न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 06 Jul 2020 04:49 AM IST
कोरोना योद्धा कहे जा रहे डॉक्टरों को न केवल आम जनता बल्कि अपने पेशे के लोगों से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। तेलंगाना के हैदराबाद में निजी अस्पताल ने 1.15 लाख रुपये का भुगतान न करने पर कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर को बंदी बना लिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो खुद पीड़िता ने बनाया है।
सरकारी फीवर अस्पताल की सिविल असिस्टेंट सर्जन इस वीडियो में एक दिन के इलाज के लिए 1.15 लाख रुपये वसूलने का निजी अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में न तो उन्हें उचित दवा दी गई और न डिस्चार्ज किया गया। डॉक्टर ने कहा कि संक्रमित मिलने के बाद से वह घर रहकर इलाज कर रही थीं और होम क्वारंटीन थीं।
एक जुलाई की आधी रात में उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। इसके चलते वह निजी अस्पताल में भर्ती हो गईं। एक दिन के इलाज का 1.15 लाख रुपये का बिल बनाया गया। वह इसे चुकाने में असमर्थ है क्योंकि यह बहुत ज्यादा है। वह मधुमेह रोगी हैं और उनका सही से इलाज नहीं किया गया। अब 40 हजार रुपये भुगतान करने के बावजूद उन्हें बंदी बना लिया गया है। उन्होंने कहा, इस घटना को लेकर निजी अस्पताल के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
कोरोना योद्धा कहे जा रहे डॉक्टरों को न केवल आम जनता बल्कि अपने पेशे के लोगों से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। तेलंगाना के हैदराबाद में निजी अस्पताल ने 1.15 लाख रुपये का भुगतान न करने पर कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर को बंदी बना लिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो खुद पीड़िता ने बनाया है।
सरकारी फीवर अस्पताल की सिविल असिस्टेंट सर्जन इस वीडियो में एक दिन के इलाज के लिए 1.15 लाख रुपये वसूलने का निजी अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में न तो उन्हें उचित दवा दी गई और न डिस्चार्ज किया गया। डॉक्टर ने कहा कि संक्रमित मिलने के बाद से वह घर रहकर इलाज कर रही थीं और होम क्वारंटीन थीं।
एक जुलाई की आधी रात में उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। इसके चलते वह निजी अस्पताल में भर्ती हो गईं। एक दिन के इलाज का 1.15 लाख रुपये का बिल बनाया गया। वह इसे चुकाने में असमर्थ है क्योंकि यह बहुत ज्यादा है। वह मधुमेह रोगी हैं और उनका सही से इलाज नहीं किया गया। अब 40 हजार रुपये भुगतान करने के बावजूद उन्हें बंदी बना लिया गया है। उन्होंने कहा, इस घटना को लेकर निजी अस्पताल के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।