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कांग्रेस ने पूरी तरह मन बना लिया है कि 2024 के चुनावों में वह "राहुल गांधी की तपस्या" के दम पर लोकसभा चुनाव की इमारत बुलंद करने वाली है। यही नहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से उत्साहित कांग्रेस ने रायपुर में होने वाले तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन की जो रूपरेखा तैयार की है उसमें भी 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव को मजबूती से लड़े जाने को लेकर प्रमुखता से चर्चा किए जाने का खाका तैयार हुआ है। रविवार को हुई कांग्रेस की संचालन समिति की अहम बैठक के बाद कुछ इस तरह के इशारे मिले हैं। बैठक में अभी तय हुआ है कि राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा को छोड़कर इसी महीने शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा भी नहीं लेंगे।
राहुल गांधी की चल रही भारत जोड़ो यात्रा के साथ कांग्रेस समानांतर तौर पर अपनी ऐसी रणनीति बना कर चल रही है जिससे 2024 के होने वाले लोकसभा चुनावों में उसको बड़ी सफलता मिल सके। कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरीके से लोगों से जुड़ाव और समर्थन मिल रहा है वह अनुमान से कई गुना ज्यादा है। वह कहते हैं कि यही वजह है कि कांग्रेस जनों में एक नया उत्साह और उमंग बढ़ गई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता राहुल गांधी की तपस्या और उनके समर्पण की वजह से मिल रही है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की इसी तपस्या को कांग्रेस 2024 के चुनावों में अपना बड़ा हथियार बनाने वाली है।
रविवार को हुई कांग्रेस की संचालन समिति की बैठक में यह भी तय हुआ कि आने वाले दिनों में कांग्रेस "हाथ से हाथ जोड़ो अभियान" भी चलाने जा रही है। इस अभियान का मुख्य मकसद कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समानांतर अपनी राजनीतिक पकड़ और मजबूत करना है। कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं छत्तीसगढ़ में शुरू होने वाले तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावों की पूरी रणनीति भी तय की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस उदयपुर में हुए चिंतन शिविर की उन तमाम कार्य योजनाओं की भी समीक्षा भी की जाएगी।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा तो जबरदस्त सफलता मिल रही है। इस पूरी यात्रा में अब तक देश के हर तबके ने राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा का भरपूर सहयोग दिया है। कांग्रेस पार्टी के मुताबिक जितने राज्यों से गुजर कर भारत जोड़ो यात्रा निकली है वहां पर हर समुदाय और संस्थान से जुड़े लोगों ने राहुल गांधी की इस दृढ़ प्रतिज्ञ भारत जोड़ो यात्रा में सहयोग दिया है। सांसद वेणु गोपाल कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की वजह से राहुल गांधी इसी महीने शुरू होने वाले शीतकालीन संसद सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
कांग्रेस से जुड़े रणनीतिकारों का कहना है कि 26 जनवरी से शुरू होने वाले "हाथ से हाथ जोड़ो अभियान" को भी उसी तर्ज पर पूरे देश में आगे बढ़ाया जाएगा जिस तरीके से राहुल गांधी भारत जोड़ो अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है भारत जोड़ो यात्रा कोई राजनैतिक यात्रा नहीं है लेकिन हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत लोगों को कांग्रेस की नीतियों से जुड़ने और आने वाले चुनावों में देश विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ने के विरुद्ध उनको खड़ा किया जाएगा।
कांग्रेस की बनाई जाने वाली रणनीति पर सियासी जानकारों का मानना है कि पार्टी ने अब खुद को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक हरिशंकर कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि बीते दो चुनावों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की रणनीति तो यही इशारा कर रही है कि कांग्रेस का मकसद अब 2024 के लोकसभा चुनाव ही हैं। उनका कहना है कि अगले साल भी 6 राज्यों में चुनाव होने हैं। जिसको लेकर कांग्रेस अपनी रणनीति तो बना रही है लेकिन इन तमाम रणनीतियों के आगे कांग्रेस 2024 के लिए खुद को तैयार भी कर रही है। कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों की रणनीति की नींव में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी जोड़ना शुरु किया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता का आकलन तो 2024 में होने वाले चुनावों से किया ही जाएगा। लेकिन जिस तरीके से केरल से शुरू होने वाली यात्रा रविवार शाम को राजस्थान पहुंच रही है उससे राहुल गांधी के भीतर दृढ़ प्रतिज्ञ नेता की छवि उभर कर सामने आ ही गई है। वो कहते हैं कि कांग्रेस राहुल गांधी की इस छवि को 2024 के लोकसभा चुनावों में हर हाल में भुनाएगी।