न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 31 Dec 2021 10:37 PM IST
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के संचालन पर रक्षा मंत्रालय ने साल के अंत की समीक्षा की है। इसमें कहा गया है कि एलएसी पर एक से अधिक क्षेत्रों में सेना द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए चीनियों द्वारा एकतरफा और उत्तेजक कार्रवाइयों का पर्याप्त उपाय किया गया है। निरंतर संयुक्त प्रयासों के बाद कई स्थानों पर डिसइंगेजमेंट किया गया। उन क्षेत्रों में जहां अभी तक डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है, पर्याप्त रूप से सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है।
सुरक्षा बलों का पुर्नगठन
समीक्षा के मुताबिक, क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने और चीनी बलों के जमावड़े और उनके सैन्य बुनियादी ढांचा निर्माण को ध्यान में रखते हुए खतरे के आकलन और आंतरिक विचार-विमर्श के परिणामस्वरूप बलों का पुनर्गठन हुआ है। भारत के दावों की सत्यता सुनिश्चित करते हुए सैनिकों ने चीनी सैनिकों के साथ एक दृढ़ और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद से निपटना जारी रखा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी सीमाओं के साथ बुनियादी ढांचे का विकास समग्र और व्यापक तरीके से किया जा रहा है, जिसमें सड़कें, हर मौसम में संपर्क के लिए सुरंगें, चार रणनीतिक रेलवे लाइनें, ब्रह्मपुत्र पर अतिरिक्त पुल शामिल हैं।
विस्तार
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के संचालन पर रक्षा मंत्रालय ने साल के अंत की समीक्षा की है। इसमें कहा गया है कि एलएसी पर एक से अधिक क्षेत्रों में सेना द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए चीनियों द्वारा एकतरफा और उत्तेजक कार्रवाइयों का पर्याप्त उपाय किया गया है। निरंतर संयुक्त प्रयासों के बाद कई स्थानों पर डिसइंगेजमेंट किया गया। उन क्षेत्रों में जहां अभी तक डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है, पर्याप्त रूप से सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है।
सुरक्षा बलों का पुर्नगठन
समीक्षा के मुताबिक, क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने और चीनी बलों के जमावड़े और उनके सैन्य बुनियादी ढांचा निर्माण को ध्यान में रखते हुए खतरे के आकलन और आंतरिक विचार-विमर्श के परिणामस्वरूप बलों का पुनर्गठन हुआ है। भारत के दावों की सत्यता सुनिश्चित करते हुए सैनिकों ने चीनी सैनिकों के साथ एक दृढ़ और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद से निपटना जारी रखा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी सीमाओं के साथ बुनियादी ढांचे का विकास समग्र और व्यापक तरीके से किया जा रहा है, जिसमें सड़कें, हर मौसम में संपर्क के लिए सुरंगें, चार रणनीतिक रेलवे लाइनें, ब्रह्मपुत्र पर अतिरिक्त पुल शामिल हैं।