पूर्वी लद्दाख में डेढ़ साल से जारी गतिरोध के समाधान के लिए भारत-चीन के बीच बुधवार को 14वें दौर की वार्ता हुई। सूत्रों के अनुसार वार्ता में भारत ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने पर जोर दिया। करीब तीन महीने बाद कोर कमांडर स्तर की यह वार्ता पूर्वी एलएसी के पास चुशुल मोल्डो सीमा में हुई।
बातचीत के दौरान भारत का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग (पेट्रोलिंग प्वाइंट 15) में तनाव कम करने पर था। यह बातचीत लेह स्थित 14 कोर के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के नेतृत्व में हुई। सूत्रों के मुताबिक, करीब नौ घंटे चली बैठक में भारत ने डेपसांग बुलगे और डेमचोक में गतिरोध के समाधान के लिए संघर्ष की स्थिति को जल्द कम करने पर जोर दिया।
सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा था, 14वें दौर की वार्ता में उम्मीद है कि अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे, हालांकि इन सबके बीच खतरे को कम नहीं माना जा सकता। इससे पहले 13वें दौर की वार्ता पिछले साल अक्तूबर में हुई थी।
भारत इन मुद्दों पर देगा जोर
इस वार्ता से यह उम्मीद जताई गई थी कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्तूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी।
पैंगोंग झील पर चीन बना रहा एक पुल
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल बनाने के लिए भारत द्वारा चीन पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद ताजा बातचीत हो रही है और कहा कि यह उस क्षेत्र में है जो लगभग 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में है।
चीन ने अरुणाचल में 15 स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की थी
चीनी सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से कुछ दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी। चीन के इस कदम पर भारत सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि उसने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में रने का प्रयास करने की रिपोर्ट देखी है और कहा कि सीमावर्ती राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा और आविष्कृत नामों को निर्दिष्ट करेगा इस तथ्य को नहीं बदलता है।
पांच मई 2020 के बाद से पूर्वी लद्दाख में जारी है सीमा गतिरोध
पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पैदा हुआ था। इसके बाद सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के चलते पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों द्वारा पिछले साल पूरी की गई थी। बताया जाता है कि एलएसी के संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में दोनों में से प्रत्येक देश के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। चीन: जिनपिंग सरकार ने भारत के साथ सीमा पर मौजूदा स्थिति को स्थिर बताया, आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता
चीनी सेना के साथ निर्णायक ढंग से निपटेंगे : जनरल नरवणे
थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सेना चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साथ निर्णायक ढंग से और मजबूती से निपटेगी। उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिक आंशिक रूप से पीछे हटे हैं, मगर खतरा अब भी कम नहीं हुआ है।
जनरल नरवणे ने कहा, सेना चीन की ओर से नए भू-कानून के अनुरूप किसी भी सैन्य गतिविधि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना प्रमुख ने कहा, उत्तरी सीमा पर डेढ़ साल में हमारी क्षमता बढ़ी है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी सुरक्षा कदम उठाए हैं।
सियाचिन में दोनों सेनाएं आमने-सामने
जनरल नरवणे ने कहा, पाकिस्तान ने कब्जा करने की कोशिश की तो हमने भी वहां तैनाती की। पूरे सियाचिन ग्लेशियर में भारत और पाकिस्तान के सैनिक आमने-सामने हैं। सैनिकों को कम करने या हटाने के बारे में तब सोचा जा सकता है, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एजीपीएल) को दोनों देश मंजूर कर लें। नरवणे ने कहा, पाकिस्तान का छद्म युद्ध जारी है। सीमा पार आतंकी शिविरों में 350-400 आतंकी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
नगालैंड हत्या : जांच के नतीजों के आधार पर होगी उचित कार्रवाई
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा है कि नगालैंड हत्या केस में जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगालैंड के मोन जिले में हुई इस घटना को अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। नगालैंड में सुरक्षा बलों के एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में गलत पहचान के चलते 14 स्थानीय लोग मार गए थे। बाद में हुई झड़प में सुरक्षा बल का एक जवान की भी मौत हो गई थी।
विस्तार
पूर्वी लद्दाख में डेढ़ साल से जारी गतिरोध के समाधान के लिए भारत-चीन के बीच बुधवार को 14वें दौर की वार्ता हुई। सूत्रों के अनुसार वार्ता में भारत ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने पर जोर दिया। करीब तीन महीने बाद कोर कमांडर स्तर की यह वार्ता पूर्वी एलएसी के पास चुशुल मोल्डो सीमा में हुई।
बातचीत के दौरान भारत का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग (पेट्रोलिंग प्वाइंट 15) में तनाव कम करने पर था। यह बातचीत लेह स्थित 14 कोर के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के नेतृत्व में हुई। सूत्रों के मुताबिक, करीब नौ घंटे चली बैठक में भारत ने डेपसांग बुलगे और डेमचोक में गतिरोध के समाधान के लिए संघर्ष की स्थिति को जल्द कम करने पर जोर दिया।
सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा था, 14वें दौर की वार्ता में उम्मीद है कि अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे, हालांकि इन सबके बीच खतरे को कम नहीं माना जा सकता। इससे पहले 13वें दौर की वार्ता पिछले साल अक्तूबर में हुई थी।
भारत इन मुद्दों पर देगा जोर
इस वार्ता से यह उम्मीद जताई गई थी कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्तूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी।
पैंगोंग झील पर चीन बना रहा एक पुल
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल बनाने के लिए भारत द्वारा चीन पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद ताजा बातचीत हो रही है और कहा कि यह उस क्षेत्र में है जो लगभग 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में है।
चीन ने अरुणाचल में 15 स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की थी
चीनी सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से कुछ दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी। चीन के इस कदम पर भारत सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि उसने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में रने का प्रयास करने की रिपोर्ट देखी है और कहा कि सीमावर्ती राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा और आविष्कृत नामों को निर्दिष्ट करेगा इस तथ्य को नहीं बदलता है।
पांच मई 2020 के बाद से पूर्वी लद्दाख में जारी है सीमा गतिरोध
पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पैदा हुआ था। इसके बाद सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के चलते पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों द्वारा पिछले साल पूरी की गई थी। बताया जाता है कि एलएसी के संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में दोनों में से प्रत्येक देश के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। चीन: जिनपिंग सरकार ने भारत के साथ सीमा पर मौजूदा स्थिति को स्थिर बताया, आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता