कोविड-19 टीकाकरण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, केंद्र सरकार ने कहा है कि अब दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान में सभी प्राइवेट अस्पताल भी शामिल हो सकते हैं। एक मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण के वैक्सीनेशन कैंपेन में पहले केवल सरकारी योजनाओं से जुड़े 10,000 प्राइवेट अस्पतालों को ही शामिल किया गया था। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने कह दिया कि टीकाकरण अभियान में सभी प्राइवेट अस्पताल शामिल होंगे क्योंकि देश में कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना , सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में शामिल सभी प्राइवेट अस्पतालों की क्षमताओं का वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
सरकार ने यह भी कहा कि जो निजी अस्पताल इन तीन योजनाओं में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी वैक्सीनेशन सेंटर शुरू करने की इजाजत होगी, बशर्ते उनके पास कोरोना के टीकाकरण से जुड़ी सभी सुविधाएं हों।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से यह भी कहा है कि कोरोना टीकों को स्टोर न करें और वैक्सीनेशन सेंटर्स को पूरी सप्लाई दें, क्योंकि केंद्र के पास वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। सरकार ने कहा है कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जितनी जरूरत हो, उतनी वैक्सीन मुहैया करवाएं।
लोगों तक कोरोना टीका जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने सुबह नौ से शाम पांच बजे तक टीका लगवाने की अवधि बाधा खत्म कर दी है। साथ ही कहा है कि अब निजी अस्पताल किसी भी समय टीका लगा सकते हैं।
- कोल्ड चेन के इंतजाम और टीका लगाने वाला पर्याप्त स्टाफ
- वैक्सीन लगवाने वालों के ऑब्जर्वेशन के लिए जगह
- वैक्सीनेशन के बाद मैनेजमेंट ऑफ एडवर्स इवेंट्स की व्यवस्था
- भीड़ को संभालने और लोगों को बैठाने की व्यवस्था
कोविड-19 टीकाकरण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, केंद्र सरकार ने कहा है कि अब दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान में सभी प्राइवेट अस्पताल भी शामिल हो सकते हैं। एक मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण के वैक्सीनेशन कैंपेन में पहले केवल सरकारी योजनाओं से जुड़े 10,000 प्राइवेट अस्पतालों को ही शामिल किया गया था। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने कह दिया कि टीकाकरण अभियान में सभी प्राइवेट अस्पताल शामिल होंगे क्योंकि देश में कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना , सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में शामिल सभी प्राइवेट अस्पतालों की क्षमताओं का वैक्सीनेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
सरकार ने यह भी कहा कि जो निजी अस्पताल इन तीन योजनाओं में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी वैक्सीनेशन सेंटर शुरू करने की इजाजत होगी, बशर्ते उनके पास कोरोना के टीकाकरण से जुड़ी सभी सुविधाएं हों।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से यह भी कहा है कि कोरोना टीकों को स्टोर न करें और वैक्सीनेशन सेंटर्स को पूरी सप्लाई दें, क्योंकि केंद्र के पास वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। सरकार ने कहा है कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जितनी जरूरत हो, उतनी वैक्सीन मुहैया करवाएं।