हाईवे से बुधवार को गोल्ड बाबा गुजरे तो उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई बाबा की एक झलक पाने को बेताब दिखा। इस बार साढ़े 13 किलो सोना पहनकर बाबा कांवड़ लाए हैं। 30 निजी सुरक्षाकर्मी और 350 कांवड़ियों के दल के साथ वह बम-बम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आखिरी सांस तक कांवड़ लाऊंगा।
गोल्डन बाबा की यह 24वीं कांवड़ है। मंगलवार देर रात संगीनों के साए में मुजफ्फरनगर पुलिस ने बाबा को सकौती में छोड़ा। सकौती में रात्रि विश्राम के बाद वह अपने साथियों के साथ हाईवे पर दशरपुर गांव के सामने पहुंचे तो बाबा को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बातचीत में गोल्डन बाबा (सुधीर कुमार) ने बताया कि कांवड़ यात्रा का राष्ट्रीयकरण हो रहा है।
यात्रा में बजने वाले देश भक्ति गीतों के साथ 90 प्रतिशत कांवड़ों पर लगा तिरंगा इसका प्रतीक है। शिव की आराधना के साथ देशभक्ति का जज्बा बढ़ता जा रहा है, यह अच्छा संकेत है। बाबा के हाथों में मोटी अंगूठी के अलावा गले में चेन और लॉकेट है। यात्रा पूरी तरह से हाईटेक है। लग्जरी गाड़ी बाबा के साथ चल रही हैं। कांवड़ यात्रा के साथ-साथ अब हरिद्वार के जूना अखाड़ा से भी जुड़ गए हैं।
हरिद्वार में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया था। गोल्डन बाबा ने बताया कि वह सुरक्षा को देखते हुए हाईवे पर लगे किसी भी शिविर में प्रसाद ग्रहण नहीं करते हैं। उनके काफिले में रसोई स्टाफ से लेकर बारिश में रुकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से बना तंबू है। उनके काफिले में एंबुलेंस भी है। पहली यात्रा में वह पांच किलो सोने के गहने पहनकर कांवड़ लाए थे।
बाबा के काफिले में 2 स्कार्पियो, 2 इनोवा, 2 क्वालिस, 2 फॉरच्यूनर, 3 ट्रक बडे़, 5 टेंपू, 1 एंबुलेंस और चार छोटे हाथी शामिल हैं।
ये है खास
24वीं कांवड़ लाए हैं इस बार।
13.5 किलो सोना पहन रखा है।
11 किलो सोना पिछले साल पहना था।
21 गाड़ियों का काफिला
30 निजी सुरक्षा कर्मी
350 कांवड़ियों की फौज
बेकाबू हुई भीड़, कड़ी रही सुरक्षा
गोल्डन बाबा की सुरक्षा कड़ी रही। उन्हें देखने और फोटो खिंचवाने के लिए भीड़ लग गई। मोदीपुरम, दौराला पुलिस ने कडे़ सुरक्षा घेरे के बीच बाबा के काफिले को निकाला। पुलिस ने किसी को भी उसके पास तक आने नहीं दिया। फॉरच्यूनर गाड़ी पर चढ़कर बाबा डांस करते हुए रवाना हो गए।
हाईवे से बुधवार को गोल्ड बाबा गुजरे तो उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई बाबा की एक झलक पाने को बेताब दिखा। इस बार साढ़े 13 किलो सोना पहनकर बाबा कांवड़ लाए हैं। 30 निजी सुरक्षाकर्मी और 350 कांवड़ियों के दल के साथ वह बम-बम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आखिरी सांस तक कांवड़ लाऊंगा।
गोल्डन बाबा की यह 24वीं कांवड़ है। मंगलवार देर रात संगीनों के साए में मुजफ्फरनगर पुलिस ने बाबा को सकौती में छोड़ा। सकौती में रात्रि विश्राम के बाद वह अपने साथियों के साथ हाईवे पर दशरपुर गांव के सामने पहुंचे तो बाबा को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बातचीत में गोल्डन बाबा (सुधीर कुमार) ने बताया कि कांवड़ यात्रा का राष्ट्रीयकरण हो रहा है।
यात्रा में बजने वाले देश भक्ति गीतों के साथ 90 प्रतिशत कांवड़ों पर लगा तिरंगा इसका प्रतीक है। शिव की आराधना के साथ देशभक्ति का जज्बा बढ़ता जा रहा है, यह अच्छा संकेत है। बाबा के हाथों में मोटी अंगूठी के अलावा गले में चेन और लॉकेट है। यात्रा पूरी तरह से हाईटेक है। लग्जरी गाड़ी बाबा के साथ चल रही हैं। कांवड़ यात्रा के साथ-साथ अब हरिद्वार के जूना अखाड़ा से भी जुड़ गए हैं।
हरिद्वार में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया था। गोल्डन बाबा ने बताया कि वह सुरक्षा को देखते हुए हाईवे पर लगे किसी भी शिविर में प्रसाद ग्रहण नहीं करते हैं। उनके काफिले में रसोई स्टाफ से लेकर बारिश में रुकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से बना तंबू है। उनके काफिले में एंबुलेंस भी है। पहली यात्रा में वह पांच किलो सोने के गहने पहनकर कांवड़ लाए थे।