कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके आवास दस जनपथ पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ हो रही बैठक में पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने वाले गुट-23 के प्रमुख नेता कपिल सिब्बल शामिल नहीं हैं। सिब्बल शनिवार की सुबह ही अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दुबई चले गए हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही अन्य नेताओं के साथ सिब्बल से भी मुलाकात करके पार्टी के नए संकट मोचक वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें सोनिया गांधी के साथ बैठक को लेकर चर्चा की थी।
सोनिया के साथ बैठक में वरिष्ठ नेताओं में गुलाम नबी आजाद, ए.के. एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, पी. चिदंबरम आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। कमलनाथ के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पहल पर यह बैठक आयोजित की गई है। बैठक में शामिल होने वाले सभी नेता अपनी कोरोना जांच कराकर आए हैं। असल में सोनिया गांधी को अस्थमा की समस्या है और कोरोना संक्रमण को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ये सलाह दी है। इससे पहले वे केवल वर्चुअल मीटिंग में ही शामिल होती रही हैं।
यह जानकारी देने वाले कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी से कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके साथ वर्चुअल की बजाय सीधे मिलकर बात करना चाहते हैं। तब सोनिया ने उनसे कहा कि वह इस बारे में अपने डाक्टर से सलाह लेकर फैसला करेंगी।
कमलनाथ जब कपिल सिब्बल से मिले तो उन्होंने यही बताया था। इसलिए कपिल सिब्बल विदेश यात्रा के अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदल नहीं सके। उधर सोनिया के डाक्टरों ने मुलाकात की अनुमति देते हुए यह कहा था कि एहतियातन मिलने वाले सभी लोग कोरोना जांच और निगेटिव रिपोर्ट के साथ मिलें। इसलिए सभी नेताओं ने अपनी-अपनी कोरोना जांच भी करा ली।
बैठक की तारीख तय होने के बाद कपिल सिब्बल ने अपना कार्यक्रम तो नहीं बदला लेकिन उन्होंने अपनी बात कमलनाथ और प्रियंका गांधी को बता दी थी। प्रियंका के साथ उनकी बातचीत जूम के जरिए हुई। इसके बाद शनिवार की सुबह सिब्बल विदेश रवाना हो गए।
बैठक में कपिल की गैर-मौजूदगी पर टिप्पणी करते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुट-23 के नेताओं में कपिल सिब्बल ही सबसे ज्यादा मुखर होकर साफ बात कहने वाले हैं, वही बैठक में नहीं हैं। हालांकि इसके बावजूद सबकी निगाहें इस बैठक पर हैं क्योंकि इसमें हुई बातचीत के आधार पर ही यह तय होगा कि भविष्य़ में कांग्रेस की कमान किसके हाथ में जाएगी।
सोनिया गांधी और उनके वफादार चाहते हैं कि यह कमान राहुल गांधी ही संभालें लेकिन राहुल की ना-नुकुर और उनकी टीम को लेकर कुछ वरिष्ठ नेताओं की असहमति के चलते प्रियंका को भी कमान सौंपे जाने की बात चल पड़ी है। एक सुझाव यह भी है कि सोनिया गांधी ही फिलहाल अध्यक्ष बनी रहें और प्रियंका या किसी अन्य विश्वासपात्र को उपाध्यक्ष बना दिया जाए जिससे पार्टी की सांगठनिक गतिविधियां और रोजमर्रा का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे।
विस्तार
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके आवास दस जनपथ पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ हो रही बैठक में पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने वाले गुट-23 के प्रमुख नेता कपिल सिब्बल शामिल नहीं हैं। सिब्बल शनिवार की सुबह ही अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दुबई चले गए हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही अन्य नेताओं के साथ सिब्बल से भी मुलाकात करके पार्टी के नए संकट मोचक वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें सोनिया गांधी के साथ बैठक को लेकर चर्चा की थी।
सोनिया के साथ बैठक में वरिष्ठ नेताओं में गुलाम नबी आजाद, ए.के. एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, पी. चिदंबरम आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। कमलनाथ के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पहल पर यह बैठक आयोजित की गई है। बैठक में शामिल होने वाले सभी नेता अपनी कोरोना जांच कराकर आए हैं। असल में सोनिया गांधी को अस्थमा की समस्या है और कोरोना संक्रमण को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ये सलाह दी है। इससे पहले वे केवल वर्चुअल मीटिंग में ही शामिल होती रही हैं।
यह जानकारी देने वाले कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी से कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके साथ वर्चुअल की बजाय सीधे मिलकर बात करना चाहते हैं। तब सोनिया ने उनसे कहा कि वह इस बारे में अपने डाक्टर से सलाह लेकर फैसला करेंगी।
कमलनाथ जब कपिल सिब्बल से मिले तो उन्होंने यही बताया था। इसलिए कपिल सिब्बल विदेश यात्रा के अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदल नहीं सके। उधर सोनिया के डाक्टरों ने मुलाकात की अनुमति देते हुए यह कहा था कि एहतियातन मिलने वाले सभी लोग कोरोना जांच और निगेटिव रिपोर्ट के साथ मिलें। इसलिए सभी नेताओं ने अपनी-अपनी कोरोना जांच भी करा ली।
बैठक की तारीख तय होने के बाद कपिल सिब्बल ने अपना कार्यक्रम तो नहीं बदला लेकिन उन्होंने अपनी बात कमलनाथ और प्रियंका गांधी को बता दी थी। प्रियंका के साथ उनकी बातचीत जूम के जरिए हुई। इसके बाद शनिवार की सुबह सिब्बल विदेश रवाना हो गए।
बैठक में कपिल की गैर-मौजूदगी पर टिप्पणी करते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुट-23 के नेताओं में कपिल सिब्बल ही सबसे ज्यादा मुखर होकर साफ बात कहने वाले हैं, वही बैठक में नहीं हैं। हालांकि इसके बावजूद सबकी निगाहें इस बैठक पर हैं क्योंकि इसमें हुई बातचीत के आधार पर ही यह तय होगा कि भविष्य़ में कांग्रेस की कमान किसके हाथ में जाएगी।
सोनिया गांधी और उनके वफादार चाहते हैं कि यह कमान राहुल गांधी ही संभालें लेकिन राहुल की ना-नुकुर और उनकी टीम को लेकर कुछ वरिष्ठ नेताओं की असहमति के चलते प्रियंका को भी कमान सौंपे जाने की बात चल पड़ी है। एक सुझाव यह भी है कि सोनिया गांधी ही फिलहाल अध्यक्ष बनी रहें और प्रियंका या किसी अन्य विश्वासपात्र को उपाध्यक्ष बना दिया जाए जिससे पार्टी की सांगठनिक गतिविधियां और रोजमर्रा का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे।