न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 10 Dec 2021 08:03 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनकी पत्नी की संपत्तियों की कुर्की को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कहा कि ईडी का न्यायनिर्णायक प्राधिकरण मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में देशमुख और उनकी पत्नी आरती की संपत्तियों की अस्थाई कुर्की पर अंतिम आदेश सुना सकता है और पारित कर सकता है। लेकिन, इन संपत्तियों के संबंध में 10 जनवरी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
न्यायाधीश गौतम पटेल और माधव जामदार की खंड पीठ ने इस मामले में ईडी को आरती देशमुख की ओर से एजेंसी द्वारा उनकी संपत्तियों की अस्थाई कुर्की को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया। एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के नेता अनिल देशमुख को इस मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं। आरती देशमुख ने अपनी याचिका में दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं कर रहा था।
पिछले सप्ताह जब तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख हुआ था तब पीठ ने कहा था कि न्यायनिर्णायक प्राधिकर सुनवाई कर सकता है लेकिन उसे अंतिम फैसला नहीं देना चाहिए। शुक्रवार को ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्स सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि एक सदस्यीय न्यायनिर्णायक प्राधिकरण के पास कानून के अनुसार सुनवाई करने की शक्ति है। इसके पश्चात हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्राधिकरण सुनवाई कर सकता है और अंतिम आदेश भी पारित कर सकता है।
विस्तार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनकी पत्नी की संपत्तियों की कुर्की को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कहा कि ईडी का न्यायनिर्णायक प्राधिकरण मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में देशमुख और उनकी पत्नी आरती की संपत्तियों की अस्थाई कुर्की पर अंतिम आदेश सुना सकता है और पारित कर सकता है। लेकिन, इन संपत्तियों के संबंध में 10 जनवरी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
न्यायाधीश गौतम पटेल और माधव जामदार की खंड पीठ ने इस मामले में ईडी को आरती देशमुख की ओर से एजेंसी द्वारा उनकी संपत्तियों की अस्थाई कुर्की को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया। एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के नेता अनिल देशमुख को इस मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं। आरती देशमुख ने अपनी याचिका में दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं कर रहा था।
पिछले सप्ताह जब तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख हुआ था तब पीठ ने कहा था कि न्यायनिर्णायक प्राधिकर सुनवाई कर सकता है लेकिन उसे अंतिम फैसला नहीं देना चाहिए। शुक्रवार को ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्स सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि एक सदस्यीय न्यायनिर्णायक प्राधिकरण के पास कानून के अनुसार सुनवाई करने की शक्ति है। इसके पश्चात हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्राधिकरण सुनवाई कर सकता है और अंतिम आदेश भी पारित कर सकता है।