चुनाव डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Nilesh Kumar
Updated Wed, 22 May 2019 08:52 PM IST
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस ने ईवीएम और आदर्श आचार संहिता को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट पर्चियों से ईवीएम के मिलान करने की विपक्ष की मांग चुनाव आयोग ने खारिज कर दी, जिसके बाद आयोग के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के लिए आदर्श आचार संहिता 'मोदी प्रचार संहिता' बन गई है, जबकि ईवीएम 'इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन' बन गई है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मीडिया से ही उन्हें पता चला है कि चुनाव आयोग ने हमारी दो मांगे निरस्त कर दी। पहली मांग मतगणना से पहले पर्चियों के मिलान की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि इस मांग को खारिज करने का क्या औचित्य हो सकता है? इसका क्या आधार है?'
उन्होंने आगे कहा कि हमने यह भी कहा था कि पर्चियों के मिलान में कमी पाई जाती है तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में 100 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। इस मांग को भी नहीं माना गया। इसमें भी आयोग को क्या दिक्कत हो सकती है?
सिंघवी ने आरोप लगाया कि
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था के लिए काला दिन है। अगर सिर्फ एक ही पक्ष लेना है, एक ही पक्ष की सुनवाई करनी है तो फिर संस्था की स्वतंत्रता का क्या मतलब रह जाता है?' मालूम हो कि चुनाव आयोग ने बुधवार को अहम बैठक की थी। बैठक के बाद 22 विपक्षी पार्टियों की उस मांग को आयोग ने खारिज कर दिया, जिसमें मतगणना से पहले वीवीपीएटी की पर्चियों को गिने जाने की मांग की गई थी।
विपक्ष की मांग थी कि मतगणना से पहले वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती हो और समानता ना पाई गई तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र के वीवीपीएटी की पर्चियों की गिनती की जाए। आयोग ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि मतगणना से पहले वीवीपैट से मिलान नहीं किया जाएगा, बल्कि मतगणना के अंत में ही पर्चियों का मिलान किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस ने ईवीएम और आदर्श आचार संहिता को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट पर्चियों से ईवीएम के मिलान करने की विपक्ष की मांग चुनाव आयोग ने खारिज कर दी, जिसके बाद आयोग के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के लिए आदर्श आचार संहिता 'मोदी प्रचार संहिता' बन गई है, जबकि ईवीएम 'इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन' बन गई है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मीडिया से ही उन्हें पता चला है कि चुनाव आयोग ने हमारी दो मांगे निरस्त कर दी। पहली मांग मतगणना से पहले पर्चियों के मिलान की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि इस मांग को खारिज करने का क्या औचित्य हो सकता है? इसका क्या आधार है?'
उन्होंने आगे कहा कि हमने यह भी कहा था कि पर्चियों के मिलान में कमी पाई जाती है तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में 100 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। इस मांग को भी नहीं माना गया। इसमें भी आयोग को क्या दिक्कत हो सकती है?
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सिंघवी ने आरोप लगाया कि
अब चुनाव आचार संहिता बन गई है चुनाव प्रचार संहिता। ऐसा लगता है कि ईवीएम भाजपा इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन बना गई है।