राम जन्मभूमि
बाबरी मस्जिद विवाद को गुजरात के सियासी दंगल से देश की राजधानी दिल्ली तक गरमाए रखने में भाजपा जुट गई है। चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीखे बयान के बाद बुधवार को पार्टी नेताओं के ट्विटर पर राहुल गांधी और
कपिल सिब्बल पर हमले तेज हो गए। पार्टी प्रवक्ता जीएलवी नरसिम्हा राव ने राहुल को बाबर का भक्त और खिलजी का रिश्तेदार करार दिया तो यूपी के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने राहुल को खिलजी का बेटा ही बता दिया।
राम मंदिर मामले की सुनवाई 2019 लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील पर साक्षी महाराज ने ट्वीट किया कि विवादित ढांचे के गिरे लंबा वक्त हो गया है। अब इस विवाद के निपटारे में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देर होती है तो देश की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
पढ़ें- मूसा के संगठन ने दिया बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने की धमकी, वीडियो वायरल
उन्होंने आगे लिखा कि गुजरात चुनाव में वोटों के लिए राहुल मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं और अपना जनेऊ दिखा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कपिल सिब्बल मंदिर विवाद के निपटारे का विरोध कर रहे हैं। राहुल साफ करें कि वह मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं या विरोध में।
भाजपा सांसद ने तर्क देते हुए लिखा कि राम मंदिर का ताला कांग्रेस राज में खुला, मूर्तियां रखी गई कांग्रेस शासन में, राहुल के पिता राजीव गांधी के शासनकाल में शिलान्यास कराया गया। ऐसे में बेटे का काम है, पिता के काम को आगे बढ़ाना। पिता के काम का विरोध करने से लगता है कि राहुल राजीव गांधी का नहीं बल्कि खिलजी का बेटा है। उन्होंने कहा कि अगर 2019 के पहले मंदिर निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ तो यह देश के साथ न्याय नहीं होगा।
राम जन्मभूमि
बाबरी मस्जिद विवाद को गुजरात के सियासी दंगल से देश की राजधानी दिल्ली तक गरमाए रखने में भाजपा जुट गई है। चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीखे बयान के बाद बुधवार को पार्टी नेताओं के ट्विटर पर राहुल गांधी और
कपिल सिब्बल पर हमले तेज हो गए। पार्टी प्रवक्ता जीएलवी नरसिम्हा राव ने राहुल को बाबर का भक्त और खिलजी का रिश्तेदार करार दिया तो यूपी के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने राहुल को खिलजी का बेटा ही बता दिया।
राम मंदिर मामले की सुनवाई 2019 लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील पर साक्षी महाराज ने ट्वीट किया कि विवादित ढांचे के गिरे लंबा वक्त हो गया है। अब इस विवाद के निपटारे में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देर होती है तो देश की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
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