कोविड टीकाकरण अभियान में गोरखपुर जिले के दो लाख लोगों को अभी वैक्सीन की एक डोज भी नहीं लगी है। जबकि अक्तूबर तक ही 35 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। स्थिति यह है कि कई बूथों पर सन्नाटा पसरा रहता है। करीब डेढ़ सौ बूथों पर तीन-चार हजार लोग ही पहली डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 35 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 33 लाख लोगों को कोरोनारोधी टीका लग पाया है। दो लाख लोग विभाग के लिए चुनौती बने हुए हैं। इस समय प्रत्येक बूथ पर चार सौ लोगों को लगाने के लिए वैक्सीन भेजी जा रही है, लेकिन 40 से 60 लोग ही पहली डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि मतदाताओं की संख्या के आधार पर लक्ष्य तय किया गया है। बहुत सारे लोग दूसरे प्रदेशों या जिलों में रहते हैं। इस वजह से टीकाकरण में दिक्कत आ रही है। संभव है जो लोग जहां रहते हैं, वहां टीका लगवा लिए हों। विभाग प्रयास कर रहा है कि सभी वंचित लोगों को जल्द से जल्द टीका लगा दिया जाए।
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कोविड टीकाकरण अभियान में गोरखपुर जिले के दो लाख लोगों को अभी वैक्सीन की एक डोज भी नहीं लगी है। जबकि अक्तूबर तक ही 35 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। स्थिति यह है कि कई बूथों पर सन्नाटा पसरा रहता है। करीब डेढ़ सौ बूथों पर तीन-चार हजार लोग ही पहली डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 35 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 33 लाख लोगों को कोरोनारोधी टीका लग पाया है। दो लाख लोग विभाग के लिए चुनौती बने हुए हैं। इस समय प्रत्येक बूथ पर चार सौ लोगों को लगाने के लिए वैक्सीन भेजी जा रही है, लेकिन 40 से 60 लोग ही पहली डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय का कहना है कि मतदाताओं की संख्या के आधार पर लक्ष्य तय किया गया है। बहुत सारे लोग दूसरे प्रदेशों या जिलों में रहते हैं। इस वजह से टीकाकरण में दिक्कत आ रही है। संभव है जो लोग जहां रहते हैं, वहां टीका लगवा लिए हों। विभाग प्रयास कर रहा है कि सभी वंचित लोगों को जल्द से जल्द टीका लगा दिया जाए।