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Kiren Rijiju lays stress on reducing pendency of cases in lower judiciary, Constitution Day
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Kiren Rijiju: किरेन रिजिजू ने लंबित मामलों पर जताई चिंता, बोले- निचली अदालतों में कदम उठाने की जरूरत
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 27 Nov 2022 12:43 AM IST
सार
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कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 70,000 मामले लंबित हैं, उच्च न्यायालयों में लगभग 70 लाख और बाकी निचली न्यायपालिका में हैं। निचली न्यायपालिका में लंबित मामले हमारे ध्यान का केंद्र होना चाहिए।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को भारत की विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े पांच करोड़ मामलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इसे कम करने के लिए विशेष रूप से निचली अदालतों में कदम उठाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
न्यायपालिका में लंबित मामलों पर ध्यान देना चाहिए
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 70,000 मामले लंबित हैं, उच्च न्यायालयों में लगभग 70 लाख और बाकी निचली न्यायपालिका में हैं। निचली न्यायपालिका में लंबित मामले हमारे ध्यान का केंद्र होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों को प्रभावी ढंग से निपटाने की जरूरत है।
न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा
उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं मौजूदगी पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों में काफी बदलाव आए हैं। महिलाओं का न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व बढ़ा है। जबकि उच्च अदालतों में अभी इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रहीं मौजूद
न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले पर बोलते हुए कानून मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सामाजिक विविधता के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध करती रही है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें भेजते समय कुछ चीजों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने यह भी बताया कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के समन्वय से अच्छी सफलता मिली है। संविधान दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी उपस्थित रहे।
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