गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उस संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, जिसमें धोखे से या जबरन विवाह के जरिये धर्मांतरण करने पर 10 साल तक की सजा और दो लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
गुजरात ऐसा कानून लाने वाला तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात से पहले भाजपा शासित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार भी वैवाहिक धर्मांतरण रोकने के लिए इसी तरह का कानून ला चुकी हैं। तीनों राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है।
गुजरात के संसदीय कार्य मंत्री भूपेंद्र सिंह चुड़ासमा ने शनिवार को बताया कि राज्यपाल ने इस बजट सत्र में पारित सात अन्य विधेयकों के साथ गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2021 को भी मंजूर कर दिया है। इसके साथ ही यह संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है।
उन्होंने बताया कि संशोधित कानून में जबरन धर्मांतरण के लिए विवाह या किसी की शादी कराने या किसी की शादी करने में मदद करने के लिए 2 लाख रुपये के जुर्माने और 3 से 5 साल तक कैद की सजा मिलेगी। यदि पीड़ित नाबालिग, महिला, दलित या आदिवासी है तो अपराध करने वाले को 4 से 7 साल की कैद और 3 लाख रुपये से ज्यादा के जुर्माने की सजा दी जाएगी। यदि कोई संगठन कानून तोड़ता है तो उसके अध्यक्ष को 3 से 10 साल तक जेल की सजा भुगतनी होगी।
सीएम ने फरवरी में की थी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून की घोषणा
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस साल 14 फरवरी को वडोदरा में एक चुनावी रैली के दौरान शादी के नाम पर जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून लाने की घोषणा की थी।
विस्तार
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उस संशोधन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, जिसमें धोखे से या जबरन विवाह के जरिये धर्मांतरण करने पर 10 साल तक की सजा और दो लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
गुजरात ऐसा कानून लाने वाला तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात से पहले भाजपा शासित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार भी वैवाहिक धर्मांतरण रोकने के लिए इसी तरह का कानून ला चुकी हैं। तीनों राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है।
गुजरात के संसदीय कार्य मंत्री भूपेंद्र सिंह चुड़ासमा ने शनिवार को बताया कि राज्यपाल ने इस बजट सत्र में पारित सात अन्य विधेयकों के साथ गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2021 को भी मंजूर कर दिया है। इसके साथ ही यह संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है।
उन्होंने बताया कि संशोधित कानून में जबरन धर्मांतरण के लिए विवाह या किसी की शादी कराने या किसी की शादी करने में मदद करने के लिए 2 लाख रुपये के जुर्माने और 3 से 5 साल तक कैद की सजा मिलेगी। यदि पीड़ित नाबालिग, महिला, दलित या आदिवासी है तो अपराध करने वाले को 4 से 7 साल की कैद और 3 लाख रुपये से ज्यादा के जुर्माने की सजा दी जाएगी। यदि कोई संगठन कानून तोड़ता है तो उसके अध्यक्ष को 3 से 10 साल तक जेल की सजा भुगतनी होगी।
सीएम ने फरवरी में की थी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून की घोषणा
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस साल 14 फरवरी को वडोदरा में एक चुनावी रैली के दौरान शादी के नाम पर जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून लाने की घोषणा की थी।