कुंडली बॉर्डर के पास व्यक्ति की हत्या किए जाने की सूचना पुलिस को शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे मिली थी। पुलिस वहां तुरंत पहुंच गई, लेकिन शव को उतारकर लाने में ढाई घंटे का समय लग गया। लोगों ने वहां पर जमकर हंगामा कर दिया था। बाद में किसान नेताओं के मनाने पर वह शव उतारे जाने को लेकर तैयार हो सके।
शुक्रवार सुबह पांच बजे वारदात का पता चलने पर एएसआई संदीप की टीम मौके पर पहुंची थी। वहां पर उन्हें शव के पास तक नहीं जाने दिया गया। बाद में किसान नेता बलदेव सिरसा मौके पर पहुंचे और उनके कहने पर वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को शव उतारने दिया, जिससे साफ है कि कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा प्रदर्शन अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनने लगा है। यहां तक कि आंदोलन क्षेत्र में पुलिस का प्रवेश भी आंदोलनकारियों की मर्जी से होता है।
व्यक्ति के शव को 100 मीटर तक घसीटा गया
पता लगा है कि युवक को पहले जमकर पीटा गया, फिर उसकी टांगों पर नुकीले हथियारों से हमला किया गया। बताया गया है कि किसानों के मंच के पास से युवक को कुंडली बॉर्डर की तरफ करीब 100 मीटर तक घसीटा गया और फिर उसका हाथ काटा गया।
किसान आंदोलन के दौरान पहले भी हो चुकी हैं हिंसक घटनाएं
कुंडली बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बाद क्षेत्र में पहले भी कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें निहंगों पर मुकदमे भी दर्ज हुए हैं।
-12 अप्रैल को कुंडली बार्डर पर निहंग ने युवक शेखर पर तलवार से जानलेवा हमला किया।
-12 जून को सेरसा गांव के पंच रामनिवास पर हमला कर उन्हें घायल किया गया।
-3 अगस्त को सीआरपीएफ जवान पर जानलेवा हमला, 10-15 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ।
-2 अक्तूबर को लंगर में दाल लेने गए युवक राजू पर तलवार से हमला, गंभीर रूप से घायल।
-मनौली के कार सवार किसान पर जानलेवा हमला, गाड़ी तोड़ी गई।
-कुंडली के दुकानदार पर दुकान में घुसकर हमला किया।
कुंडली बॉर्डर के पास व्यक्ति की हत्या किए जाने की सूचना पुलिस को शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे मिली थी। पुलिस वहां तुरंत पहुंच गई, लेकिन शव को उतारकर लाने में ढाई घंटे का समय लग गया। लोगों ने वहां पर जमकर हंगामा कर दिया था। बाद में किसान नेताओं के मनाने पर वह शव उतारे जाने को लेकर तैयार हो सके।
शुक्रवार सुबह पांच बजे वारदात का पता चलने पर एएसआई संदीप की टीम मौके पर पहुंची थी। वहां पर उन्हें शव के पास तक नहीं जाने दिया गया। बाद में किसान नेता बलदेव सिरसा मौके पर पहुंचे और उनके कहने पर वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को शव उतारने दिया, जिससे साफ है कि कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा प्रदर्शन अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनने लगा है। यहां तक कि आंदोलन क्षेत्र में पुलिस का प्रवेश भी आंदोलनकारियों की मर्जी से होता है।
व्यक्ति के शव को 100 मीटर तक घसीटा गया
पता लगा है कि युवक को पहले जमकर पीटा गया, फिर उसकी टांगों पर नुकीले हथियारों से हमला किया गया। बताया गया है कि किसानों के मंच के पास से युवक को कुंडली बॉर्डर की तरफ करीब 100 मीटर तक घसीटा गया और फिर उसका हाथ काटा गया।
किसान आंदोलन के दौरान पहले भी हो चुकी हैं हिंसक घटनाएं
कुंडली बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बाद क्षेत्र में पहले भी कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें निहंगों पर मुकदमे भी दर्ज हुए हैं।
-12 अप्रैल को कुंडली बार्डर पर निहंग ने युवक शेखर पर तलवार से जानलेवा हमला किया।
-12 जून को सेरसा गांव के पंच रामनिवास पर हमला कर उन्हें घायल किया गया।
-3 अगस्त को सीआरपीएफ जवान पर जानलेवा हमला, 10-15 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ।
-2 अक्तूबर को लंगर में दाल लेने गए युवक राजू पर तलवार से हमला, गंभीर रूप से घायल।
-मनौली के कार सवार किसान पर जानलेवा हमला, गाड़ी तोड़ी गई।
-कुंडली के दुकानदार पर दुकान में घुसकर हमला किया।