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डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) का दूसरा डायलॉग शुक्रवार शाम को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। इसमें कनाडा और अमेरिका के जाने-माने विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इनके साथ ही इंडियन न्यूज पब्लिशिंग बिजनेस से जुड़े लोग भी डायलॉग में शामिल हुए। इस दौरान पब्लिशर और प्लेटफॉर्म संबंधों को डिकोड करने के तरीकों पर मंथन किया गया।
मेटा-गूगल एकाधिकार पर कही यह बात
ओवेन और डॉ. रैडश ने टेक प्लेटफॉर्म्स के पुशबैक पर प्रकाश डाला। यह भारत के लिए एक सबक की तरह हो सकता है, क्योंकि यह बिग टेक फर्मों को अधिक निष्पक्षता के साथ समाचार प्रकाशकों से निपटने के लिए राजी करने के उद्देश्य से कानून तैयार करने की योजना बना रहा है। ओवेन ने कहा कि गूगल ने एक ऐसी रणनीति का बनाई है जो कनाडाई बिल के जवाब में प्रकाशकों में फूट डालने की कोशिश करती है। इसमें प्रकाशकों के कुछ स्वतंत्र नेटवर्क का समर्थन भी शामिल है। इसलिए कुछ प्रकाशकों के बीच तीखी बहस भी होती है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
डॉ. रैडश ने यह कहते हुए चुटकी ली कि मेटा-गूगल एकाधिकार डिजिटल विज्ञापन बाजार को नियंत्रित कर रहा है और राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त कर रहा है। प्रकाशकों को राजस्व का कम हिस्सा मिल रहा है और पैसा कहां जा रहा है, इस पर डेटा और जवाबदेही की कमी है। विज्ञापन उद्योग इस प्रयास में एक सहयोगी है।
क्या है कनाडा के न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड?
कनाडा का एक्ट यह सुनिश्चित करता है कि गूगल-फेसबुक जैसे बिग टेक डिजिटल समाचार मीडिया की सामग्रियों से मिलने वाले राजस्व की सही साझेदारी करें। कनाडा में एक्ट को इस साल की शुरुआत में बिल सी-18 के रूप में संसद में पेश किया गया था। अगले साल इसे मंजूरी मिल सकती है। अगर यह लागू होता है, तो इससे कनाडा के न्यूजरूम कॉस्ट का लगभग एक-तिहाई कवर किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा का प्रस्तावित विधेयक ऑस्ट्रेलियाई कोड में एक अहम सुधार है। इसमें काफी हद तक पारदर्शिता है।
क्या है डीएनपीए?
डीएनपीए दिल्ली स्थित संगठन है। देश के 17 अग्रणी समाचार प्रकाशकों की डिजिटल इकाइयां इस संगठन का हिस्सा हैं। यह संगठन ऐसा निष्पक्ष निकाय है, जो डिजिटल परिवेश में समाचार संगठनों और बड़ी टेक कंपनियों के बीच समानता और निष्पक्षता को बढ़ावा देता है। अपनी तरह का यह पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन डीएनपीए के ही विचारों का परिणाम है। इसमें दो देशों के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और मीडिया प्रकाशकों को अपने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए मंच मिलेगा। डीएनपीए डायलॉग्स का दूसरा चरण नौ दिसंबर को प्रस्तावित है।
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