अंतर राज्यीय एटीएम का क्लोन बनाकर खातों में सेंध लगाने वाले गिरोह के संबंध में पुलिस की जांच में कई अहम जानकारी सामने आई है। तीन दिन पहले पकड़े जींद के निवासी गुर्गे ने बताया कि गिरोह का सरगना ने दिल्ली में प्रोफेशनल कोर्स बीबीए, बीसीए और बी टेक कर चुके युवकों को शामिल किया हुआ है। उनके माध्यम से पांच से 6 हजार में एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कराकर खातों से रुपये निकालते हैं। यह तय किया जाता है कि यदि उपभोक्ता के खाते में 5 हजार से कम रुपये हैं तो क्लोन तैयार करने के बदले सिर्फ दो हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं, पुलिस ने क्लोन तैयार करने वाले गिरोह के तीन गुर्गों को भी चिह्नित किया है। जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा किया गया है।
यह था मामला
माता दरवाजा निवासी नौकरीपेशा अजय 22 अगस्त को हिसार बाईपास के पास एटीएम से रुपये निकालने के लिए गया था। एटीएम के अंदर रुपये निकालने के दौरान एक युवक पहुंचा और मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड ले लिया। इसके बाद एटीएम कार्ड को एक मशीन में डालने लगा। इस दौरान अयज ने उसे देख लिया और पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में बताया कि इस स्वाइप मशीन में एटीएम कार्ड की पूरी डिटेल को कॉपी कर दूसरा एटीएम कार्ड तैयार कर खातों से रुपये निकाले जाते थे। पकड़ा गया आरोपी जींद का अजय था।
बहाने से ग्राहक से एटीएम कार्ड लेकर मशीन में स्वाइप कर डिटेल कर लेते हैं सेव
रोहतक। सिटी थाना प्रभारी सुरेश चंद ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने खुलासा किया कि वह साथी नसीब के साथ मिलकर खातों से रुपये निकालता था। इसके लिए वह एटीएम के बाहर खड़े होकर ग्राहकों के आने का इंतजार करते हैं। आरोपी अजय कक्षा 12वी तक पढ़ा हुआ है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने साथ एक स्वाइप मशीन रखते हैं। एटीएम मशीन मे कोई व्यक्ति रुपये निकालने के लिए आता तो आरोपी उसकी मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड ले लेता और हाथ में ली मशीन में कार्ड को स्वाइप कर लेते जिससे एटीएम कार्ड की डिटेल मशीन में सेव हो जाती। उसके बाद आरोपी एटीएम कार्ड को वापस उस व्यक्ति को दे देते। जब वह व्यक्ति पैसे निकालने के लिए अपने एटीएम कार्ड को पिन एटीएम मशीन में डालता तो पीछे खड़े होकर आरोपी एटीएम पिन देख लेते। उसके बाद आरोपी दिल्ली से एक युवक के पास से एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करवाते। क्लोन एटीएम कार्ड व पिन की मदद से आरोपी धोखाधड़ी से लोगों ंके खातों से रुपये निकालते।
ये बरतें सावधानी
एटीएम मशीन में कोई अतिरिक्त डिवाइस न लगा हो इसकी जांच करें।
पैसे निकलवाते समय एटीएम मशीन में कोई अन्य व्यक्ति मौजूद न हो।
पैसे निकलवाने के लिए किसी अनजान व्यक्ति से मदद न लें।
अपने एटीएम कार्ड के पिन को सुरक्षित रखें।
एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी किसी भी व्यक्ति से साथ साझा न करें।
अंतर राज्यीय एटीएम का क्लोन बनाकर खातों में सेंध लगाने वाले गिरोह के संबंध में पुलिस की जांच में कई अहम जानकारी सामने आई है। तीन दिन पहले पकड़े जींद के निवासी गुर्गे ने बताया कि गिरोह का सरगना ने दिल्ली में प्रोफेशनल कोर्स बीबीए, बीसीए और बी टेक कर चुके युवकों को शामिल किया हुआ है। उनके माध्यम से पांच से 6 हजार में एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कराकर खातों से रुपये निकालते हैं। यह तय किया जाता है कि यदि उपभोक्ता के खाते में 5 हजार से कम रुपये हैं तो क्लोन तैयार करने के बदले सिर्फ दो हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं, पुलिस ने क्लोन तैयार करने वाले गिरोह के तीन गुर्गों को भी चिह्नित किया है। जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा किया गया है।
यह था मामला
माता दरवाजा निवासी नौकरीपेशा अजय 22 अगस्त को हिसार बाईपास के पास एटीएम से रुपये निकालने के लिए गया था। एटीएम के अंदर रुपये निकालने के दौरान एक युवक पहुंचा और मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड ले लिया। इसके बाद एटीएम कार्ड को एक मशीन में डालने लगा। इस दौरान अयज ने उसे देख लिया और पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में बताया कि इस स्वाइप मशीन में एटीएम कार्ड की पूरी डिटेल को कॉपी कर दूसरा एटीएम कार्ड तैयार कर खातों से रुपये निकाले जाते थे। पकड़ा गया आरोपी जींद का अजय था।
बहाने से ग्राहक से एटीएम कार्ड लेकर मशीन में स्वाइप कर डिटेल कर लेते हैं सेव
रोहतक। सिटी थाना प्रभारी सुरेश चंद ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने खुलासा किया कि वह साथी नसीब के साथ मिलकर खातों से रुपये निकालता था। इसके लिए वह एटीएम के बाहर खड़े होकर ग्राहकों के आने का इंतजार करते हैं। आरोपी अजय कक्षा 12वी तक पढ़ा हुआ है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने साथ एक स्वाइप मशीन रखते हैं। एटीएम मशीन मे कोई व्यक्ति रुपये निकालने के लिए आता तो आरोपी उसकी मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड ले लेता और हाथ में ली मशीन में कार्ड को स्वाइप कर लेते जिससे एटीएम कार्ड की डिटेल मशीन में सेव हो जाती। उसके बाद आरोपी एटीएम कार्ड को वापस उस व्यक्ति को दे देते। जब वह व्यक्ति पैसे निकालने के लिए अपने एटीएम कार्ड को पिन एटीएम मशीन में डालता तो पीछे खड़े होकर आरोपी एटीएम पिन देख लेते। उसके बाद आरोपी दिल्ली से एक युवक के पास से एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करवाते। क्लोन एटीएम कार्ड व पिन की मदद से आरोपी धोखाधड़ी से लोगों ंके खातों से रुपये निकालते।
ये बरतें सावधानी
एटीएम मशीन में कोई अतिरिक्त डिवाइस न लगा हो इसकी जांच करें।
पैसे निकलवाते समय एटीएम मशीन में कोई अन्य व्यक्ति मौजूद न हो।
पैसे निकलवाने के लिए किसी अनजान व्यक्ति से मदद न लें।
अपने एटीएम कार्ड के पिन को सुरक्षित रखें।
एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी किसी भी व्यक्ति से साथ साझा न करें।