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Fatehabad News: ग्रामीण अंचल को विकास की बड़ी दरकार, नए जनप्रतिनिधियों से आस
फतेहाबाद। पिछले करीब दो साल से पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद से ग्रामीण अंचल को विकास की बड़ी दरकार है। अब नए जनप्रतिनिधियों के समक्ष विकास को रफ्तार देने की चुनौती रहेगी। कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे ग्रामीण बुरी तरह जूझ रहे हैं।
बता दें कि जनप्रतिनिधियों ने अपने प्रचार अभियान के दौरान बड़े जोर-शोर से इन समस्याओं के समाधान के दावे किए हैं। अब इन समस्याओं का हल करने के लिए रोड मैप तैयार करना सरपंचों से लेकर जिला पार्षदों तक के लिए पहली प्राथमिकताओं में होगा। गौरतलब है कि जिले में 18 जिला पार्षद और 257 सरपंचों का चुन लिए गए हैं। अब नई पंचायतें कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही गांव की समस्याओं के समाधान में जुटेंगी। संवाद
ये हैं पांच प्रमुख चुनौतियां
1. पानी निकासी
जिले के 259 गांवों में से 100 से अधिक गांव ऐसे हैं, जिनमें पानी निकासी की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। घरों का गंदा पानी एकत्रित करने वाले तालाब ओवर फ्लो हो चुके हैं। अधिकांश गांवों में हालत ऐसी है कि गंदा पानी गलियों में जमा रहता है। इसका प्रमुख कारण तालाबों पर अवैध कब्जे हैं। कहीं 10 एकड़ का तालाब अवैध कब्जे होने से सिकुड़ कर पांच एकड़ का रह गया है, तो कहीं दो एकड़। इन अवैध कब्जों को हटवाने के लिए कोई कारगर नीति पिछले दस सालों में भी प्रशासन नहीं बना सका है।
2. नशे का खात्मा
फतेहाबाद जिला नशे का गढ़ बन चुका है। गांवों में किराना की दुकानों तक पर नशे की सप्लाई हो रही है। युवा वर्ग बड़े पैमाने पर चिट्टे के नशे का शिकार हो रहे हैं। गांवों में नशे को रोकना और युवाओं को इससे बचाने की सबसे बड़ी चुनौती जनप्रतिनिधियों के समक्ष रहेगी। जिन गांवों में ग्रामीण ठीकरी पहरा लगाकर नशे के तस्करों पर निगरानी रख रहे हैं, वहां नशे का प्रभाव काफी हद तक कम भी हो रहा है।
3. स्ट्रीट लाइटें
अधिकांश गांवों की गलियों में दिन छिपने के साथ ही अंधेरा छा जाता है। गांवों की गलियों को जगमग करने के लिए स्ट्रीट लाइटों की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि, पंचायत अपने स्तर पर प्रयास करें तो सोलर से लेकर बिजली से संचालित स्ट्रीट लाइटें लगाई जा सकती है।
4. सफाई व्यवस्था
सफाई कर्मचारियों के अभाव में जिले के 90 फीसदी गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। न नियमित रूप से गलियों में झाड़ू लगती है और न ही नालियों को साफ किया जाता है। गांवों के मुख्य रास्तों पर भी कूड़े के ढेर लगे नजर आते हैं।
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5. परिवहन व्यवस्था
जिले के ग्रामीण इलाकों में परिवहन सुविधाओं की कमी से गांव के लोग जूझ रहे हैं। सिर्फ टोहाना, रतिया, कुलां, जाखल, भट्टू रूट पर ही सीधी बस सेवा मिलती है। मुख्य सड़कों से दो से चार किलोमीटर दूरी पर बसे गांवों के ग्रामीणों को परिवहन सुविधा के लिए तरसना पड़ता है। जिले के 22 गांव ऐसे हैं, जहां अभी भी सीधी बस सेवा नहीं है।
क्या कहते हैं नवागत जिला पार्षद
फोटो 3बी
भट्टू पूरी तरह ग्रामीण एरिया है। यहां पानी निकासी, सेम की समस्या, पेयजल की कमी जैसी प्रमुख समस्याएं हैं, इनके समाधान के लिए प्रयास करेंगे।
-राकेश चोयल, जिला पार्षद, वार्ड नंबर एक
फोटो 3सी
बिल्कुल सही बात है कि ग्रामीण आंचल को विकास की बहुत जरूरत है। ग्रामीण तबका कई समस्याओं से जूझ रहा है। एक-एक करके इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
-गौरव शर्मा, जिला पार्षद, वार्ड नंबर तीन
फोटो 3डी
नशे से लेकर पानी निकासी की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे हैं। गांवों में पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था बनाने की जरूरत है। इसके लिए संबंधित विभागों के समक्ष मुद्दे को उठाकर समाधान करवाया जाएगा।
-सुमन खिचड़, जिला पार्षद, वार्ड नंबर छह
फोटो 3ई
दो साल से पंचायतों व जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने के बाद से गांवों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम करेंगे।
-रामनिवास, जिला पार्षद, वार्ड नंबर 14
गांव कन्हड़ी में गली में भरा गंदा पानी।- फोटो : Fatehabad
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