शहर में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था से आम लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इसका मुख्य कारण शहर में दुपहिया वाहनों के लिए पार्किंग न होना है। पार्किंग के अभाव में लोग अपने दुपहिया वाहनों को कहीं भी सड़क किनारे खड़े कर देते हैं। इससे अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। इन मुख्य जगहों में पुराना बस स्टैंड, सेंट ल्यूक्स, माल रोड और डीसी चौक से लेकर सपरून चौक मुख्य तौर पर शामिल हैं। इन दुपहिया वाहनों के सड़क किनारे खड़े रहने से पुलिस प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हो रहा है।
शहर में मौजूदा समय में करीब 35 हजार के करीब दुपहिया वाहन हैं। सुबह लोग दुपहिया वाहन लेकर अपने कार्यालयों को निकलते हैं लेकिन इनके पास अपने वाहन खडे़ करने की जगह नहीं होती। इसके चलते वह कार्यालय के बाहर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। यही आलम शहर के मालरोड पर रहता है। शहर के मुख्य बैंक, स्कूल और अन्य सरकारी तथा निजी कार्यालय मालरोड पर ही स्थित हैं। दुपहिया वाहनों के सड़क पर खड़े होने से जहां पुलिस प्रशासन परेशान है वहीं स्थानीय दुकानदार भी दिक्कतें झेलने को मजबूर हैं।
दुकानदारों का कहना है कि दुपहिया वाहन मालिक सड़क पर दुकान के बाहर वाहन लगाकर चले जाते हैं। इससे ग्राहकों को भारी परेशानी होती है और मालरोड पर जाम लग जाता है। नगर परिषद को शहर में चंडीगढ़ के स्तर पर पार्किंग बनानी चाहिए। इससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
पैदल चलने वाले भी होते हैं परेशान
शहर के मालरोड पर पहले ही यातायात बुरी तरह प्रभावित रहता है। बाइक और स्कूटर के सड़क किनारे खड़े होने से पैदल चलने वालों को परेशानी होती है। शहर में मौजूदा समय में लोग सैनिक रेस्ट हाउस के सामने, गर्ल्स स्कूल के नीचे, डीसी चौक, आनंद कांपलेक्स के बाहर, रेलवे लाइन मार्ग पर, सन्नी साइड मार्ग और धोबीघाट रोड पर वाहन खड़े करते हैं।
पार्किंग के लिए शहर में नहीं जगह : ईओ
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी ने कहा कि शहर में दुपहिया वाहन पार्किंग की कमी है। उन्होंने लोगों से सुझाव मांगे हैं कि जहां कहीं उन्हें लगे की यहां दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग बन सकती है, तो वह अपने सुझाव नप को अपने सुझाव दे सकते हैं।
शहर में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था से आम लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इसका मुख्य कारण शहर में दुपहिया वाहनों के लिए पार्किंग न होना है। पार्किंग के अभाव में लोग अपने दुपहिया वाहनों को कहीं भी सड़क किनारे खड़े कर देते हैं। इससे अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। इन मुख्य जगहों में पुराना बस स्टैंड, सेंट ल्यूक्स, माल रोड और डीसी चौक से लेकर सपरून चौक मुख्य तौर पर शामिल हैं। इन दुपहिया वाहनों के सड़क किनारे खड़े रहने से पुलिस प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हो रहा है।
शहर में मौजूदा समय में करीब 35 हजार के करीब दुपहिया वाहन हैं। सुबह लोग दुपहिया वाहन लेकर अपने कार्यालयों को निकलते हैं लेकिन इनके पास अपने वाहन खडे़ करने की जगह नहीं होती। इसके चलते वह कार्यालय के बाहर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। यही आलम शहर के मालरोड पर रहता है। शहर के मुख्य बैंक, स्कूल और अन्य सरकारी तथा निजी कार्यालय मालरोड पर ही स्थित हैं। दुपहिया वाहनों के सड़क पर खड़े होने से जहां पुलिस प्रशासन परेशान है वहीं स्थानीय दुकानदार भी दिक्कतें झेलने को मजबूर हैं।
दुकानदारों का कहना है कि दुपहिया वाहन मालिक सड़क पर दुकान के बाहर वाहन लगाकर चले जाते हैं। इससे ग्राहकों को भारी परेशानी होती है और मालरोड पर जाम लग जाता है। नगर परिषद को शहर में चंडीगढ़ के स्तर पर पार्किंग बनानी चाहिए। इससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
पैदल चलने वाले भी होते हैं परेशान
शहर के मालरोड पर पहले ही यातायात बुरी तरह प्रभावित रहता है। बाइक और स्कूटर के सड़क किनारे खड़े होने से पैदल चलने वालों को परेशानी होती है। शहर में मौजूदा समय में लोग सैनिक रेस्ट हाउस के सामने, गर्ल्स स्कूल के नीचे, डीसी चौक, आनंद कांपलेक्स के बाहर, रेलवे लाइन मार्ग पर, सन्नी साइड मार्ग और धोबीघाट रोड पर वाहन खड़े करते हैं।
पार्किंग के लिए शहर में नहीं जगह : ईओ
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी ने कहा कि शहर में दुपहिया वाहन पार्किंग की कमी है। उन्होंने लोगों से सुझाव मांगे हैं कि जहां कहीं उन्हें लगे की यहां दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग बन सकती है, तो वह अपने सुझाव नप को अपने सुझाव दे सकते हैं।