न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोट्टायम
Published by: Trainee Trainee
Updated Tue, 27 Aug 2019 02:51 PM IST
एक स्थानीय अदालत ने 23 वर्षीय दलित ईसाई युवक की सम्मान की खातिर हत्या करने के जुर्म में मंगलवार को 10 दोषियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई। इस घटना के विरोध में समूचे राज्य में व्यापक प्रदर्शन हुआ था।
प्रधान सत्र न्यायाधीश ने 22 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि केविन पी जोसेफ की पत्नी के रिश्तेदारों ने उसकी हत्या की जो ऑनर किलिंग का मामला है। विशेष सरकारी वकील सी एस अजयन ने पत्रकारों को बताया कि सभी 10 आरोपी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 364 ए (फिरौती के लिए अपहरण) एवं 506 (2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दोषी पाए गए। उन्हें दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
प्रमुख आरोपी केविन का साला स्यानु चाको सहित तीन लोगों को आईपीसी की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत भी दोषी ठहराया गया है। इस मामले में 14 लोग आरोपी थे।
केविन के ससुर चाको समेत चार लोगों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया। केविन को जिले के मन्न्नम में एक रिश्तेदार के साथ अगवा कर लिया गया था। इस घटना को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया था कि पुलिस की लापरवाही के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई क्योंकि पुलिस ने उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर जांच नहीं की। केविन का शव पिछले साल 28 मई को कोल्लम जिले के चलियाक्कारा में एक नदी में मिला था।
केविन और उसकी पत्नी ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर एट्टूमनूर के रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी की थी।
एक स्थानीय अदालत ने 23 वर्षीय दलित ईसाई युवक की सम्मान की खातिर हत्या करने के जुर्म में मंगलवार को 10 दोषियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई। इस घटना के विरोध में समूचे राज्य में व्यापक प्रदर्शन हुआ था।
प्रधान सत्र न्यायाधीश ने 22 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि केविन पी जोसेफ की पत्नी के रिश्तेदारों ने उसकी हत्या की जो ऑनर किलिंग का मामला है। विशेष सरकारी वकील सी एस अजयन ने पत्रकारों को बताया कि सभी 10 आरोपी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 364 ए (फिरौती के लिए अपहरण) एवं 506 (2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दोषी पाए गए। उन्हें दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
प्रमुख आरोपी केविन का साला स्यानु चाको सहित तीन लोगों को आईपीसी की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत भी दोषी ठहराया गया है। इस मामले में 14 लोग आरोपी थे।
केविन के ससुर चाको समेत चार लोगों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया। केविन को जिले के मन्न्नम में एक रिश्तेदार के साथ अगवा कर लिया गया था। इस घटना को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया था कि पुलिस की लापरवाही के कारण ही उनके बेटे की मौत हुई क्योंकि पुलिस ने उसकी पत्नी की शिकायत के आधार पर जांच नहीं की। केविन का शव पिछले साल 28 मई को कोल्लम जिले के चलियाक्कारा में एक नदी में मिला था।
केविन और उसकी पत्नी ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर एट्टूमनूर के रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी की थी।