कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण स्कूल व कॉलेज सब बंद हैं। वहीं आगामी सत्र शुरू होने में भी फिलहाल अड़चन हैं। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने लॉक डाउन की स्थिति में शिक्षकों को तकनीक का प्रयोग करते हुए रचनात्मक तरीके से बच्चों को पढ़ाने के सुझाव दिए हैं।
बोर्ड की ओर से कहा गया है कि अब जब शिक्षक घर से कार्य कर रहे हैं तो वह इस समय का भरपूर लाभ उठाएं। शिक्षक घर पर ही पूरे सत्र के लिए योजना बना लें। साथ ही वीडियो लेक्चर तैयार कर यू-ट्यूब व अपने स्कूल के फेसबुक पेज पर अपलोड करें जिससे बच्चे इनका लाभ ले सकें।
सीबीएसई की ओर से सभी शिक्षाविदों (शिक्षकों) को कहा गया है कि वह अपनी शिक्षण योजना में कला-खेल गतिविधियों को भी शामिल करें। इसके साथ ही वह शैक्षिक व सह-शैक्षिक पाठ्यक्रम की भी योजना बना सकते हैं। बोर्ड ने कहा है कि विभिन्न विषयों पर ट्यूटोरियल-वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड और अपलोड किए जा सकते हैं।
चूंकि छात्र कक्षा में नहीं होंगे और वह त्वरित प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे। ऐसे में शिक्षक अपनी सामग्री को यथासंभव आकर्षक बनाएं, प्वाइंटर जोड़ें, विजुअल का प्रयोग करें। शिक्षकों को इन लिंक को बोर्ड के साथ भी साझा करना है। छात्रों को प्रोजेक्ट, केस स्टडी करने के लिए कहा जा सकता है। छात्रों को कहानी, कविता, गीत, रैप लिखने के लिए कहा जा सकता है।
प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए कुछ पढ़ने की सामग्री दी जा सकती है। पढ़ने के कौशल के लिए प्रेरक गीत, कहानियां, लघु फिल्में साझा की जा सकती हैं। वर्चुअल फील्ड ट्रिप और वर्चुअल ट्रेजर हंट प्रोग्राम की योजना बनाई जा सकती है। वहीं सीबीएसई सचिव का कहना है कि लॉक डाउन के अवसर का लाभ उठाते हुए शिक्षकों को फिजिकल क्लासरूम से ऊपर उठकर डिजिटल क्लासरूम को बढ़ावा देना चाहिए।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण स्कूल व कॉलेज सब बंद हैं। वहीं आगामी सत्र शुरू होने में भी फिलहाल अड़चन हैं। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने लॉक डाउन की स्थिति में शिक्षकों को तकनीक का प्रयोग करते हुए रचनात्मक तरीके से बच्चों को पढ़ाने के सुझाव दिए हैं।
बोर्ड की ओर से कहा गया है कि अब जब शिक्षक घर से कार्य कर रहे हैं तो वह इस समय का भरपूर लाभ उठाएं। शिक्षक घर पर ही पूरे सत्र के लिए योजना बना लें। साथ ही वीडियो लेक्चर तैयार कर यू-ट्यूब व अपने स्कूल के फेसबुक पेज पर अपलोड करें जिससे बच्चे इनका लाभ ले सकें।
सीबीएसई की ओर से सभी शिक्षाविदों (शिक्षकों) को कहा गया है कि वह अपनी शिक्षण योजना में कला-खेल गतिविधियों को भी शामिल करें। इसके साथ ही वह शैक्षिक व सह-शैक्षिक पाठ्यक्रम की भी योजना बना सकते हैं। बोर्ड ने कहा है कि विभिन्न विषयों पर ट्यूटोरियल-वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड और अपलोड किए जा सकते हैं।
चूंकि छात्र कक्षा में नहीं होंगे और वह त्वरित प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे। ऐसे में शिक्षक अपनी सामग्री को यथासंभव आकर्षक बनाएं, प्वाइंटर जोड़ें, विजुअल का प्रयोग करें। शिक्षकों को इन लिंक को बोर्ड के साथ भी साझा करना है। छात्रों को प्रोजेक्ट, केस स्टडी करने के लिए कहा जा सकता है। छात्रों को कहानी, कविता, गीत, रैप लिखने के लिए कहा जा सकता है।
प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए कुछ पढ़ने की सामग्री दी जा सकती है। पढ़ने के कौशल के लिए प्रेरक गीत, कहानियां, लघु फिल्में साझा की जा सकती हैं। वर्चुअल फील्ड ट्रिप और वर्चुअल ट्रेजर हंट प्रोग्राम की योजना बनाई जा सकती है। वहीं सीबीएसई सचिव का कहना है कि लॉक डाउन के अवसर का लाभ उठाते हुए शिक्षकों को फिजिकल क्लासरूम से ऊपर उठकर डिजिटल क्लासरूम को बढ़ावा देना चाहिए।