भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। वार्ता के दौरान मंत्रालय ने एनजीओ, आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रही लड़ाई, विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी जापान यात्रा और ढांचा विध्वंस मामले पर फैसले के साथ कई अन्य मुद्दों पर बात की।
ढांचा विध्वंस फैसला : पाक को लोकतंत्र की समझ नहीं
ढांचा विध्वंस मामले में फैसले पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत एक परिपक्व लोकतंत्र है जहां सरकार और जनता अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। यह ऐसी व्यवस्था के लिए कठिन हो सकता है जहां जनता और अदालत की आवाज को सरकार चुप करा देती है।
बता दें कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को मामले में फैसला सुनाते हुए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस पर पाक ने कहा था कि जिम्मेदार लोगों को बरी करना शर्मनाक है और पाकिस्तान इसकी निंदा करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा भारत में काम बंद करने पर कहा कि एनजीओ को लेकर गृह मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। एनजीओ से उम्मीद की जाती है कि वह हमारे नियमों का पालन करें, जैसे वह अमेरिका या अन्य देशों में करते हैं।
उल्लेखनीय है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि उसकी प्रतिकूल रिपोर्ट को लेकर सरकार उसके पीछे पड़ी हुई है। इसके साथ ही संस्था ने भारत में अपना काम रोक दिया था। वहीं, भारत ने कहा था कि एमनेस्टी के बयान दुर्भाग्यपूर्ण, अतिरंजित और सच्चाई से दूर हैं।
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रही लड़ाई पर मंत्रालय ने कहा कि हमें इसकी चिंताजनक रिपोर्ट मिली हैं। भारत इस स्थिति को लेकर चिंतित है जिसकी वजह से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर खतरा बन गया है। हम दोनों पक्षों के लिए शत्रुता को तुरंत खत्म करने की जरूरत दोहराते हैं।
नागोरनो और काराबाख क्षेत्र को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष चल रहा है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को दावा किया था कि संघर्ष में 2,300 से अधिक आर्मेनियाई सैनिक मारे गए और घायल हो गए हैं। नागोर्नो-काराबख इलाके पर दोनों देश अपना अधिकार जताते हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर छह और सात अक्तूबर को जापान की यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच मंत्री स्तर की दूसरी बैठक का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में चारों देशों के विदेश मंत्री शिरकत करेंगे।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा इस बैठक का एजेंडा मुख्य रूप से कोविड-19 के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के साथ वैश्विक महामारी से निपटने के लिए समन्वय युक्त जवाब की जरूरत पर केंद्रित रहेगा। इसके साथ ही स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
वहीं, मंत्रालय ने अपने उच्चायुक्त की नियुक्ति में फेरबदल की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में रिपब्लिक ऑफ मॉरीशस में भारत की उच्चायुक्त के रूप में सेवा दे रहीं तन्मया लाल को किंगडम ऑफ स्वीडन में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। वार्ता के दौरान मंत्रालय ने एनजीओ, आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रही लड़ाई, विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी जापान यात्रा और ढांचा विध्वंस मामले पर फैसले के साथ कई अन्य मुद्दों पर बात की।
ढांचा विध्वंस फैसला : पाक को लोकतंत्र की समझ नहीं
ढांचा विध्वंस मामले में फैसले पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत एक परिपक्व लोकतंत्र है जहां सरकार और जनता अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। यह ऐसी व्यवस्था के लिए कठिन हो सकता है जहां जनता और अदालत की आवाज को सरकार चुप करा देती है।
बता दें कि सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को मामले में फैसला सुनाते हुए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस पर पाक ने कहा था कि जिम्मेदार लोगों को बरी करना शर्मनाक है और पाकिस्तान इसकी निंदा करता है।