाना की फाइल फोटो।
- फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
गोरखपुर जिला महिला अस्पताल की संविदा कर्मी शहाना निशा उर्फ सुहानी की मौत के मामले में गिरफ्तार व जेल भेजा गया दरोगा राजेंद्र सिंह को एलआईयू की विशेष शाखा से निलंबित कर दिया गया है। दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार बर्खास्तगी भी की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार, बेलीपार के भीटी गांव की शहाना निशा की कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर में 15 अक्तूबर को किराए के मकान में फंदे से लटकती लाश मिली थी। गले में फंदा था और घुटने जमीन पर टिके हुए थे। शव के पास ही शहाना का करीब एक वर्ष का बेटा बिलख रहा था। इस मामले में एलआईयू की विशेष शाखा में तैनात दरोगा राजेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है। दरोगा पर शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है। इसकी रिपोर्ट एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एलआईयू विशेष शाखा के एसपी को भेज दी थी। इसका संज्ञान लेकर ही लखनऊ मुख्यालय से राजेंद्र सिंह के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि भी विभागीय अधिकारियों ने कर दी है।
गोरखपुर आया आरोपी का बेटा, अच्छे अधिवक्ता की तलाश
जेल भेजे गए दरोगा राजेंद्र सिंह का बेटा मंगलवार को गोरखपुर आया। एलआईयू की विशेष शाखा में जाकर घटना की जानकारी ली। साथ ही अच्छे अधिवक्ता की तलाश में लगा रहा। एलआईयू की विशेष शाखा पहुंचे बेटे ने कहा कि बुधवार को राजेंद्र सिंह से जेल में मिलने का प्रयास करेगा। पूरी जानकारी के बाद जमानत के लिए अर्जी डालेगा।
फोरेंसिक जांच के लिए भेजा मोबाइल
कोतवाली पुलिस के मुताबिक शहाना का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शहाना की मौत की विवेचना एसआई रतन कुमार पांडेय को दी गई है।
निलंबित दरोगा को मंडलीय कारागार के मिलेनियम बैरक में रखा गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक दरोगा राजेंद्र सिंह मंगलवार की पूरी रात बेचैन दिखा। खाना भी ठीक से नहीं खाया। 84 बंदियों के बीच रात गुजारी। दरोगा के पास कपड़े भी नहीं थे। जो कपड़े पहनकर जेल गया था, वही पहनकर रहना पड़ा। राजेंद्र मंगलवार को दिनभर बेटे के आने की राह देखता रहा, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सार्वजनिक अवकाश की वजह से बेटे से मुलाकात भी नहीं हुई।
मासूम के पालन-पोषण का खर्च मांगा
शहाना का मासूम बेटा बेलीपार के भीटी गांव में अपनी नानी के पास है। नाना इनायतुल्ला का कहना है कि मासूम के पालन-पोषण व पढ़ाई का खर्च मिलना चाहिए। यह खर्च दरोगा से दिलवाया जाए। उनका आरोप है कि बच्चा दरोगा का ही है। शहाना जिंदा होती तो सच सामने आ जाता, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। शहाना की मौत हो चुकी है।
उपलब्ध कराया जाए शहाना का मोबाइल
फंदे से लटकी मिली शहाना का मोबाइल फोन परिजनों को नहीं मिल सका है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि मोबाइल फोन उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसमें दरोगा की करतूत जरूर कैद होगी। शहाना गत गुरुवार को भीटी गांव आई थी। गोरखपुर गई तो मोबाइल फोन साथ था। देर रात मोबाइल फोन पर बात भी हुई थी। शुक्रवार की सुबह छह बजे शहाना के मौत की खबर आ गई, लेकिन मोबाइल फोन नहीं दिया गया। यह भी जानकारी मिली है कि मोबाइल फोन को तोड़ दिया गया था, ताकि किसी तरह का सुराग न मिल सके।
बहन के कमरे तक नहीं जाने दिया
जिस कमरे में शहाना की मौत हुई थी, उसे भी पुलिस ने सील कर दिया है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि कमरे को खोलकर छानबीन कराई जाए। आरोप लगाया कि शहाना के परिजनों को कमरे में घुसने तक नहीं दिया गया है। मां, बहनोई व मामा बक्शीपुर स्थित मकान तक गए तो कोतवाली पुलिस ने सख्त हिदायत दी। थाने ले जाकर जेल भेजने तक की धमकी दी गई। अगर कमरे की गहनता से छानबीन हो तो दरोगा व शहाना के बीच संबंधों की कड़ी तलाशने में मदद मिल सकती है। पता चल सकता है कि दरोगा का स्वभाव कैसा था? जिस तारीख को घटना घटी, उस दिन क्या हुआ था, यह भी पता हो सकता है। कमरे से शहाना का सामान भी नहीं मिला है।
विस्तार
