सोनीपत। कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के लखबीर की हत्या के आरोपी चारों निहंगों को रिमांड पूरा होने के बाद सोमवार दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इससे पहले सरकारी और बचाव पक्ष के वकीलों ने दो घंटे तक अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अवैध हथियार अधिनियम और एससीएसटी एक्ट को हटाने की मांग की, जिसका सरकारी वकील और पुलिस ने विरोध किया। इस दौरान कोर्ट परिसर छावनी बना रहा। अब चारों आरोपियों की अगली पेशी वीडियो कांफ्रेंस से होगी।
कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर जारी धरनास्थल पर 15 अक्तूबर को पंजाब के लखबीर की नृशंस हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में वीडियो और फोटो वायरल होने पर चार निहंगों सरबजीत, नारायण सिंह, भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत ने हत्या की जिम्मेदारी लेकर आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने गुरु ग्रंथ की बेअदबी करने के चलते वारदात को अंजाम देने की बात कही थी। आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। जहां पूछताछ के बाद उन्हें सोमवार को फिर से अदालत में पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता भगवंत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने मुव्विकलों पर लगाया एससीएसटी और अवैध शस्त्र अधिनियम हटाने की मांग की। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यह धाराएं नहीं हटाई गई हैं। हालांकि जो आरोपी एससीएसटी वर्ग से है उन पर यह लागू नहीं होगा। वहीं तलवार को धार्मिक चिह्न मानकर अवैध हथियार न लगाने की मांग की गई। हालांकि कोर्ट ने अभी इन्हें नहीं हटाया है।
वर्जन -
चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अगली सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जाएगी। कोई धारा नहीं हटाई गई है। कुछ अन्य आरोपियों के नाम सामने आए हैं। वीडियो में दिखने वाले अन्य आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
- वीरेंद्र सिंह, डीएसपी
सोनीपत। कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के लखबीर की हत्या के आरोपी चारों निहंगों को रिमांड पूरा होने के बाद सोमवार दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इससे पहले सरकारी और बचाव पक्ष के वकीलों ने दो घंटे तक अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अवैध हथियार अधिनियम और एससीएसटी एक्ट को हटाने की मांग की, जिसका सरकारी वकील और पुलिस ने विरोध किया। इस दौरान कोर्ट परिसर छावनी बना रहा। अब चारों आरोपियों की अगली पेशी वीडियो कांफ्रेंस से होगी।
कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर जारी धरनास्थल पर 15 अक्तूबर को पंजाब के लखबीर की नृशंस हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में वीडियो और फोटो वायरल होने पर चार निहंगों सरबजीत, नारायण सिंह, भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत ने हत्या की जिम्मेदारी लेकर आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने गुरु ग्रंथ की बेअदबी करने के चलते वारदात को अंजाम देने की बात कही थी। आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। जहां पूछताछ के बाद उन्हें सोमवार को फिर से अदालत में पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता भगवंत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने मुव्विकलों पर लगाया एससीएसटी और अवैध शस्त्र अधिनियम हटाने की मांग की। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यह धाराएं नहीं हटाई गई हैं। हालांकि जो आरोपी एससीएसटी वर्ग से है उन पर यह लागू नहीं होगा। वहीं तलवार को धार्मिक चिह्न मानकर अवैध हथियार न लगाने की मांग की गई। हालांकि कोर्ट ने अभी इन्हें नहीं हटाया है।
वर्जन -
चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अगली सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जाएगी। कोई धारा नहीं हटाई गई है। कुछ अन्य आरोपियों के नाम सामने आए हैं। वीडियो में दिखने वाले अन्य आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
- वीरेंद्र सिंह, डीएसपी