कर्नाटक के हुबली में शुक्रवार को मस्जिद में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने से रोकने पर लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इस हमले में चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। यह घटना शहर के मंटूर रोड के निकट स्थित मस्जिद में हुआ। घायल पुलिसवालों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
इस घटना को लेकर हुबली धारवाड़ के पुलिस कमिश्नर आर. दिलिप ने कहा कि हमले में चार पुलिसवाले घायल हुए है। घटना में शामिल दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सरकारी आदेश की खुली अवहेलना करते हुए लोग मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के लिए एकत्र हुए, जिसके बाद लॉकडाउन को लागू करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची। जब उन्होंने नमाज को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय युवक और महिलाएं वहां इकट्ठा हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
बिहार और गुजरात में भी इसी तरह की घटना आई सामने
इसी तरह की घटना बिहार के मधुबनी और गुजरात के अहमदाबाद से सामने आई थी। हाल ही में, एक इलाके की मस्जिद में जांच के लिए गए एक पुलिस दल पर हमला किया गया था और उन पर गोलियां चलाई गई थीं। पुलिस को जानकारी मिली थी कि मस्जिद के अंदर एक जमात का आयोजन किया गया था और तब्लीगी जमात से जुड़े बड़ी संख्या में लोग अंदर छिपे थे। यह हमला इतना हिंसक था कि पुलिसवालों को जान बचाकर भागना पड़ा। स्थानीय लोगों ने सरकारी वाहन को भी नष्ट कर दिया और उसे पास के तालाब में धकेल दिया।
इसी तरह, अहमदाबाद के गोमतीपुर इलाके में एक पुलिस खोज दल पर पथराव किया गया जब वे उस क्षेत्र में पहुंचे, जहां निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन जब पुलिस दल वहां पहुंचा तो लोगों की भीड़ ने उनपर पथराव शुरू कर दिया।
इस सप्ताह के शुरू में बिहार के मुंगेर में कासिम बाजार पुलिस थाना क्षेत्र के हजरत गंज चौक पर चिकित्सा कर्मचारियों और पुलिस पर पत्थर फेंके गए थे। स्थानीय लोगों का आरोप था कि प्रशासन द्वारा दी गई पृथकता केंद्र की सुविधा जेल जैसी थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया है। लोगों से मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में सामूहिक रूप से जमा नहीं होने की सलाह जारी की गई है। बावजूद कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
कर्नाटक के हुबली में शुक्रवार को मस्जिद में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने से रोकने पर लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इस हमले में चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। यह घटना शहर के मंटूर रोड के निकट स्थित मस्जिद में हुआ। घायल पुलिसवालों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
इस घटना को लेकर हुबली धारवाड़ के पुलिस कमिश्नर आर. दिलिप ने कहा कि हमले में चार पुलिसवाले घायल हुए है। घटना में शामिल दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सरकारी आदेश की खुली अवहेलना करते हुए लोग मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के लिए एकत्र हुए, जिसके बाद लॉकडाउन को लागू करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची। जब उन्होंने नमाज को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय युवक और महिलाएं वहां इकट्ठा हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
बिहार और गुजरात में भी इसी तरह की घटना आई सामने
इसी तरह की घटना बिहार के मधुबनी और गुजरात के अहमदाबाद से सामने आई थी। हाल ही में, एक इलाके की मस्जिद में जांच के लिए गए एक पुलिस दल पर हमला किया गया था और उन पर गोलियां चलाई गई थीं। पुलिस को जानकारी मिली थी कि मस्जिद के अंदर एक जमात का आयोजन किया गया था और तब्लीगी जमात से जुड़े बड़ी संख्या में लोग अंदर छिपे थे। यह हमला इतना हिंसक था कि पुलिसवालों को जान बचाकर भागना पड़ा। स्थानीय लोगों ने सरकारी वाहन को भी नष्ट कर दिया और उसे पास के तालाब में धकेल दिया।
इसी तरह, अहमदाबाद के गोमतीपुर इलाके में एक पुलिस खोज दल पर पथराव किया गया जब वे उस क्षेत्र में पहुंचे, जहां निजामुद्दीन की तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन जब पुलिस दल वहां पहुंचा तो लोगों की भीड़ ने उनपर पथराव शुरू कर दिया।
इस सप्ताह के शुरू में बिहार के मुंगेर में कासिम बाजार पुलिस थाना क्षेत्र के हजरत गंज चौक पर चिकित्सा कर्मचारियों और पुलिस पर पत्थर फेंके गए थे। स्थानीय लोगों का आरोप था कि प्रशासन द्वारा दी गई पृथकता केंद्र की सुविधा जेल जैसी थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया है। लोगों से मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में सामूहिक रूप से जमा नहीं होने की सलाह जारी की गई है। बावजूद कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।