गोरखपुर जिला महिला अस्पताल की संविदा कर्मी शहाना निशा उर्फ सुहानी की मौत के मामले में गिरफ्तार व जेल भेजा गया दरोगा राजेंद्र सिंह को एलआईयू की विशेष शाखा से निलंबित कर दिया गया है। दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के तथ्यों के अनुसार बर्खास्तगी भी की जा सकती है।
विज्ञापन
जानकारी के अनुसार, बेलीपार के भीटी गांव की शहाना निशा की कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर में 15 अक्तूबर को किराए के मकान में फंदे से लटकती लाश मिली थी। गले में फंदा था और घुटने जमीन पर टिके हुए थे। शव के पास ही शहाना का करीब एक वर्ष का बेटा बिलख रहा था। इस मामले में एलआईयू की विशेष शाखा में तैनात दरोगा राजेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है। दरोगा पर शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है। इसकी रिपोर्ट एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एलआईयू विशेष शाखा के एसपी को भेज दी थी। इसका संज्ञान लेकर ही लखनऊ मुख्यालय से राजेंद्र सिंह के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है। इसकी पुष्टि भी विभागीय अधिकारियों ने कर दी है।
गोरखपुर आया आरोपी का बेटा, अच्छे अधिवक्ता की तलाश
जेल भेजे गए दरोगा राजेंद्र सिंह का बेटा मंगलवार को गोरखपुर आया। एलआईयू की विशेष शाखा में जाकर घटना की जानकारी ली। साथ ही अच्छे अधिवक्ता की तलाश में लगा रहा। एलआईयू की विशेष शाखा पहुंचे बेटे ने कहा कि बुधवार को राजेंद्र सिंह से जेल में मिलने का प्रयास करेगा। पूरी जानकारी के बाद जमानत के लिए अर्जी डालेगा।
फोरेंसिक जांच के लिए भेजा मोबाइल
कोतवाली पुलिस के मुताबिक शहाना का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शहाना की मौत की विवेचना एसआई रतन कुमार पांडेय को दी गई है।
दरोगा को मिलेनियम बैरक में रखा गया
आरोपी राजेंद्र सिंह व शहाना की फाइल फोटो।
- फोटो : अमर उजाला।
निलंबित दरोगा को मंडलीय कारागार के मिलेनियम बैरक में रखा गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक दरोगा राजेंद्र सिंह मंगलवार की पूरी रात बेचैन दिखा। खाना भी ठीक से नहीं खाया। 84 बंदियों के बीच रात गुजारी। दरोगा के पास कपड़े भी नहीं थे। जो कपड़े पहनकर जेल गया था, वही पहनकर रहना पड़ा। राजेंद्र मंगलवार को दिनभर बेटे के आने की राह देखता रहा, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सार्वजनिक अवकाश की वजह से बेटे से मुलाकात भी नहीं हुई।
मासूम के पालन-पोषण का खर्च मांगा
शहाना का मासूम बेटा बेलीपार के भीटी गांव में अपनी नानी के पास है। नाना इनायतुल्ला का कहना है कि मासूम के पालन-पोषण व पढ़ाई का खर्च मिलना चाहिए। यह खर्च दरोगा से दिलवाया जाए। उनका आरोप है कि बच्चा दरोगा का ही है। शहाना जिंदा होती तो सच सामने आ जाता, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। शहाना की मौत हो चुकी है।
उपलब्ध कराया जाए शहाना का मोबाइल
फंदे से लटकी मिली शहाना का मोबाइल फोन परिजनों को नहीं मिल सका है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि मोबाइल फोन उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसमें दरोगा की करतूत जरूर कैद होगी। शहाना गत गुरुवार को भीटी गांव आई थी। गोरखपुर गई तो मोबाइल फोन साथ था। देर रात मोबाइल फोन पर बात भी हुई थी। शुक्रवार की सुबह छह बजे शहाना के मौत की खबर आ गई, लेकिन मोबाइल फोन नहीं दिया गया। यह भी जानकारी मिली है कि मोबाइल फोन को तोड़ दिया गया था, ताकि किसी तरह का सुराग न मिल सके।
बहन के कमरे तक नहीं जाने दिया
जिस कमरे में शहाना की मौत हुई थी, उसे भी पुलिस ने सील कर दिया है। मृतका के भाई कैफ का कहना है कि कमरे को खोलकर छानबीन कराई जाए। आरोप लगाया कि शहाना के परिजनों को कमरे में घुसने तक नहीं दिया गया है। मां, बहनोई व मामा बक्शीपुर स्थित मकान तक गए तो कोतवाली पुलिस ने सख्त हिदायत दी। थाने ले जाकर जेल भेजने तक की धमकी दी गई। अगर कमरे की गहनता से छानबीन हो तो दरोगा व शहाना के बीच संबंधों की कड़ी तलाशने में मदद मिल सकती है। पता चल सकता है कि दरोगा का स्वभाव कैसा था? जिस तारीख को घटना घटी, उस दिन क्या हुआ था, यह भी पता हो सकता है। कमरे से शहाना का सामान भी नहीं मिला है।
विज्ञापन
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।