न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 29 Jan 2022 11:15 AM IST
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशायलय ने अपनी चार्टशीट दाखिल कर दी है। इसमें कहा गया है कि देशमुख ने अपने पद और शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। जांच में खुलासा हुआ है कि देशमुख ने सचिन वाजे को पूरे मुंबई के 1750 बार व रेस्टोरेंट से वसूली के निर्देश दिए थे। कोरोना काल में बार मालिकों से तीन-तीन लाख रुपय वसूलने के लिए वाजे बार मालिकों पर दबाव बना रहा था। दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच वाजे ने देशमुख के निर्देश पर 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की थी।
वाजे को बनाया था सीआईयू का प्रमुख
ईडी की जांच में पाया गया कि 16 साल के निलंबन के बाद सचिन वाजे की बहाली में देशमुख की ही भूमिका थी। सहायक पुलिस निरीक्षक होने के बाद बावजूद उन्हें मुंबई पुलिस की खुफिया इकाई (सीआईयू) का प्रमुख बनाया गया था। इतना ही नहीं वाजे को कई प्रमुख जांच का जिम्मा भी दिया गया था, जिससे ऐसे मामलों से मोटी रकम वसूली जा सके।
शिंदे को सौंपी थी नकद रकम
वाजे ने ईडी को दिए बयान में कबूल किया है कि उसने बार मालिकों से वसूल किए गए 4.70 करोड़ रुपये नकद कुंदन शिंदे को सौंपे थे। शिंदे देशमुख का निजी सचिव था और भरोसेमदं आदमी था। शिंदे के श्री साईं शिक्षक संस्था में ही यह रकम रखी गई थी।
नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी
देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। देशमुख फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है। सौ करोड़ वसूली के आरोप पर बांबे हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने देशमुख के खिलाफ जांच की शुरुआत की थी। हालांंकि, देशमुख इन आरोपों को बेबुनियाद बनाते आए हैं।
विस्तार
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशायलय ने अपनी चार्टशीट दाखिल कर दी है। इसमें कहा गया है कि देशमुख ने अपने पद और शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। जांच में खुलासा हुआ है कि देशमुख ने सचिन वाजे को पूरे मुंबई के 1750 बार व रेस्टोरेंट से वसूली के निर्देश दिए थे। कोरोना काल में बार मालिकों से तीन-तीन लाख रुपय वसूलने के लिए वाजे बार मालिकों पर दबाव बना रहा था। दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच वाजे ने देशमुख के निर्देश पर 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की थी।
वाजे को बनाया था सीआईयू का प्रमुख
ईडी की जांच में पाया गया कि 16 साल के निलंबन के बाद सचिन वाजे की बहाली में देशमुख की ही भूमिका थी। सहायक पुलिस निरीक्षक होने के बाद बावजूद उन्हें मुंबई पुलिस की खुफिया इकाई (सीआईयू) का प्रमुख बनाया गया था। इतना ही नहीं वाजे को कई प्रमुख जांच का जिम्मा भी दिया गया था, जिससे ऐसे मामलों से मोटी रकम वसूली जा सके।
शिंदे को सौंपी थी नकद रकम
वाजे ने ईडी को दिए बयान में कबूल किया है कि उसने बार मालिकों से वसूल किए गए 4.70 करोड़ रुपये नकद कुंदन शिंदे को सौंपे थे। शिंदे देशमुख का निजी सचिव था और भरोसेमदं आदमी था। शिंदे के श्री साईं शिक्षक संस्था में ही यह रकम रखी गई थी।
नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी
देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। देशमुख फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है। सौ करोड़ वसूली के आरोप पर बांबे हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने देशमुख के खिलाफ जांच की शुरुआत की थी। हालांंकि, देशमुख इन आरोपों को बेबुनियाद बनाते आए हैं।