कुंडली बॉर्डर पर व्यक्ति की बेरहमी से हत्या के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट किया कि बर्बरता से की गई हत्या के मामले में उनका किसी पक्ष से लेना-देना नहीं है। हत्या की जिम्मेदारी एक निहंग समूह ले रहा है और धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को इसका कारण बताया रहा है, लेकिन किसान मोर्चा का दोनों ही पक्षों से कोई सरोकार नहीं है। मोर्चा किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।
शुक्रवार को एसकेएम नेता बलबीर राजेवाल, डॉ. दर्शनपाल सिंह सिंह ने बयान जारी कर बताया कि इस तरह की घटना की एसकेएम निंदा करता है। मोर्चा ने मांग की है कि हत्या और बेअदबी के षड्यंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। इसके लिए एसकेएम पुलिस-प्रशासन का सहयोग करेगा। लोकतांत्रिक व शांतिपूर्वक चल रहा यह आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
वहीं योगेंद्र यादव ने वीडियो जारी कर रहा है कि कुंडली बॉर्डर की घटना किसी भी व्यक्ति को विचलित करने वाली है। बर्बर तरीके से हत्या और फिर वीडियो बनाकर तारीफ व प्रचार यह किसी भी समाज में स्वीकार नहीं हो सकता। इस नृशंस हत्या की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। एसकेएम का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें कहा कि यह किसानों का आंदोलन है। यह धार्मिक आंदोलन नहीं है। उन्हें जाने को कहा जा चुका है। उसके बावजूद वह नहीं गए हैं। मृतक भी उनके साथ रह रहा था।
निहंग महाराज बलविंद्र बोले -माड़ा काम नहीं किया, सही किया
निहंग महाराज बलिवंद्र सिंह ने पत्रकारों के सामने स्पष्ट कहा कि संगत या भीड़ ने जो किया, वह माड़ा काम नहीं है, बल्कि सही किया है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि संयुक्त मोर्चा उनके साथ है या नहीं। पुलिस अपना काम करें, इस पर भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन वह यहां गुरुओं के लिए बैठे हुए हैं और गुरु की बेअदबी करने वालों के साथ ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति धार्मिक ग्रंथ सरबलोह को उठाकर भाग रहा था और उसकी बेअदबी भी की। इसलिए भीड़ ने उसे पकड़ लिया था।
कुंडली बॉर्डर पर व्यक्ति की बेरहमी से हत्या के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट किया कि बर्बरता से की गई हत्या के मामले में उनका किसी पक्ष से लेना-देना नहीं है। हत्या की जिम्मेदारी एक निहंग समूह ले रहा है और धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी को इसका कारण बताया रहा है, लेकिन किसान मोर्चा का दोनों ही पक्षों से कोई सरोकार नहीं है। मोर्चा किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।
शुक्रवार को एसकेएम नेता बलबीर राजेवाल, डॉ. दर्शनपाल सिंह सिंह ने बयान जारी कर बताया कि इस तरह की घटना की एसकेएम निंदा करता है। मोर्चा ने मांग की है कि हत्या और बेअदबी के षड्यंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। इसके लिए एसकेएम पुलिस-प्रशासन का सहयोग करेगा। लोकतांत्रिक व शांतिपूर्वक चल रहा यह आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
वहीं योगेंद्र यादव ने वीडियो जारी कर रहा है कि कुंडली बॉर्डर की घटना किसी भी व्यक्ति को विचलित करने वाली है। बर्बर तरीके से हत्या और फिर वीडियो बनाकर तारीफ व प्रचार यह किसी भी समाज में स्वीकार नहीं हो सकता। इस नृशंस हत्या की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। एसकेएम का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें कहा कि यह किसानों का आंदोलन है। यह धार्मिक आंदोलन नहीं है। उन्हें जाने को कहा जा चुका है। उसके बावजूद वह नहीं गए हैं। मृतक भी उनके साथ रह रहा था।
निहंग महाराज बलविंद्र बोले -माड़ा काम नहीं किया, सही किया
निहंग महाराज बलिवंद्र सिंह ने पत्रकारों के सामने स्पष्ट कहा कि संगत या भीड़ ने जो किया, वह माड़ा काम नहीं है, बल्कि सही किया है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि संयुक्त मोर्चा उनके साथ है या नहीं। पुलिस अपना काम करें, इस पर भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन वह यहां गुरुओं के लिए बैठे हुए हैं और गुरु की बेअदबी करने वालों के साथ ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति धार्मिक ग्रंथ सरबलोह को उठाकर भाग रहा था और उसकी बेअदबी भी की। इसलिए भीड़ ने उसे पकड़ लिया था।