चीन में निवर्तमान भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से एक आभासी विदाई भेंट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ चुनौतियों ने पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में असर डाला था और उम्मीद है कि लगातार संचार के साथ दोनों पक्ष वर्तमान कठिनाइयों को दूर करने में सक्षम होंगे। लद्दाख में तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल से कुछ चुनौतियों ने रिश्ते में असर डाला था बावजूद इसके हमारे संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों शामिल थे।
निरंतर बातचीत से सीमा गतिरोध हल होने की जताई उम्मीद
मिसरी जिन्हें मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, इस महीने के अंत में नई दिल्ली की यात्रा करने वाले हैं। उनके उत्तराधिकारी का नाम अभी तय नहीं हुआ है। यहां भारतीय दूतावास की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजदूत को उम्मीद है कि राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य सभी स्तरों पर बातचीत के साथ, दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने और संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में चुनौतियों का विवरण नहीं दिया गया, लेकिन वह स्पष्ट रूप से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध का जिक्र कर रहे थे, जिससे द्विपक्षीय संबंध लगभग ठप हो गए।
राजदूत ने विशेष रूप से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों के पूर्ण समाधान के लिए उचित मार्गदर्शन तैयार करने में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और विदेश मंत्री वांग यी द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच सहमति के अनुसार इन मुद्दों का समाधान जल्द ही निकाल लिया जाएगा, जिससे संबंधों को सामान्य होने की ओर लौटने में मदद मिलेगी।
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चीन में निवर्तमान भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से एक आभासी विदाई भेंट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ चुनौतियों ने पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में असर डाला था और उम्मीद है कि लगातार संचार के साथ दोनों पक्ष वर्तमान कठिनाइयों को दूर करने में सक्षम होंगे। लद्दाख में तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल से कुछ चुनौतियों ने रिश्ते में असर डाला था बावजूद इसके हमारे संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों शामिल थे।
निरंतर बातचीत से सीमा गतिरोध हल होने की जताई उम्मीद
मिसरी जिन्हें मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, इस महीने के अंत में नई दिल्ली की यात्रा करने वाले हैं। उनके उत्तराधिकारी का नाम अभी तय नहीं हुआ है। यहां भारतीय दूतावास की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राजदूत को उम्मीद है कि राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य सभी स्तरों पर बातचीत के साथ, दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने और संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में चुनौतियों का विवरण नहीं दिया गया, लेकिन वह स्पष्ट रूप से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध का जिक्र कर रहे थे, जिससे द्विपक्षीय संबंध लगभग ठप हो गए।
राजदूत ने विशेष रूप से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों के पूर्ण समाधान के लिए उचित मार्गदर्शन तैयार करने में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और विदेश मंत्री वांग यी द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच सहमति के अनुसार इन मुद्दों का समाधान जल्द ही निकाल लिया जाएगा, जिससे संबंधों को सामान्य होने की ओर लौटने में मदद मिलेगी।