न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 30 Nov 2021 11:03 PM IST
कुछ राज्यों में अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीजी पंकज कुमार सिंह ने मंगलवार को स्पष्ट किया, हम कभी भी और कहीं भी समांतर पुलिस के तौर पर काम नहीं करेंगे। दायरा बढ़ने के साथ ही केंद्र ने हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ाई हैं। बीएसएफ का दायरा 15 से 50 किलोमीटर तक बढ़ने के बाद पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया था।
पंकज सिंह ने कहा, जो दायरा बढ़ाया गया है उसमें सिर्फ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) कानून की शक्तियों में इजाफा हुआ है। ये उन लोगों के लिए है जो सीमा प्रवेश नियमों का उल्लंघन करते हैं। घुसपैठ देश की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा है। त्रिपुरा और असम में इसके मामले बढ़े हैं वहीं बंगाल में कई जिलों में जनसांख्यिकी असंतुलन हुआ है।
उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट कर देता हूं कि अगर बढ़ाए गए दायरे में बीएसएफ किसी अभियान को अंजाम भी देती है तो उससे जुड़ी एफआईआर स्थानीय पुलिस में ही दर्ज होगी और इसकी जांच भी पुलिस करेगी। हम समांतर पुलिस के तौर पर काम नहीं करेंगे और जांच भी हमारा काम नहीं होगा। इसको लेकर जो भी बातें फैलाई जा रही हैं वह सिर्फ भ्रमित करने के लिए है। क्योंकि एनडीपीएस कानून, हथियार कानून और सीमाशुल्क कानून का अधिकार क्षेत्र नहीं बढ़ाया गया है।
सीमा सुरक्षा पर सिंह ने बताया कि बीएसएफ ने राडार और ड्रोन से निगरानी बढ़ाने की योजना बनाई है। सीमाओं पर राडार लगा दिए गए हैं और ड्रोन से निगहबानी जारी है। वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए 80 फीसदी इलाके में फ्लडलाइट लगा दी गई हैं।
भारत की सीमा पर चीन के बने ड्रोनों के नजर आने के बाद चिंता बढ़ गई है। दरअसल सीमा सुरक्षा बल ने कहा है कि चीन में बने छोटे ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा पर धड़ल्ले से ड्रोन सप्लाई की जा रही है। पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सीमा पर पंजाब और जम्मू क्षेत्र में उड़ रहे चीन के बने ड्रोन नारकोटिक्स की सप्लाई कर रहे हैं।
सिंह ने आगे कहा कि सरकार सीमा सुरक्षा पर खूब खर्च कर रही है। सामान्य लाइटों को अब एलईडी से बदलने का काम किया जा रहा है। नाइट विजन उपकरणों से घुसपैठ पर पैनी नजर रखी जा रही है। हमारे पास रात में काम करने वाले ड्रोन भी उपलब्ध हैं, जिनके जरिए भी सीमा की निगहबानी की जा रही है।
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कुछ राज्यों में अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीजी पंकज कुमार सिंह ने मंगलवार को स्पष्ट किया, हम कभी भी और कहीं भी समांतर पुलिस के तौर पर काम नहीं करेंगे। दायरा बढ़ने के साथ ही केंद्र ने हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ाई हैं। बीएसएफ का दायरा 15 से 50 किलोमीटर तक बढ़ने के बाद पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया था।
पंकज सिंह ने कहा, जो दायरा बढ़ाया गया है उसमें सिर्फ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) कानून की शक्तियों में इजाफा हुआ है। ये उन लोगों के लिए है जो सीमा प्रवेश नियमों का उल्लंघन करते हैं। घुसपैठ देश की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा है। त्रिपुरा और असम में इसके मामले बढ़े हैं वहीं बंगाल में कई जिलों में जनसांख्यिकी असंतुलन हुआ है।
उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट कर देता हूं कि अगर बढ़ाए गए दायरे में बीएसएफ किसी अभियान को अंजाम भी देती है तो उससे जुड़ी एफआईआर स्थानीय पुलिस में ही दर्ज होगी और इसकी जांच भी पुलिस करेगी। हम समांतर पुलिस के तौर पर काम नहीं करेंगे और जांच भी हमारा काम नहीं होगा। इसको लेकर जो भी बातें फैलाई जा रही हैं वह सिर्फ भ्रमित करने के लिए है। क्योंकि एनडीपीएस कानून, हथियार कानून और सीमाशुल्क कानून का अधिकार क्षेत्र नहीं बढ़ाया गया है।