न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संदीप भट्ट
Updated Thu, 20 Dec 2018 11:39 PM IST
‘खुशखबर’ में पहली खबर उनके लिए है जो नौकरी की तलाश में हैं। वहीं एक जगह तो नौकरी मिलने के साथ ही महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड भी मिल रहे हैं। वहीं खुशखबरी ये भी है कि अब दवा की तरह मेडिकल जांच भी सस्ती करने की कोशिश तेज हो गई है। इसी के साथ बता दें कि इसरो ने अब अंतरिक्ष में एक और कदम आगे बढ़ाया है।
भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम काफी तेजी से चल रहा है। वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। जनवरी से इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए जाने शुरू कर दिए जाएंगे। बता दें कि बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से लगभग 3500 लोगों की सीधी भर्ती की जाएगी। इसमें गाड़ियों को चलाने के लिए पायलट, पटरियां बिछाने और उनकी देखरेख के लिए स्टॉफ रखा जाएगा।
वहीं सिग्नलिंग और अन्य तकनीकी कामों के लिए भी भर्ती की जाएगी। NHSRCL की ओर से ट्रैक बिछाने के लिए लगभग 2 लाख स्लीपर्स बिछाने के लिए 4 फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी। इसके लिए भी कर्मियों की भर्ती की जाएगी। इन सीधी भर्तियों के अलावा सरकार के इस प्रोजेक्ट से अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जहां चाह होती है वहीं राह होती है। इस कहावत को हकीकत में बदला है पुणे के रहने वाले एक युवा सचिन ने। दरअसल, कुछ सालों पहले सचिन की मां को एक ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। जिसके बाद सचिन ने निश्चय किया कि अब किसी और महिला को इस तरह के ऑपरेशन से न गुजरना पड़े। इसके लिए उन्होंने 'समाजबंध' नाम का एक एनजीओ भी शुरू किया है, जो सैनिटरी पैड बनाकर गरीब आदिवासी महिलाओं के बीच बांटने का काम करती है।
खास बात ये है कि ये एनजीओ पहले लोगों के बीच जाकर पुराने कपड़े एकत्रित करती है, फिर इन कपड़ों से सैनिटरी पैड बनाने का काम करती है। उसके बाद इन कपड़ों को गरीब आदिवासी महिलाओं के बीच वितरित किया जाता है। एनजीओ का उद्देश्य है कि गरीब आदिवासी महिलाओं को स्वस्थ जीवन उपलब्ध कराया जा सके।
सरकार ने स्वास्थ्य जांच की कीमतों में मनमानी पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का राष्ट्रीय अनिवार्य जांच सूची का मसौदा आने के बाद अस्पतालों में मरीजों को सस्ती मेडिकल जांच का लाभ मिलेगा। इसे दवाओं की तरह मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की तैयारी है। हालांकि इसका निर्णय राष्ट्रीय मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) पर छोड़ दिया गया है।
भारत के अब तक के सबसे भारी-भरकम उपग्रह ‘जीसैट-11’ को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार (19-दिसंबर-2018) को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। इसरो बुधवार की शाम को देश का 35वां संचार सेटेलाइट जीसैट-7ए लांच करने जा रहा है। इस सैटेलाइट की मदद से भारतीय वायुसेना को बड़ी ताकत मिलेगी।
इस सैटेलाइट से ग्राउंड रडार स्टेशन, एयरबेस और AWACS एयरक्राफ्ट को इंटरलिंक करने में काफी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं एयरफोर्स के ग्लोबल ऑपरेशन को भी बड़ा पुश मिलेगा। ना सिर्फ एयरबेस इंटरलिंक बल्कि ड्रोन ऑपरेशन, मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) की ताकत भी इसके जरिए बढ़ेगी।
‘खुशखबर’ में पहली खबर उनके लिए है जो नौकरी की तलाश में हैं। वहीं एक जगह तो नौकरी मिलने के साथ ही महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड भी मिल रहे हैं। वहीं खुशखबरी ये भी है कि अब दवा की तरह मेडिकल जांच भी सस्ती करने की कोशिश तेज हो गई है। इसी के साथ बता दें कि इसरो ने अब अंतरिक्ष में एक और कदम आगे बढ़ाया है।