न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Sneha Baluni
Updated Tue, 22 Oct 2019 10:14 AM IST
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने एक साल की देरी के बाद आखिरकार सोमवार को 2017 के आंकड़े जारी कर दिए। रिपोर्ट में लगभग हर श्रेणी के अपराधों के आंकड़े दिए गए हैं। रिपोर्ट की खास बात यह है कि इस बार भ्रामक (फर्जी) खबर को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार इसमें 257 मामले दर्ज किए गए हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश फर्जी संदेश फैलाने के मामले में पहले नंबर पर रहा। यहां 138 मामले रिपोर्ट हुए। 32 मामलों के साथ यूपी दूसरे और 18 के साथ केरल तीसरे स्थान पर रहा। जम्मू कश्मीर में फर्जी खबर के केवल चार मामले दर्ज हुए।
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यह पहली बार है जब सरकार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 505 के तहत ऐसे अपराधों पर डाटा संकलित किया है। आईटी अधिनियम के साथ धारा 505 के तहत अपराध दर्ज किए गए थे। 11 राज्यों में झूठी खबरों/ अफवाहों की कोई घटना दर्ज नहीं हुई। जिसमें झारखंड और हरियाणा शामिल है। यहां बच्चा चोरी, पशु तस्करी आदि के मामले में कई लोगों की जान चली गई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने एक साल की देरी के बाद आखिरकार सोमवार को 2017 के आंकड़े जारी कर दिए। रिपोर्ट में लगभग हर श्रेणी के अपराधों के आंकड़े दिए गए हैं। रिपोर्ट की खास बात यह है कि इस बार भ्रामक (फर्जी) खबर को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार इसमें 257 मामले दर्ज किए गए हैं।
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यह पहली बार है जब सरकार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 505 के तहत ऐसे अपराधों पर डाटा संकलित किया है। आईटी अधिनियम के साथ धारा 505 के तहत अपराध दर्ज किए गए थे। 11 राज्यों में झूठी खबरों/ अफवाहों की कोई घटना दर्ज नहीं हुई। जिसमें झारखंड और हरियाणा शामिल है। यहां बच्चा चोरी, पशु तस्करी आदि के मामले में कई लोगों की जान चली गई है।