दिवाली के पूर्व महिलाओं द्वारा अखंड सुहाग की कामन के साथ कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवा चौथ का महाव्रत रखा जाता है। इस बार यह रविवार को आया है। राजधानी दिल्ली व यूपी समेत देश के कुछ हिस्सों में मौसम खराब होने से महिलाओं को चंद्र दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि चांद देखने से पहले कुछ ऐसे काम हैं, जो नहीं करना चाहिए। यदि ये काम किए तो वांछित फल से वंचित हो सकते हैं। करवा चौथ चूंकि अखंड सुहाग की कामना के लिए किया जाता है, इसलिए इस दिन महिलाओं को मेहंदी, रोगन के अलावा श्रृंगार की तमाम सामग्री धारण कर लाल कपड़े पहनना चाहिए।
ज्योतिषी शास्त्र के ज्ञाताओं का कहना है कि करवा चौथ पर चंद्र दर्शन और व्रत खोलने से पहले महिलाओं को किसी को दूध, दही, चावल और सफेद कपड़ा नहीं देना चाहिए। यानी सफेद वस्तुएं किसी को देने से चंद्रमा नाराज हो सकते हैं।
कर्मकांड व धार्मिक अनुष्ठान के जानकारों का कहना है कि वैसे तो हमें कभी भी बुजुर्गों या हमसे बड़ी उम्र के लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन इस दिन खासतौर से यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी बुजुर्ग महिला का अपमान न हो।
इस दिन गौरी यानी देवी पार्वती की पूजा करना विशेष लाभकारी माना गया है। चंद्र दर्शन व पूजन के बाद देवी मां को हलवे का भोग अवश्य अर्पित करना चाहिए।
करवा चौथ का महाव्रत अखंड सुहाग की कामना के लिए किया जाता है। शादीशुदा महिलाएं दिनभर निराहार रहती हैं। इस दौरान वे पानी भी नहीं पीतीं। दिनभर व्रत के बाद रात में चांद दिखने के बाद उसकी पूजा अर्चना व भोग अर्पित कर व्रत खोला जाता है। चांद की पूजा के दौरान करवे से सात बार चांद को अर्ध्य दिया जाता है। महिलाएं चांद के सामने छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं। फिर पति पत्नी को पानी पिलाकर उनका उपवास खुलवाते हैं।
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दिवाली के पूर्व महिलाओं द्वारा अखंड सुहाग की कामन के साथ कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवा चौथ का महाव्रत रखा जाता है। इस बार यह रविवार को आया है। राजधानी दिल्ली व यूपी समेत देश के कुछ हिस्सों में मौसम खराब होने से महिलाओं को चंद्र दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि चांद देखने से पहले कुछ ऐसे काम हैं, जो नहीं करना चाहिए। यदि ये काम किए तो वांछित फल से वंचित हो सकते हैं। करवा चौथ चूंकि अखंड सुहाग की कामना के लिए किया जाता है, इसलिए इस दिन महिलाओं को मेहंदी, रोगन के अलावा श्रृंगार की तमाम सामग्री धारण कर लाल कपड़े पहनना चाहिए।