पीयू में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर सोमवार को बवाल के बाद मंगलवार को एबीवीपी व एसएफएस फिर आमने-सामने आ गए। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि लॉ विभाग में जो एसएफएस की ओर से पोस्टर लगाया गया है, उसके जरिये धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है। गलत कार्टूनों के जरिये उनके धर्म को ठेस पहुंची है। एबीवीपी ने इसे लेकर घंटों हंगामा किया। आखिर में पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया और लॉ विभाग ने एसएफएस को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसे पोस्टर न लगाए जाएं। उसके बाद मामला शांत हुआ।
इस दौरान कुछ छात्राओं से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इससे छात्रों में आक्रोश पनप रहा है। एबीवीपी की ओर से दिन में स्टूडेंट सेंटर पर राष्ट्रगान का आयोजन किया गया था। उसके कुछ देर बाद पता लगा कि लॉ विभाग के बोर्ड पर कुछ गलत कार्टून व गलत शब्दों का प्रयोग कर पोस्टर लगाया गया है। सूचना पर एबीवीपी, एचएसए, इनसो के पदाधिकारी पहुंच गए। उन्होंने उसके विरोध में विभाग में ही धरना देना शुरू कर दिया। नारेबाजी की।
उधर, एसएफएस के पदाधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो वह भी पहुंच गए। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, कार्टून पुराना है, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को नहीं भड़का रहा है। केवल लोगों की हकीकत को हमने उसके जरिये दर्शाया है। उन्होंने कहा है कि उन्नाव व कठुआ केस की हकीकत को सामने रखा है। वहीं एबीवीपी ने कहा कि यह प्रायोजित तरीके से एसएफएस ने किया है। इससे लाखों करोड़ों लोगों को ठेस पहुंची है।
इस मामले में पीयू प्रशासन कठोर कार्रवाई करे। किसी के धर्म पर टिका टिप्पणी नहीं की जा सकती। उसके बाद मामला बढ़ता गया। दोनों पक्ष आमने-सामने आकर नारेेबाजी करने लगे। छात्राओं ने भी एक-दूसरे पर अभद्र टिप्पणी की। इससे माहौल और गर्मा गया। आखिर में पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया। विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए कि ऐसे पोस्टर दोबारा न लगाए जाएं अन्यथा कार्रवाई होगी। इसके बाद धरना खत्म हुआ।
पीयू में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर सोमवार को बवाल के बाद मंगलवार को एबीवीपी व एसएफएस फिर आमने-सामने आ गए। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि लॉ विभाग में जो एसएफएस की ओर से पोस्टर लगाया गया है, उसके जरिये धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है। गलत कार्टूनों के जरिये उनके धर्म को ठेस पहुंची है। एबीवीपी ने इसे लेकर घंटों हंगामा किया। आखिर में पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया और लॉ विभाग ने एसएफएस को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसे पोस्टर न लगाए जाएं। उसके बाद मामला शांत हुआ।
इस दौरान कुछ छात्राओं से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इससे छात्रों में आक्रोश पनप रहा है। एबीवीपी की ओर से दिन में स्टूडेंट सेंटर पर राष्ट्रगान का आयोजन किया गया था। उसके कुछ देर बाद पता लगा कि लॉ विभाग के बोर्ड पर कुछ गलत कार्टून व गलत शब्दों का प्रयोग कर पोस्टर लगाया गया है। सूचना पर एबीवीपी, एचएसए, इनसो के पदाधिकारी पहुंच गए। उन्होंने उसके विरोध में विभाग में ही धरना देना शुरू कर दिया। नारेबाजी की।
उधर, एसएफएस के पदाधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो वह भी पहुंच गए। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, कार्टून पुराना है, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को नहीं भड़का रहा है। केवल लोगों की हकीकत को हमने उसके जरिये दर्शाया है। उन्होंने कहा है कि उन्नाव व कठुआ केस की हकीकत को सामने रखा है। वहीं एबीवीपी ने कहा कि यह प्रायोजित तरीके से एसएफएस ने किया है। इससे लाखों करोड़ों लोगों को ठेस पहुंची है।
इस मामले में पीयू प्रशासन कठोर कार्रवाई करे। किसी के धर्म पर टिका टिप्पणी नहीं की जा सकती। उसके बाद मामला बढ़ता गया। दोनों पक्ष आमने-सामने आकर नारेेबाजी करने लगे। छात्राओं ने भी एक-दूसरे पर अभद्र टिप्पणी की। इससे माहौल और गर्मा गया। आखिर में पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया। विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए कि ऐसे पोस्टर दोबारा न लगाए जाएं अन्यथा कार्रवाई होगी। इसके बाद धरना खत्म हुआ।