कोरोना की तीसरी लहर में वायरस का असर एक सप्ताह ही नहीं, बल्कि डेढ़ से दो सप्ताह तक दिख रहा है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग, दोबारा पॉजिटिव होने पर भी होम आइसोलेशन की सलाह दे रहा है। चिंता की बात यह है कि लक्षण न होने के बाद भी मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरी नहीं है कि संक्रमण सातवें दिन खत्म हो जाए। जांच कराने पर दोबारा पॉजिटिव रिपोर्ट भी आ सकती है। लेकिन, इस स्थिति में वायरस का लोड शरीर पर कम हो जाता है।
कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ एके सिंह ने बताया कि बिना लक्षण वाले मरीजों में सप्ताह भर बाद वायरस का लोड बेहद कम हो जाता है, जो दूसरों को बेहद कम प्रभावित करता है। लेकिन, अगर किसी की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो उसे संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में लोगों को सलाह दी जा रही है कि दूसरी बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रहे। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही होम आइसोलेशन से निकलें।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने कहा कि मरीज के आरएनए में जब तक वायरस रहता है, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती रहती है। जिले में इस तरह के कई मरीज भी मिले हैं। हालांकि, लक्षण न होने पर वायरस का प्रसार दूसरों के शरीर पर नहीं हो पाता है। अगर किसी मरीज की रिपोर्ट संक्रमित होने के सात दिन बाद भी पॉजिटिव आ रही है और उसमें लक्षण भी हैं तो उसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे लोग दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
केस-एक
बरगदवां के रहने वाले एक 35 वर्षीय युवक ने एसजीपीजीआई में इलाज के दौरान कोरोना जांच कराई। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रहे। एक सप्ताह बाद, जब दूसरी बार जांच कराई तो भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तीसरी बार 14वें दिन जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई है।
केस- दो
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक 54 वर्षीय कर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। आठ दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे। नौवें दिन कोरोना की जांच फिर से कराई। रिपोर्ट दूसरी बार भी पॉजिटिव आई। दूसरी बार भी वह होम आइसोलेशन में रहे। तीसरी बार 15वें दिन रिपोर्ट निगेटिव आई ।
विस्तार
कोरोना की तीसरी लहर में वायरस का असर एक सप्ताह ही नहीं, बल्कि डेढ़ से दो सप्ताह तक दिख रहा है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग, दोबारा पॉजिटिव होने पर भी होम आइसोलेशन की सलाह दे रहा है। चिंता की बात यह है कि लक्षण न होने के बाद भी मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरी नहीं है कि संक्रमण सातवें दिन खत्म हो जाए। जांच कराने पर दोबारा पॉजिटिव रिपोर्ट भी आ सकती है। लेकिन, इस स्थिति में वायरस का लोड शरीर पर कम हो जाता है।
कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ एके सिंह ने बताया कि बिना लक्षण वाले मरीजों में सप्ताह भर बाद वायरस का लोड बेहद कम हो जाता है, जो दूसरों को बेहद कम प्रभावित करता है। लेकिन, अगर किसी की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो उसे संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में लोगों को सलाह दी जा रही है कि दूसरी बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रहे। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही होम आइसोलेशन से निकलें।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने कहा कि मरीज के आरएनए में जब तक वायरस रहता है, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती रहती है। जिले में इस तरह के कई मरीज भी मिले हैं। हालांकि, लक्षण न होने पर वायरस का प्रसार दूसरों के शरीर पर नहीं हो पाता है। अगर किसी मरीज की रिपोर्ट संक्रमित होने के सात दिन बाद भी पॉजिटिव आ रही है और उसमें लक्षण भी हैं तो उसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे लोग दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
केस-एक
बरगदवां के रहने वाले एक 35 वर्षीय युवक ने एसजीपीजीआई में इलाज के दौरान कोरोना जांच कराई। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रहे। एक सप्ताह बाद, जब दूसरी बार जांच कराई तो भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तीसरी बार 14वें दिन जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई है।
केस- दो
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक 54 वर्षीय कर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। आठ दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे। नौवें दिन कोरोना की जांच फिर से कराई। रिपोर्ट दूसरी बार भी पॉजिटिव आई। दूसरी बार भी वह होम आइसोलेशन में रहे। तीसरी बार 15वें दिन रिपोर्ट निगेटिव आई ।